UPTET-जिन्होंने 30 नवम्बर 2011 को प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर आवेदन किया था उन्हें 21 जनवरी 2013 तक प्रार्थना पत्र शासन को भेजने का निर्देश दिया है
टीईटी को लेकर एकल न्यायाधीश अरुण टण्डन की अदालत में चल रही सुनवाई में प्रदेश में 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती में ऐसे सभी अभ्यर्थी जिन्होंने 30 नवम्बर 2011 को प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर आवेदन किया था उन्हें 21 जनवरी 2013 तक प्रार्थना पत्र शासन को भेजने का निर्देश दिया है न्यायालय ने स्पष्ट किया कि नये विज्ञापन में आयु सीमा अधिक व कम हो जाने के आधार अनर्ह हुये अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये। न्यायालय ने यह भी कहा राज्य सरकार को न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित करने का अधिकार नही है वह अधिकतम आयु सीमा निर्धारित कर सकती है। न्यायालय ने टीईटी को मेरिट का आधार बनाने के सरकार के पहले के निर्णय को बहाल रखने सम्बन्धी याचिकाओं को खारिज कर दिया न्यायालय ने शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापकों के लिये आरक्षण दिये जाने की मांग वाली याचिकाओं में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए खारिज कर दिया। न्यायालय ने शुल्क कम करने के मामले में स्पष्ट किया कि शुल्क कम करने के लिये किसी याचिकाओं में मांग नही की गयी है इसलिए इस संदर्भ में कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने बीएलएड डिग्री के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगते हुये 29 जनवरी 2013 की तिथि नियत की है।
हाईकोर्ट ने की कई स्पेशल अपील निस्तारितइलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी कर सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिये टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय की खण्डपीठ ने प्रभाकर सिंह व कई अन्य की स्पेशल अपील को निस्तारित करते हुए दिया है स्पेशल अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता शशि नंदन राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सीबी यादव व एनसीटीई की ओर से रिजवान अख्तर ने तर्क रखा। सरकार की ओर से कहा गया कि नि:शुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत केन्द्रीय एक्ट ने टीईटी की अनिवार्यता की अधिसूचना जारी की थी स्पेशल अपील में एकल न्यायाधीश के 11 नवम्बर 2010 के आदेश को चुनौती दी गयी थी जिस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया।
news source-dainik jagran 17/01/2013
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