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Sunday, December 23, 2012

UPTET-कौन छांटेगा अभ्यर्थियों के सवा लाख फार्म?


UPTET-कौन छांटेगा अभ्यर्थियों के सवा लाख फार्म?
सहारनपुर। सहायक अध्यापक भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने पुराने फार्म और पुरानी फीस को स्वीकार करने का फैसला देकर हजारों अभ्यर्थियाें को राहत जरूर दी है, लेकिन ऐसा कर पाना आसान भी नहीं है। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा देेने के बाद पिछले साल पांच जिलों के विकल्प के हिसाब से डायट पर करीब सवा लाख फार्म जमा कराए गए थे। ये फार्म अब भी डायट कार्यालय पटनी के गोदाम में रखे हुए हैं।
ऐसे में यदि अब सहायक अध्यापक भर्ती की प्रक्रिया के लिए अभ्यर्थियों के पुराने फार्म और पुरानी फीस का समायोजन करना पड़ा तो सरकारी अमले के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन सवा लाख फार्मों की छंटाई होगी। इसमें बड़ा पेंच यह भी है कि पिछले सत्र में जब ये फार्म जमा किए गए थे तो उस समय बड़ी संख्या में आवेदकों ने जरूरी दस्तावेज साथ नहीं लगाए थे और पुरानी भर्ती में ब्रेक लगने के बाद से सभी अभ्यर्थियों का कंप्यूटराइज्ड डाटा भी तैयार नहीं हो पाया था।
ऐसे में इतने फार्मों में यह पता लगाना मुश्किल होगा कि कितने आवेदकों के दस्तावेज पूरे हैं और कितने अभ्यर्थियों के नहीं। इस मामले में टीईटी अभ्यर्थियों अशोक कुमार, साक्षी और देविका का कहना है कि पुरानी प्रक्रिया के मुकाबले इस बार भर्ती की गाइड लाइंस में कई बदलाव किए गए हैं। इसलिए वे यह नहीं समझ पा रहे हैं कि पुराने आवेदकों की स्वीकार्यता किस आधार पर की जाएगी। \
बता दें कि अकेले सहारनपुर मंडल से ही पिछले सत्र में 38 हजार अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था और नब्बे फीसदी आवेदकों ने नवंबर 2011 में शिक्षक पात्रता परीक्षा दी थी। इसमें 21 हजार से अधिक अभ्यर्थी पास हो गए थे।
कार्यालय के गोदाम में फार्म बड़ी संख्या में मौजूद हैं। इनकी स्थिति का तो कुछ पता नहीं है। वैसे भी इस बार भर्ती प्रक्रिया की पूरी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग को दी गई है। इसलिए फार्मों के बारे में आदेश मिले भी तो इन्हें निकालकर बेसिक शिक्षा विभाग के हवाले कर दिया जाएगा।
-मंजू सिंह, डायट प्राचार्य
news source-amar ujala 23/12/2012