UPTET-शिक्षक भर्ती : कोर्ट में पेश होगी उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती पर हाई कोर्ट की रोक के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की जांच रिपोर्ट को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेगा। विभाग 11 को प्रति शपथपत्र के माध्यम से यह रिपोर्ट अदालत के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी में जुट गया है। हाई
कोर्ट ने सोमवार को एक विशेष अपील की सुनवाई करते हुए अग्रिम आदेश तक शिक्षक भर्ती की चयन
प्रक्रिया को निलंबित रखने का निर्देश दिया है। स्पेशल अपील में कहा गया है कि शिक्षक भर्ती के लिए राज्य सरकार ने 30 नवंबर 2011 के विज्ञापन को रद कर नये विज्ञापन में चयन का मानक व प्रारूप बदल दिया है। इसके लिए सरकार ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 में संशोधन किया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षको की नियुक्ति के लिए
टीईटी को सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिया था।राज्य सरकार ने 13 नवंबर 2011को आयोजित हुई टीईटी से महज चार दिन पहले नियमावली में संशोधन कर टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा के साथ चयन का आधार भी मान लिया।
news source- dainik jagran 6/02/2013
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती पर हाई कोर्ट की रोक के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की जांच रिपोर्ट को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेगा। विभाग 11 को प्रति शपथपत्र के माध्यम से यह रिपोर्ट अदालत के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी में जुट गया है। हाई
कोर्ट ने सोमवार को एक विशेष अपील की सुनवाई करते हुए अग्रिम आदेश तक शिक्षक भर्ती की चयन
प्रक्रिया को निलंबित रखने का निर्देश दिया है। स्पेशल अपील में कहा गया है कि शिक्षक भर्ती के लिए राज्य सरकार ने 30 नवंबर 2011 के विज्ञापन को रद कर नये विज्ञापन में चयन का मानक व प्रारूप बदल दिया है। इसके लिए सरकार ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 में संशोधन किया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षको की नियुक्ति के लिए
टीईटी को सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिया था।राज्य सरकार ने 13 नवंबर 2011को आयोजित हुई टीईटी से महज चार दिन पहले नियमावली में संशोधन कर टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा के साथ चयन का आधार भी मान लिया।
news source- dainik jagran 6/02/2013
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