शासन को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का प्रस्ताव
लखनऊ, 30 मार्च (जाब्यू): बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए जारी की गई विज्ञप्ति को रद करने की सिफारिश की गई है। यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन शुल्क उन्हें लौटाया जाएगा। अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क लौटाने की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 रुपये और आरक्षित से 200 रुपये आवेदन शुल्क लिया गया था। प्रस्ताव में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट को चयन का आधार बनाने के फैसले को निरस्त कर टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा बनाने की भी सिफारिश की गई है। इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करने की संस्तुति की गई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अध्यापकों की नियुक्ति के लिए एनसीटीई को सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा घोषित किया था, लेकिन सरकार ने नियमावली में संशोधन कर टीईटी की मेरिट को ही शिक्षक चयन का आधार बना दिया था। dainik jagran 31/3/12
लखनऊ, 30 मार्च (जाब्यू): बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए जारी की गई विज्ञप्ति को रद करने की सिफारिश की गई है। यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन शुल्क उन्हें लौटाया जाएगा। अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क लौटाने की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 रुपये और आरक्षित से 200 रुपये आवेदन शुल्क लिया गया था। प्रस्ताव में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट को चयन का आधार बनाने के फैसले को निरस्त कर टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा बनाने की भी सिफारिश की गई है। इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करने की संस्तुति की गई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अध्यापकों की नियुक्ति के लिए एनसीटीई को सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा घोषित किया था, लेकिन सरकार ने नियमावली में संशोधन कर टीईटी की मेरिट को ही शिक्षक चयन का आधार बना दिया था। dainik jagran 31/3/12