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Sunday, June 30, 2013

राजकीय शिक्षकों की सेवानिवृति आयु 62 वर्ष करने की तैयारी


राजकीय शिक्षकों की सेवानिवृति आयु 62 वर्ष करने की तैयारी

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश में राजकीय स्कूल के शिक्षकों की सेवानिवृति आयु 62 वर्ष करने के साथ ही शासन डेढ़ वर्ष से वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी) के लिए जूझ रहे राजकीय शिक्षकों को अब इसका लाभ देगा। शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए प्रस्ताव भी बनाकर भेज दिया है। इससे लगभग दस हजार शिक्षक लाभान्वित होंगे। साथ ही रिक्त पदों पर पदोन्नति की भी कवायद तेज हो गई है।

गौरतलब है कि राज्य शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों शिक्षा निदेशालय में अपर शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा से मुलाकात कर मांगों का ज्ञापन उन्हें सौंपा था। बीते दिनों माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विनोद सिंह 'पंडितजी' की उपस्थिति में निदेशालय के अधिकारियों से संघ के प्रतिनिधियों की वार्ता हुई। इसमें निदेशक वासुदेव यादव और उप शिक्षा निदेशक साहब सिंह निरंजन व अन्य अधिकारी शामिल थे। उन्होंने बताया कि राजकीय शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने पर भी कार्यवाही चल रही है। संघ के अध्यक्ष पारस नाथ पांडेय ने एसीपी समेत अन्य मांगें रखीं। निदेशक ने बताया कि राज्यकर्मियों की ही भांति राजकीय शिक्षकों को भी एसीपी देने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। राज्यमंत्री विनोद सिंह ने कहा कि इसके लिए जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री से भी अनुरोध किया जाएगा। इस दौरान रिक्तयों के सापेक्ष भर्ती व पदोन्नति का मुद्दा भी उठा। बताया गया 2000 से प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन नहीं हुआ है। 90 फीसदी इंटर कालेजों में प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य नहीं हैं। शिक्षा निदेशक ने आश्वासन दिया कि प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन जल्द ही किया जाएगा। इसके लिए वे स्वयं लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से वार्ता करेंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन हो रहा है। जल्द ही इसकी प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। वार्ता में शासन की ओर से संयुक्त सचिव राजेन्द्र कुमार और राजकीय शिक्षक संघ की महामंत्री छाया शुक्ला भी उपस्थित रहीं।
news source-dainik jagran

कैट के परिणाम में बड़ी गड़बड़ी-



कैट के परिणाम में बड़ी गड़बड़ी-अपलोड करने में बढ़ाए गए 80 परीक्षार्थी के अंक, जांच के आदेश

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : देश के 13 भारतीय प्रबंध संस्थानों (आइआइएम) के साथ अन्य नामचीन बिजनेस स्कूलों में प्रवेश के माध्यम कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) के परिणाम में भी खेल शुरू हो गया है। कैट की वेबसाइट का रखरखाव करने और उस पर रिजल्ट डालने वाली लखनऊ की मेसर्स वेब वीवर्स नामक संस्था ने कैट 2012 के स्कोर में गड़बड़ी कर 80 परीक्षार्थियों के अंक बढ़ा दिये।

गड़बड़ी पता चलने पर कैट 2012 का आयोजन करने वाले आइआइएम कोझिकोड ने संस्था के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने भी मामले की जांच के लिए भारतीय प्रबंध संस्थानों के प्रतिनिधियों की उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी है।

आइआइएम कोझिकोड ने 11 अक्टूबर से छह नवंबर तक कैट की परीक्षा आयोजित करायी थी। कम्प्यूटर आधारित परीक्षा का मूल्यांकन कार्य तो मेसर्स प्रोमेट्रिक्स संस्था ने किया लेकिन कैट की वेबसाइट पर परीक्षा परिणाम को अपलोड करने वाली संस्था वेब वीवर्स ने कुछ परीक्षार्थियों के अंक बढ़ा दिये। शिकायत मिलने पर वेबसाइट पर प्रदर्शित रिजल्ट का जब मास्टर डाटा सीडी से मिलान किया गया तो 80 ऐसे परीक्षार्थी मिले जिनके नंबर बढ़ाये गए थे।

आइआइएम कोझिकोड की एडमिशन कमेटी के चेयरमैन प्रो.एसएसएस कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जे.रवींद्र गौड के मुताबिक इस मामले में कोझिकोड पुलिस ने लखनऊ पुलिस से अब तक कोई संपर्क नहीं किया है। प्रो.कुमार के मुताबिक दाखिले के लिए आइआइएम ने प्रोमेट्रिक्स की उपलब्ध करायी गई मास्टर डाटा सीडी का इस्तेमाल किया, इसलिए रिजल्ट में की गई छेड़छाड़ से किसी भी आइआइएम की प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित नहीं हुई। अलबत्ता दाखिले के लिए कैट का स्कोर इस्तेमाल करने वाले कई अन्य प्रबंध संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। इनमें से कई प्रबंध संस्थान कैट की वेबसाइट से ही स्कोर लेते हैं। लिहाजा ऐसे संस्थानों को सतर्क करते हुए उन्हें उन 80 परीक्षार्थियों के टेस्टिंग आइडी उपलब्ध करा दिये गए हैं जिनके अंक बढ़ाये गए हैं।

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तीन साल से रिजल्ट अपलोड कर रही संस्था : इस मामले में आरोपों के घेरे में आयी वेब वीवर्स लखनऊ की संस्था है। 2010 में जब आइआइएम लखनऊ ने कैट आयोजित किया था तो उसने कैट की वेबसाइट पर डाटा अपलोड करने के लिए वेब वीवर्स का चयन किया था। आइआइएम लखनऊ के एडमिशन कमेटी के चेयरमैन प्रो. आशुतोष सिन्हा ने बताया कि संस्थान ने वेब वीवर्स के साथ एक वर्ष का करार किया था। संस्था के काम से संतुष्ट होने पर 2011 में कैट आयोजित करने वाले आइआइएम कलकत्ता और 2012 में आइआइएम कोझिकोड ने भी वेब वीवर्स को दी गई यह जिम्मेदारी बरकरार रखी।

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पते पर नहीं मिला संस्था का दफ्तर : वेब वीवर्स की वेबसाइट पर कंपनी का कोई पता नहीं दर्ज है। आइआइएम लखनऊ में पहले से दर्ज जो पते हासिल हुए उनमें से हजरतगंज के लारेंस टेरेस मोहल्ले के पते पर वेब वीवर्स का कोई दफ्तर नहीं मिला। ऐशबाग के पते पर संस्था का वर्कशॉप
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आप स्नातक या परास्नातक कर रहे हैं तो उसके साथ भी एक पीजी डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं, जो मान्य है।


प्री एडमिशन काउंसिलिंग में कुलपति करेंगे संवाद

इलाहाबाद : अगर आप स्नातक या परास्नातक कर रहे हैं तो उसके साथ भी एक पीजी डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं, जो मान्य है। ऐसी कई छोटी किंतु महत्वपूर्ण जानकारियां न होने से हम अपने इर्द-गिर्द के अच्छे अवसरों को गंवा देते हैं। इस दिशा में विद्यार्थियों, गृहणियों, कामगारों, व्यापारियों और सैनिकों को जागरूक करने के लिए उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने प्री एडमिशन काउंसिलिंग शुरू की है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. एके बख्शी विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में छात्रों से सीधे संवाद करेंगे और उनकी जिज्ञासाओं को शांत करेंगे। काउंसिलिंग यूपीआरटीओयू के इलाहाबाद क्षेत्रीय केंद्र द्वारा तीन जुलाई को आयोजित की गई है। इसके लिए नामांकन शुरू हो गया है।

क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. हरीश चंद्र जायसवाल ने बताया कि काउंसिलिंग में इंटरमीडिएट में सफल विद्यार्थी, गृहणियां, कामकाजी लोगों, व्यापारी और प्रतियोगी छात्रों को मौका दिया गया है। प्री एडमिशन काउंसिलिंग में इलाहाबाद क्षेत्रीय केंद्र के अंतर्गत आने वाले अध्ययन केंद्रों के छात्र भी शामिल हो सकते हैं। काउंसिलिंग में विद्यार्थियों को सूचना विवरणिका व जिज्ञासा पुस्तक उपहार स्वरूप दी जाएगी।
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