UPTET-शिक्षकों की भर्ती के लिए शुरू हुई काउंसिलिंग स्थगित
शिक्षकों की भर्ती के लिए शुरू हुई काउंसिलिंग स्थगित
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को प्रदेश में 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कई अभ्यर्थियों की उस विशेष अपील को स्वीकार करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई है, जिसमें टीईटी को आर्हता मानने को चुनौती दी गई है। इसके साथ ही सोमवार को शुरू हुई काउंसिलिंग 11 फरवरी तक स्थगित कर दी गई।
कोर्ट का आदेश आने के बाद प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार के मौखिक निर्देश पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने इस संबंध में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश भेज दिया। कोर्ट ने मामले पर प्रदेश सरकार से 11 तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
कोर्ट का आदेश आने से पहले प्रदेश के सभी जिलों में शुरू हुई काउंसिलिंग फीकी रही। राजधानी लखनऊ में 12 सीटों के लिए मात्र एक आवेदक ही काउंसिलिंग कराने पहुंची। इसी तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में मात्र दो आवेदक ही काउंसिलिंग कराने पहुंचे। इसके पीछे मुख्य वजह वरिष्ठता सूची में फर्जी नामों से आवेदन करने वाले बताए गए हैं।
अधिकतर जिलों में जो वरिष्ठता सूची जारी की गई है, उसमें ऊपरी क्रम में ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं जिनके पूर्णांक और प्राप्तांक एक समान हैं। यही नहीं कुछ ऐसे नामों से आवेदन कर दिए गए हैं, जिन्हें बुला पाना संभव भी नहीं है। ऐसे आवेदनकर्ताओं ने जो मोबाइल नंबर दिए हैं या तो वे दूसरों के हैं या फिर वह मिल नहीं रहे हैं।
news source-amar ujala 05/02/2013
शिक्षकों की भर्ती के लिए शुरू हुई काउंसिलिंग स्थगित
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को प्रदेश में 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कई अभ्यर्थियों की उस विशेष अपील को स्वीकार करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई है, जिसमें टीईटी को आर्हता मानने को चुनौती दी गई है। इसके साथ ही सोमवार को शुरू हुई काउंसिलिंग 11 फरवरी तक स्थगित कर दी गई।
कोर्ट का आदेश आने के बाद प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार के मौखिक निर्देश पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने इस संबंध में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश भेज दिया। कोर्ट ने मामले पर प्रदेश सरकार से 11 तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
कोर्ट का आदेश आने से पहले प्रदेश के सभी जिलों में शुरू हुई काउंसिलिंग फीकी रही। राजधानी लखनऊ में 12 सीटों के लिए मात्र एक आवेदक ही काउंसिलिंग कराने पहुंची। इसी तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में मात्र दो आवेदक ही काउंसिलिंग कराने पहुंचे। इसके पीछे मुख्य वजह वरिष्ठता सूची में फर्जी नामों से आवेदन करने वाले बताए गए हैं।
अधिकतर जिलों में जो वरिष्ठता सूची जारी की गई है, उसमें ऊपरी क्रम में ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं जिनके पूर्णांक और प्राप्तांक एक समान हैं। यही नहीं कुछ ऐसे नामों से आवेदन कर दिए गए हैं, जिन्हें बुला पाना संभव भी नहीं है। ऐसे आवेदनकर्ताओं ने जो मोबाइल नंबर दिए हैं या तो वे दूसरों के हैं या फिर वह मिल नहीं रहे हैं।
news source-amar ujala 05/02/2013
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