टीईटी उत्तीर्ण आज से अनशन पर
लखनऊ, 29 मार्च (जागरण संवाददाता) : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थी अब आमरण अनशन करने को बाध्य हो गए हैं। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघर्ष मोर्चा की गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक इस पक्ष में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हो जाता। गौरतलब है कि अभ्यर्थी टीईटी निरस्त होने की आशंका के चलते आंदोलनरत हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि टीईटी में हुए घोटाले की गाज निर्दोष अभ्यर्थियों पर गिराना ठीक नहीं हैं। हालांकि मामला अभी कोर्ट में लंबित है। शिक्षक बनने के लिए इस वर्ष से अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता कर दी गई है। हालांकि परीक्षा का आयोजन शुरुआत से ही विवादों में रहा। परीक्षा परिणाम में संशोधन के नाम पर की गई धांधली में कई अधिकारियों को कार्रवाई की गई। बड़े स्तर पर हुई धांधली के कारण इस परीक्षा के निरस्त होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि इस आशंका से टीईटी पास अभ्यर्थियों की उम्मीदों को तोड़ दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि धांधली में उनका क्यो दोष? उन्होंने परीक्षा पास की है, परिणाम निकला है तो नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की जाए। इसी मांग की को लेकर प्रदेश भर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी राजधानी में पुलिस की लाठी भी खा चुके हैं। अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मिले लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला। गुरुवार को टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। इसमें विधानभवन के सामने धरनास्थल पर आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया है। अनशन शुक्रवार से शुरू होगा। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के एसके पाठक और नितिन मेहता ने बताया कि अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश सरकार यह घोषणा नहीं करती कि टीईटी को रद नहीं किया जाएगा। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया 30 नवंबर 2011 की विज्ञप्ति के अनुसार होगी। चयन का आधार टीईटी प्राप्तांक की मेरिट ही रखा जाए। बैठक में विवेकानंद, विवेक मिश्र, विजय सिंह तोमर व अन्य उपस्थित रहे। dainik jagran 30/3/12
लखनऊ, 29 मार्च (जागरण संवाददाता) : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थी अब आमरण अनशन करने को बाध्य हो गए हैं। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघर्ष मोर्चा की गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक इस पक्ष में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हो जाता। गौरतलब है कि अभ्यर्थी टीईटी निरस्त होने की आशंका के चलते आंदोलनरत हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि टीईटी में हुए घोटाले की गाज निर्दोष अभ्यर्थियों पर गिराना ठीक नहीं हैं। हालांकि मामला अभी कोर्ट में लंबित है। शिक्षक बनने के लिए इस वर्ष से अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता कर दी गई है। हालांकि परीक्षा का आयोजन शुरुआत से ही विवादों में रहा। परीक्षा परिणाम में संशोधन के नाम पर की गई धांधली में कई अधिकारियों को कार्रवाई की गई। बड़े स्तर पर हुई धांधली के कारण इस परीक्षा के निरस्त होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि इस आशंका से टीईटी पास अभ्यर्थियों की उम्मीदों को तोड़ दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि धांधली में उनका क्यो दोष? उन्होंने परीक्षा पास की है, परिणाम निकला है तो नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की जाए। इसी मांग की को लेकर प्रदेश भर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी राजधानी में पुलिस की लाठी भी खा चुके हैं। अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मिले लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला। गुरुवार को टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। इसमें विधानभवन के सामने धरनास्थल पर आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया है। अनशन शुक्रवार से शुरू होगा। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के एसके पाठक और नितिन मेहता ने बताया कि अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश सरकार यह घोषणा नहीं करती कि टीईटी को रद नहीं किया जाएगा। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया 30 नवंबर 2011 की विज्ञप्ति के अनुसार होगी। चयन का आधार टीईटी प्राप्तांक की मेरिट ही रखा जाए। बैठक में विवेकानंद, विवेक मिश्र, विजय सिंह तोमर व अन्य उपस्थित रहे। dainik jagran 30/3/12