BETET-रिक्ति अधिक और टीईटी पास महिला शिक्षक कम
पटना। शिक्षा विभाग ने टीईटी पास अभ्यर्थियों को प्रारंभिक कक्षाओं में नियोजित करने के लिए आवेदन जमा करने का शिडय़ूल जारी कर दिया है। आवेदन टीईटी उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थी कर सकते हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 1 लाख 47 हजार 984 लोगों को सफल घोषित किया था। हालांकि इनमें 21 हजार 357 उम्मीदवार ऐसे हैं जो कक्षा एक से पांच (पेपर-1) और कक्षा 6 से 8 (पेपर-2) दोनों में उत्तीर्ण हैं।
इस तरह टीईटी पास करने वालों की वास्तविक संख्या 1 लाख 26 हजार 627 ही बचती है। बिहार शिक्षक नियोजन नियमावली अधिनियम में आधे पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। अगर नियोजन में इस पर अमल हुआ तो शिक्षा विभाग चाहकर भी आधे पदों को भी नहीं भर पाएगा। विभाग के प्रवक्ता आर एस सिंह भी इसे स्वीकारते हैं।
हालांकि उनका कहना है कि फार्म जमा हो जाने के बाद ही यह अंदाजा लग सकेगा कि किस नियोजन इकाई के पास कितने महिला और कितने पुरुष अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की मंशा कक्षा एक से 8 में फिलहाल सवा लाख शिक्षकों को नियुक्त करने की है।
हालांकि इतने महिला-पुरुष प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर गए हैं। आरटीई कानून के तहत टीईटी पास अभ्यर्थी ही अब शिक्षक बन पाएंगे। इस कानून के मुताबिक छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 करने के लिए राज्य में 3 लाख और शिक्षकों की जरूरत है।
शिक्षा विभाग फिलहाल सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति कर इसे 35:1 करने की जुगत में है। पर टीईटी पास अभ्यर्थियों का विश्लेषण करनें तो एक लाख 47 हजार में महज 37 हजार 335 महिलाएं जबकि 1 लाख 10 हजार 649 पुरुष शिक्षक बनने के पात्र हुए हैं।
प्राथमिक कक्षा में केवल 13261 महिलाएं उत्तीर्ण हैं। जबकि इस श्रेणी में उत्तीर्ण पुरुषों की संख्या 476 हजार 469 है। मध्य विद्यालयों के लिए टीईटी उत्तीर्ण महिलाओं की संख्या 24 हजार 74 है जबकि पुरुषों की संख्या 63 हजार 180 है।
इस तरह नए नियोजन के बाद भी प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षकों का टोटा बना ही रहेगा क्योंकि महिला अभ्यर्थियों की उत्तीर्णता इतनी कम है कि इनका 50 प्रतिशत पूरा करना संभव नहीं है।
पटना। शिक्षा विभाग ने टीईटी पास अभ्यर्थियों को प्रारंभिक कक्षाओं में नियोजित करने के लिए आवेदन जमा करने का शिडय़ूल जारी कर दिया है। आवेदन टीईटी उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थी कर सकते हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 1 लाख 47 हजार 984 लोगों को सफल घोषित किया था। हालांकि इनमें 21 हजार 357 उम्मीदवार ऐसे हैं जो कक्षा एक से पांच (पेपर-1) और कक्षा 6 से 8 (पेपर-2) दोनों में उत्तीर्ण हैं।
इस तरह टीईटी पास करने वालों की वास्तविक संख्या 1 लाख 26 हजार 627 ही बचती है। बिहार शिक्षक नियोजन नियमावली अधिनियम में आधे पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। अगर नियोजन में इस पर अमल हुआ तो शिक्षा विभाग चाहकर भी आधे पदों को भी नहीं भर पाएगा। विभाग के प्रवक्ता आर एस सिंह भी इसे स्वीकारते हैं।
हालांकि उनका कहना है कि फार्म जमा हो जाने के बाद ही यह अंदाजा लग सकेगा कि किस नियोजन इकाई के पास कितने महिला और कितने पुरुष अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की मंशा कक्षा एक से 8 में फिलहाल सवा लाख शिक्षकों को नियुक्त करने की है।
हालांकि इतने महिला-पुरुष प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर गए हैं। आरटीई कानून के तहत टीईटी पास अभ्यर्थी ही अब शिक्षक बन पाएंगे। इस कानून के मुताबिक छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 करने के लिए राज्य में 3 लाख और शिक्षकों की जरूरत है।
शिक्षा विभाग फिलहाल सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति कर इसे 35:1 करने की जुगत में है। पर टीईटी पास अभ्यर्थियों का विश्लेषण करनें तो एक लाख 47 हजार में महज 37 हजार 335 महिलाएं जबकि 1 लाख 10 हजार 649 पुरुष शिक्षक बनने के पात्र हुए हैं।
प्राथमिक कक्षा में केवल 13261 महिलाएं उत्तीर्ण हैं। जबकि इस श्रेणी में उत्तीर्ण पुरुषों की संख्या 476 हजार 469 है। मध्य विद्यालयों के लिए टीईटी उत्तीर्ण महिलाओं की संख्या 24 हजार 74 है जबकि पुरुषों की संख्या 63 हजार 180 है।
इस तरह नए नियोजन के बाद भी प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षकों का टोटा बना ही रहेगा क्योंकि महिला अभ्यर्थियों की उत्तीर्णता इतनी कम है कि इनका 50 प्रतिशत पूरा करना संभव नहीं है।
news source-hindutan news paper 26/6/12