पटना हाईकोर्ट ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से पूछा है-'कई वर्षो की परीक्षाएं एकसाथ क्यों ली जाती हैं?' आयोग को एक महीने में इस सवाल का जवाब देना है। उसे कोर्ट में हलफनामा दायर करना है।
मुख्य न्यायाधीश रेखा एम.दोषित एवं न्यायाधीश ए.अमानुल्लाह की खंडपीठ ने बुधवार को संजय कुमार वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग को हलफनामा दायर करने को कहा। याचिकाकर्ता के वकील दयाशंकर प्रसाद ने एकसाथ कई परीक्षाओं के आयोजन पर आपत्ति की। उन्होंने कहा कि ऐसा किया जाना सरासर गलत है। प्रतियोगियों के साथ अन्याय है। कुछ वर्षों की लंबित परीक्षाएं एकसाथ लेने से प्रतियोगियों को परीक्षा में शामिल होने का अधिकतम अवसर नहीं मिलता है। यह नियमानुकूल भी नहीं है।
कोर्ट को बताया गया कि 2008 में 48 वीं से लेकर 52 वी तक की परीक्षा एकसाथ ली गई। इसी प्रकार 2011 में 53 वीं, 54 वीं एवं 55 वीं परीक्षाएं एकसाथ होने का विज्ञापन निकला। विगत कुछ साल से ऐसा हो रहा है।source-dainik jagran 28/6/12