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Saturday, December 22, 2012

UPTET--जिन जिलों में पहले आवेदन कर चुके हैं, वहां दोबारा शुल्क की जरूरत नहीं


UPTET-शिक्षक भर्ती में पहले आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को राहत
UPTET--जिन जिलों में आवेदन कर चुके हैं, वहां दोबारा शुल्क की जरूरत नहीं
-ऐसे जिलों में पुराने आवेदन-पत्र ही मान्य किए जाएंगे
 इलाहाबाद,उच्च न्यायालय ने सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को थोड़ी राहत दी है। न्यायालय ने कहा है कि जिन्होंने पिछली भर्ती विज्ञापन के तहत आवेदन जमा किया था, उनसे न तो उन जिलों के लिए न नए आवेदन लिए जाए और न ही शुल्क लिया जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने अखिलेश त्रिपाठी व अन्य की याचिका पर दिया है। अदालत के सामने यह तथ्य लाया गया कि पिछली बार निकाले गए शिक्षक भर्ती आवेदन में अभ्यर्थियों कोपांच जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी। इसमें हजारों ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने पांचों जिलों में आवेदन शुल्क जमा करके फार्म भरा था। बाद में अदालत ने आदेश दिया था कि एक ही जिले में आवेदन शुल्क जमा किया जाए, डिमांड ड्राफ्ट की फोटोकॉपी अन्य जिलों में लगाई जाए। तब सरकार ने आश्वस्त किया था कि जो छात्र पांच जिलों में आवेदन शुल्क जमा कर चुके हैं,उनका पैसा वापस किया जाएगा। यह पैसा आज तक वापस नहीं किया गया है। सरकार की और से बताया गया कि अभ्यर्थियों कोवह पैसा वापस किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि वापसी की जरूरत ही क्या है, जिन जिलों में अभ्यर्थियों नेआवेदन शुल्क जमा किया है, उनसे अब शुल्क लिया ही न जाए। उनका पुराना आवेदन ही मान्य किया जाए। न्यायालय ने यह भी कहा है कि पहले आवेदन कर चुके अभ्यर्थी निदेशक एससीईआरटी लखनऊको आवेदन भेज कर 31 दिसम्बर से पहले जानकारी दे दें। न्यायालय ने अन्य मुद्दों पर सुनवाई के लिए अगली तिथि 9 जनवरी नियत की है। सुनवाई की अगली तिथि पर आयु सीमा में छूट आदि मुद्दों पर विचार किया जायेगा।
न्यायालय ने निदेशक एनसीआरटी को आदेश दिया है कि पहले आवेदन जमा कर चुके अभ्यर्थियों कीसूचना मिलने पर पुराने आवेदन निकालकर अभ्यर्थिता स्वीकार करें। यह भी स्पष्ट किया है कि यदि अभ्यर्थी अतिरिक्त जिलोंमें आवेदन करना चाहते हैं तो नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक लगभग ढाई लाख अभ्यर्थी टीईटी उत्तीर्ण हुए थे, जिन्होंने पांच जिलों में आवेदन शुल्क जमा किया था। उन्हें इस आदेश से राहत मिलेगी।

news source-dainik jagran  22/12/2012