UPTET-टीइटी की फर्जी वेबसाइट से भ्रमित हो रहे छात्र
इलाहाबाद : यूपी टीईटी को लेकर छात्रों को एक बार भ्रम में डाल चुके साइबर के अपराधियों ने एक बार फिर यूपी बोर्ड को हैरत में डाल दिया है। अब जबकि यूपी टीईटी-2011 के रिजल्ट का चैप्टर खत्म हो चुका है, उन्होंने नया रिजल्ट वजूद में ला दिया है। इससे हजारों छात्र दुविधा में पड़ गए हैं। हालांकि यूपी बोर्ड ने यह साफ कर दिया है कि यह वेबसाइट फर्जी है। इसको लेकर किसी भी भ्रम में पड़ने की जरूरत नहीं है। बोर्ड ने एसएसपी को पत्र लिखकर इसकी जांच कराने और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात भी कही है। टीईटी रिजल्ट को लेकर यह फर्जी वेबसाइट उस समय प्रकाश में आई है जबकि शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है और उसमें टीईटी उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता है। साइबर पर सर्च के शौकीन कुछ अभ्यर्थियों ने इसे तीन-चार दिन पहले देखा। उन्होंने अपने रिजल्ट चेक किए तो उसमें नंबर कम हो चुके थे। यह वेब साइट यूपी बोर्ड की ओर से सबसे पहले जारी किए गए रिजल्ट के अंक ही दिखा रही थी। गौरतलब है कि टीईटी-2011 के परिणाम कई बार संशोधित किए गए थे। बाद में कुछ प्रश्नों के उत्तर भी संशोधित किए गए थे जिसमें हर उत्तीर्ण अभ्यर्थी के अंकों में बढ़ोतरी हो गई थी। छात्रों ने एक-दूसरे से इस बात का जिक्र किया, फिर यूपी बोर्ड के अधिकारियों से इसकी सच्चाई जाननी चाही। लगातार फोन आने से आजिज सचिव ने इसकी तहकीकात कराई तो यह तथ्य सामने आया कि टीईटी में धांधली का मामला उजागर होने के बाद यूपी बोर्ड ने अपनी रिजल्ट की वेबसाइट को अधिकृत रूप से बंद कर दिया था। बोर्ड यह नहीं पता कर सका कि इसके पीछे कौन लोग हैं। बोर्ड के सचिव उपेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ लोगों ने छात्रों को भ्रम में डालने की कोशिश की है।
इलाहाबाद : यूपी टीईटी को लेकर छात्रों को एक बार भ्रम में डाल चुके साइबर के अपराधियों ने एक बार फिर यूपी बोर्ड को हैरत में डाल दिया है। अब जबकि यूपी टीईटी-2011 के रिजल्ट का चैप्टर खत्म हो चुका है, उन्होंने नया रिजल्ट वजूद में ला दिया है। इससे हजारों छात्र दुविधा में पड़ गए हैं। हालांकि यूपी बोर्ड ने यह साफ कर दिया है कि यह वेबसाइट फर्जी है। इसको लेकर किसी भी भ्रम में पड़ने की जरूरत नहीं है। बोर्ड ने एसएसपी को पत्र लिखकर इसकी जांच कराने और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात भी कही है। टीईटी रिजल्ट को लेकर यह फर्जी वेबसाइट उस समय प्रकाश में आई है जबकि शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है और उसमें टीईटी उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता है। साइबर पर सर्च के शौकीन कुछ अभ्यर्थियों ने इसे तीन-चार दिन पहले देखा। उन्होंने अपने रिजल्ट चेक किए तो उसमें नंबर कम हो चुके थे। यह वेब साइट यूपी बोर्ड की ओर से सबसे पहले जारी किए गए रिजल्ट के अंक ही दिखा रही थी। गौरतलब है कि टीईटी-2011 के परिणाम कई बार संशोधित किए गए थे। बाद में कुछ प्रश्नों के उत्तर भी संशोधित किए गए थे जिसमें हर उत्तीर्ण अभ्यर्थी के अंकों में बढ़ोतरी हो गई थी। छात्रों ने एक-दूसरे से इस बात का जिक्र किया, फिर यूपी बोर्ड के अधिकारियों से इसकी सच्चाई जाननी चाही। लगातार फोन आने से आजिज सचिव ने इसकी तहकीकात कराई तो यह तथ्य सामने आया कि टीईटी में धांधली का मामला उजागर होने के बाद यूपी बोर्ड ने अपनी रिजल्ट की वेबसाइट को अधिकृत रूप से बंद कर दिया था। बोर्ड यह नहीं पता कर सका कि इसके पीछे कौन लोग हैं। बोर्ड के सचिव उपेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ लोगों ने छात्रों को भ्रम में डालने की कोशिश की है।
news source-dainik jagran 19/12/2012