UPTET-आवेदन स्वीकार न करने पर हाईकोर्ट नाराज
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती मामला पूछा, आदेश के बावजूद क्यों बंद रही बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट
इलाहाबाद। प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती के मामले में इस बार आयु सीमा से बाहर हो चुके अभ्यर्थियोें का आवेदन स्वीकार नहीं करने पर हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। प्रदेश सरकार से पूछा है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट क्यों बंद कर दी गई। कोर्ट ने 30 नवंबर-11 के विज्ञापन में आवेदन करने वाले ऐसे सभी लोगों को शामिल करने का निर्देश दिया था जो इस बार आयु अधिक या कम हो जाने के कारण आवेदन करने की अर्हता से बाहर हो गए थे। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई होगी।
नौ जनवरी को दिए आदेश में न्यायालय ने ऐसे सभी लोगों का आवेदन 24 जनवरी तक स्वीकार करने का निर्देश दिया था। मगर बेसिक शिक्षा परिषद की आधिकारिक वेबसाइट बंद होने के कारण लोग आवेदन नहीं कर सके। न्यायालय ने पांच सौ रुपये प्रति जिले के हिसाब से शुल्क जमा करके आवेदन करने की छूट प्रदान की थी। आदित्य त्यागी और अन्य की ओर से इस मामले में संशोधन प्रार्थनापत्र देकर कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद् ने अभ्यर्थी का आवेदन आयु सीमा अधिक होने के आधार पर निरस्त कर दिया। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने प्रदेश सरकार से जवाब तलब करते हुए सुनवाई बृहस्पतिवार को नियत की है।
दोहरे आरक्षण के विरोध
में याचिका खारिज
प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती में आरक्षित श्रेणी को दोहरा आरक्षण देने के विरोध में दाखिल याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। संजय कुमार आदि की याचिका में कहा गया था कि आरक्षित श्रेणी को टीईटी में पांच प्रतिशत की छूट गई है। अब नियुक्ति के समय भी उनको आरक्षण का लाभ दिया जाएगा इस प्रकार से उनको दोहरे आरक्षण का लाभ मिल रहा है। ऐसा करना नियमानुसार गलत होगा। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि टीईटी में पांच प्रतिशत की छूट देने को आरक्षण नहीं माना जा सकता है। इसी याचिका पर कोर्ट ने एक बार फिर कहा कि जिन आवेदकों को आयु सीमा के मामले में पुन: आवेदन करने की छूट दी गई है वह 24 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती मामला पूछा, आदेश के बावजूद क्यों बंद रही बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट
इलाहाबाद। प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती के मामले में इस बार आयु सीमा से बाहर हो चुके अभ्यर्थियोें का आवेदन स्वीकार नहीं करने पर हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। प्रदेश सरकार से पूछा है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट क्यों बंद कर दी गई। कोर्ट ने 30 नवंबर-11 के विज्ञापन में आवेदन करने वाले ऐसे सभी लोगों को शामिल करने का निर्देश दिया था जो इस बार आयु अधिक या कम हो जाने के कारण आवेदन करने की अर्हता से बाहर हो गए थे। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई होगी।
नौ जनवरी को दिए आदेश में न्यायालय ने ऐसे सभी लोगों का आवेदन 24 जनवरी तक स्वीकार करने का निर्देश दिया था। मगर बेसिक शिक्षा परिषद की आधिकारिक वेबसाइट बंद होने के कारण लोग आवेदन नहीं कर सके। न्यायालय ने पांच सौ रुपये प्रति जिले के हिसाब से शुल्क जमा करके आवेदन करने की छूट प्रदान की थी। आदित्य त्यागी और अन्य की ओर से इस मामले में संशोधन प्रार्थनापत्र देकर कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद् ने अभ्यर्थी का आवेदन आयु सीमा अधिक होने के आधार पर निरस्त कर दिया। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने प्रदेश सरकार से जवाब तलब करते हुए सुनवाई बृहस्पतिवार को नियत की है।
दोहरे आरक्षण के विरोध
में याचिका खारिज
प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती में आरक्षित श्रेणी को दोहरा आरक्षण देने के विरोध में दाखिल याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। संजय कुमार आदि की याचिका में कहा गया था कि आरक्षित श्रेणी को टीईटी में पांच प्रतिशत की छूट गई है। अब नियुक्ति के समय भी उनको आरक्षण का लाभ दिया जाएगा इस प्रकार से उनको दोहरे आरक्षण का लाभ मिल रहा है। ऐसा करना नियमानुसार गलत होगा। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि टीईटी में पांच प्रतिशत की छूट देने को आरक्षण नहीं माना जा सकता है। इसी याचिका पर कोर्ट ने एक बार फिर कहा कि जिन आवेदकों को आयु सीमा के मामले में पुन: आवेदन करने की छूट दी गई है वह 24 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं।
news source-amar ujala 24/01/2013
शिक्षक भर्ती : निरस्त फार्म वाले दे सकेंगे प्रत्यावेदन
लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में मामूली गलती पर आवेदन निरस्त होने वालों को राहत दी है। प्रदेश के सभी डायट पर शिकायत निस्तारण प्रकोष्ठ का गठन कर दिया गया है। इस प्रकोष्ठ के माध्यम से अभ्यर्थियों की कठिनाइयों का निस्तारण किया जाएगा और दावा सही होने पर उनके चयन पर विचार किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा है कि मामूली गलती के चलते आवेदन निरस्त होने वाले अभ्यर्थी समस्त अभिलेखों के साथ अपना प्रत्यावेदन डायट पर बनाए गए शिकायत निस्तारण प्रकोष्ठ में दे सकते हैं। परीक्षण के बाद यदि दावा सही पाया जाता है तो उनके चयन पर विचार किया जाएगा। अभ्यर्थियों से कहा गया है कि अपने गुणांक को सही प्रकार से आंकने के बाद कटऑफ से ऊपर होने पर ही संबंधित जिले में अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत करें। फर्जी चयन कराने की जानकारी मिलने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
उन्होंने कहा है कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। पात्रों को शिक्षक बनने का पूरा मौका दिया जाएगा। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं। चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी या फिर किसी प्रकार की अनियमितता पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
•गड़बड़ी पर दंडित होंगे अफसर : रामगोविंद
शिक्षक भर्ती : निरस्त फार्म वाले दे सकेंगे प्रत्यावेदन
लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में मामूली गलती पर आवेदन निरस्त होने वालों को राहत दी है। प्रदेश के सभी डायट पर शिकायत निस्तारण प्रकोष्ठ का गठन कर दिया गया है। इस प्रकोष्ठ के माध्यम से अभ्यर्थियों की कठिनाइयों का निस्तारण किया जाएगा और दावा सही होने पर उनके चयन पर विचार किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा है कि मामूली गलती के चलते आवेदन निरस्त होने वाले अभ्यर्थी समस्त अभिलेखों के साथ अपना प्रत्यावेदन डायट पर बनाए गए शिकायत निस्तारण प्रकोष्ठ में दे सकते हैं। परीक्षण के बाद यदि दावा सही पाया जाता है तो उनके चयन पर विचार किया जाएगा। अभ्यर्थियों से कहा गया है कि अपने गुणांक को सही प्रकार से आंकने के बाद कटऑफ से ऊपर होने पर ही संबंधित जिले में अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत करें। फर्जी चयन कराने की जानकारी मिलने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
उन्होंने कहा है कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। पात्रों को शिक्षक बनने का पूरा मौका दिया जाएगा। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं। चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी या फिर किसी प्रकार की अनियमितता पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
•गड़बड़ी पर दंडित होंगे अफसर : रामगोविंद
news source-amar ujala24/01/2013
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