UPTET-शुरू होने से पहले ही टीईटी भर्ती विवादों में
बैक डोर से भर्ती की आशंका, कहां गई 1554 सीटें
लखीमपुर खीरी। जिले में टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों को प्रशिक्षु अध्यापक बनाने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विवादों में फंस गई है। 6200 प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती के बजाय शासन के निर्देशों को अनसुना करते हुए महज 4646 पदों की काउंसिलिंग के लिए विज्ञप्ति दी गई है, उसमें भी तमाम त्रुटियाें ने जिला स्तरीय भर्ती कमेटी की विश्वनीयता पर सवाल खडे़ कर दिए हैं।
प्राथमिक शिक्षा की तस्वीर बदलने के लिए शासन ने जिला स्तर पर टीईटी उत्तीर्ण उम्मीदवारों को प्रशिक्षु अध्यापक पद पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली हैं, इसमे जिला खीरी में 6200 पदों के लिए शासन स्तर परभर्ती कराने की कवायद की जा रही है। वहीं काउंसिलिंग के लिए बीएसए की ओर से जारी विज्ञप्ति की बात करें तो महज 4646 पदों के लिए आवेदकों को बुलाया गया है, ऐसे में भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए यह कई आवेदकों ने आरोप लगाया है कि शेष 1554 पदों को बैकडोरसे भर्ती कराने के लिए ही सारा खेल किया जा रहा है।
इस बावत अमर उजाला ने एनआईसी खीरी व बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट और सबंधित विषय पर पड़ताल की तो पता चला कि सीटें छुपाने की बात महज आरोप नहीं हैं।
भूतपूर्व सैनिकों का कोटा भी प्रभावितः
शासन की नीति के मुताबिक रिक्त सीटों के पांचफीसदी सीटें भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित की जाएगी, इस तरह 6200 सीटों के सापेक्ष 310 सीटे भूतपूर्व सैनिकों के खाते में आनी चाहिए लेकिन विभाग की ओर से महज 182 आवेदकों को ही काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है। इस तरह भूतपूर्व सैनिकों के कोटे में 128 सीटों का सीधा नुकसान भूतपूर्व सैनिकों को होगा।
क्षैतिज आरक्षण ने बिगाड़ा गणित
शासन की नीति के मुताबिक जिले में रिक्त 6200 सीटों के सापेक्ष आरक्षण के मुताबिक बटवारें के अनुसार सामान्य वर्ग के लिए 3100सीटे, पिछड़ा वर्ग के लिए 1674 सीटे और अनुसूचित जाति के लिए 1302 सीटों तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 124 सीटे आरक्षित कीगई थी, लेकिन क्षैतिज आरक्षण की बात करें तो बटवारें की इन सीटों में विकलांगों को तीन प्रतिशत, भूतपूर्व सैनिकों को पांच फीसदी, और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के लिए दो प्रतिशत अलग से आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण क्षैतिज आरक्षण कहलाएगा जो दस फीसदी होगा।
बैक डोर से भर्ती की आशंका, कहां गई 1554 सीटें
लखीमपुर खीरी। जिले में टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों को प्रशिक्षु अध्यापक बनाने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विवादों में फंस गई है। 6200 प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती के बजाय शासन के निर्देशों को अनसुना करते हुए महज 4646 पदों की काउंसिलिंग के लिए विज्ञप्ति दी गई है, उसमें भी तमाम त्रुटियाें ने जिला स्तरीय भर्ती कमेटी की विश्वनीयता पर सवाल खडे़ कर दिए हैं।
प्राथमिक शिक्षा की तस्वीर बदलने के लिए शासन ने जिला स्तर पर टीईटी उत्तीर्ण उम्मीदवारों को प्रशिक्षु अध्यापक पद पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली हैं, इसमे जिला खीरी में 6200 पदों के लिए शासन स्तर परभर्ती कराने की कवायद की जा रही है। वहीं काउंसिलिंग के लिए बीएसए की ओर से जारी विज्ञप्ति की बात करें तो महज 4646 पदों के लिए आवेदकों को बुलाया गया है, ऐसे में भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए यह कई आवेदकों ने आरोप लगाया है कि शेष 1554 पदों को बैकडोरसे भर्ती कराने के लिए ही सारा खेल किया जा रहा है।
इस बावत अमर उजाला ने एनआईसी खीरी व बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट और सबंधित विषय पर पड़ताल की तो पता चला कि सीटें छुपाने की बात महज आरोप नहीं हैं।
भूतपूर्व सैनिकों का कोटा भी प्रभावितः
शासन की नीति के मुताबिक रिक्त सीटों के पांचफीसदी सीटें भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित की जाएगी, इस तरह 6200 सीटों के सापेक्ष 310 सीटे भूतपूर्व सैनिकों के खाते में आनी चाहिए लेकिन विभाग की ओर से महज 182 आवेदकों को ही काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है। इस तरह भूतपूर्व सैनिकों के कोटे में 128 सीटों का सीधा नुकसान भूतपूर्व सैनिकों को होगा।
क्षैतिज आरक्षण ने बिगाड़ा गणित
शासन की नीति के मुताबिक जिले में रिक्त 6200 सीटों के सापेक्ष आरक्षण के मुताबिक बटवारें के अनुसार सामान्य वर्ग के लिए 3100सीटे, पिछड़ा वर्ग के लिए 1674 सीटे और अनुसूचित जाति के लिए 1302 सीटों तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 124 सीटे आरक्षित कीगई थी, लेकिन क्षैतिज आरक्षण की बात करें तो बटवारें की इन सीटों में विकलांगों को तीन प्रतिशत, भूतपूर्व सैनिकों को पांच फीसदी, और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के लिए दो प्रतिशत अलग से आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण क्षैतिज आरक्षण कहलाएगा जो दस फीसदी होगा।
news source-amar ujala 02/02/2013
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