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Sunday, February 24, 2013

UPSEE- गौतम बुद्घ प्राविधिक विश्वविद्यालय ने इसके परिणाम एवं काउंसलिंग का भी प्रस्तावित कार्यक्रम जारी कर दिया

UPSEE- गौतम बुद्घ प्राविधिक विश्वविद्यालय ने इसके परिणाम एवं काउंसलिंग का भी प्रस्तावित कार्यक्रम जारी कर दिया
राज्य प्रवेश परीक्षा का शैक्षिक कैलेंडर जारी
लखनऊ : गौतम बुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय ने शनिवार को राज्य प्रवेश परीक्षा का शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिया। इसमें परीक्षा फार्म जमा करने से लेकर काउंसिलिंग करने तक का समय तय कर दिया गया। यह जानकारी जीबीटीयू के कुलसचिव यूएस तोमर ने दी। राज्य प्रवेश परीक्षा में आवेदन करने प्रक्रिया 25 फरवरी से 24 मार्च तक होगी। इसमें अभ्यर्थी ऑनलाइन भी आवेदन कर सकेंगे। प्रवेश परीक्षा तीन चरणों में होगी। जिसमें 20, 21 एवं 27 अप्रैल निर्धारित है। परीक्षा परिणाम 30 मई को घोषित होगा। सीटों के आवंटन हेतु प्रथम काउंसिलिंग 20 जुलाई को होगी। दूसरे चरण की काउंसिलिंग 30 जुलाई को होगी। सत्र की शुरुआत एक अगस्त से होगी। इसके बाद बची हुई सीटों पर आवेदन 15 अगस्त तक हो सकेगा।
-लखनऊ। प्रदेश के इंजीनियरिंग एवं मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली राज्य प्रवेश परीक्षा (एसईई) 2013 की घोषणा हो चुकी है। आयोजक गौतम बुद्घ प्राविधिक विश्वविद्यालय ने इसके परिणाम एवं काउंसलिंग का भी प्रस्तावित कार्यक्रम जारी कर दिया है। इस बार एसईई की काउंसलिंग जुलाई में ही समाप्त करने की तैयारी है। 1 अगस्त से कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। एसईई के काउंसलिंग के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार जीबीटीयू पहले चरण की काउंसलिंग 20 जुलाई एवं दूसरे चरण की काउंसलिंग 30 जुलाई तक समाप्त कर लेगा।

पिछले सत्रों में पहले चरण की काउंसलिंग ही अगस्त के पहले पखवाड़े तक खिंच जाती थी, जबकि दूसरे चरण की काउंसलिंग खत्म होते-होते अगस्त बीत जाता था। एसईई को लेकर 14 दिसंबर को हुई कॉलेजों की बैठक में भी काउंसलिंग के लंबे कार्यक्रम को लेकर सवाल उठे थे। कॉलेज प्रतिनिधियों का कहना था कि एसईई की काउंसलिंग एक महीने से भी अधिक चलती है। लंबे कार्यक्रम के चलते भी दाखिले प्रभावित होते हैं, क्योंकि उस अवधि में छात्रों के पास दूसरे कॉलेजों में भी दाखिले के विकल्प खुल जाते हैं। प्रवेश का सूखा झेल रहे कॉलेजों के इस सुझाव को इस बार जीबीटीयू ने अमली जामा पहनाने का मन बना लिया है। अहम बात यह है कि नए सत्र में खाली सीटों पर कॉलेजों द्वारा सीधे लिए जाने वाले दाखिले भी पंद्रह अगस्त तक खत्म कर लिए जाएंगे। जबकि पिछले सत्रों में यह प्रक्रिया सितंबर तक खिंचती थी।




जेईई के बदले पैटर्न ने आसान की राह ः एसईई से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इस बार आईआईटी जेइई के बदले पैटर्न ने भी एसईई काउंसलिंग की राह थोड़ा आसान कर दी है। बदले पैटर्न में जेईई मेन, जो एआईईईई के समतुल्य है इस बार पहले आयोजित की जा रही है। इसमें सफल 1.50 लाख रैंक तक के अभ्यर्थी आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई एडवांस देंगे। ऐसे में जेईई मेन की परीक्षा व परिणाम दोनों की ही प्रक्रिया मई के पहले सप्ताह में पूरी हो जाएंगी। रिजल्ट पहले आने से जेईई मेन के काउंसलिंग की प्रक्रिया भी जल्दी पूरी होगी। पिछले साल तक जून के आखिरी में एआईईईई के रिजल्ट आते थे। इसके बाद जुलाई में काउंसलिंग शुरू होती थी। एसईई के काउंसलिंग का कार्यक्रम बहुत हद तक एआईईईई की काउंसलिंग पर भी निर्भर करता था, क्योंकि एसईई में अच्छे रैंक पाने वाले बहुत से अभ्यर्थी एआईईईई के जरिए एनआईटी, ट्रिपल आईटी आदि मेें दाखिला ले लेते हैं, इसलिए एसईई की काउंसलिंग इसके बाद कराई जाती है। अब जेईई मेन के पहले होने से एसईई की काउंसलिंग भी पहले कराने में समस्या नहीं आएगी।




15 जून तक साफ होगी मान्यता की तस्वीर ः एसईई के साथ ही जीबीटीयू ने संबद्घता प्रक्रिया का भी कार्यक्रम घोषित कर दिया है। 1 मार्च से 20 मार्च तक संबद्घता विस्तार के लिए आवेदन एवं निरीक्षण शुल्क जमा किया जा सकेगा। विलंब शुल्क के साथ यह प्रक्रिया 30 मार्च तक पूरी की जा सकेगी। 20 अप्रैल तक जीबीटीयू संस्थाओं का निरीक्षण करेगा। वहीं, कॉलेजों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा प्राप्त अनुमोदन पत्र विश्वविद्यालय को 15 अप्रैल तक उपलब्ध करा देना होगा। जीबीटीयू के रजिस्ट्रार यूएस तोमर ने बताया कि जिन कॉलेजों को वर्ष 2013 में एआईसीटीई से अनुमोदन मिला है, उनका निरीक्षण 25 अप्रैल तक हो सकेगा। कॉलेजों को विश्वविद्यालय/शासन द्वारा अनुमोदन दिए जाने या इन्कार किए जाने की सूचना 15 जून तक उपलब्ध करा दी जाएगी।

स्नातक में गणित तो कर सकेंगे एमसीए ः अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) में दाखिले के नियम थोड़े शिथिल किए हैं। नए नियम छात्रों के साथ ही कॉलेजों को भी राहत देने वाले हैं, जो दाखिले का सूखा झेल रहे हैं। अब जिन्होंने ग्रेजुएशन में भी गणित पढ़ा है, उन्हें भी एमसीए में दाखिला मिल सकेगा। एआईसीटीई ने प्रारंभ में एमसीए में दाखिले के लिए जो अर्हता तय की थी, उसके अनुसार अभ्यर्थी को इंटरमीडिएट में गणित पढ़ना जरूरी था। इसके चलते बहुत से ऐसे अभ्यर्थी दाखिले से वंचित हो गए थे, जिन्होंने 12वीं में तो गणित नहीं पढ़ी थी लेकिन ग्रेजुएशन स्तर पर उनका विषय गणित था। इसमें बीएससी एवं बीए के अलावा बीसीए डिग्री धारी छात्र भी थे। जीबीटीयू ने एसईई की अधिसूचना में नए नियम को शामिल कर लिया है।


news source- dainik jagran

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