शिक्षक भर्ती प्रक्रिया हो सकती है निरस्त
लखनऊ, 28 मार्च (जागरण ब्यूरो) : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के सिलसिले में लंबित चयन प्रक्रिया निरस्त की जा सकती है। शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर होने से इसकी शुचिता तार-तार हो चुकी है। ऐसे में शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के बीच शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के बारे में सहमति बनी है। सूत्रों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया को रद करने के बारे में बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा गया है। भर्ती प्रक्रिया को रद करने के बाद नए सिरे से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी की मेरिट को ही चयन का आधार बनाने के बसपा सरकार के निर्णय को भी बदला जाना तय है। शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच विचार विमर्श में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने पर सहमति बनी है। एनसीटीई की अधिसूचना के मुताबिक इन 72,825 पदों पर बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों की नियुक्ति एक जनवरी 2012 तक हो जानी चाहिए थी जो कि न हो सकी। शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार उजागर होने से बेसिक शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी हो चुकी है। इस मुद्दे पर कई महीनों से गतिरोध व अनिर्णय की स्थिति बने रहने से अभ्यर्थी भी संशय और दुविधा का सामना कर रहे हैं। यह भी माना जा रहा है कि बसपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार के जो दाग लगे हैं, नई सरकार उससे दामन दागदार नहीं करना चाहेगी। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्यवाही करने का मन बनाया है। dainik jagran 29/3/12
लखनऊ, 28 मार्च (जागरण ब्यूरो) : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के सिलसिले में लंबित चयन प्रक्रिया निरस्त की जा सकती है। शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर होने से इसकी शुचिता तार-तार हो चुकी है। ऐसे में शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के बीच शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के बारे में सहमति बनी है। सूत्रों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया को रद करने के बारे में बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा गया है। भर्ती प्रक्रिया को रद करने के बाद नए सिरे से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी की मेरिट को ही चयन का आधार बनाने के बसपा सरकार के निर्णय को भी बदला जाना तय है। शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच विचार विमर्श में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने पर सहमति बनी है। एनसीटीई की अधिसूचना के मुताबिक इन 72,825 पदों पर बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों की नियुक्ति एक जनवरी 2012 तक हो जानी चाहिए थी जो कि न हो सकी। शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार उजागर होने से बेसिक शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी हो चुकी है। इस मुद्दे पर कई महीनों से गतिरोध व अनिर्णय की स्थिति बने रहने से अभ्यर्थी भी संशय और दुविधा का सामना कर रहे हैं। यह भी माना जा रहा है कि बसपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार के जो दाग लगे हैं, नई सरकार उससे दामन दागदार नहीं करना चाहेगी। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्यवाही करने का मन बनाया है। dainik jagran 29/3/12