पीएचडी संयुक्त पात्रता परीक्षा-2012 -छलावा न साबित हो जाए पीएचडी पात्रता परीक्षा
इलाहाबाद : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पीएचडी संयुक्त पात्रता परीक्षा-2012 छलावा साबित हो सकती है। इस परीक्षा को पास करने वाले हजारों विद्यार्थियों के पीएचडी करने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। राज्य के विश्वविद्यालयों में पीएचडी की रिक्त सीटों की संख्या और गाइड की उपलब्धता पीएचडी की राह में सबसे बड़ी बाधा साबित हो रही है।
शोध में प्रवेश के लिए प्रदेश में पहली बार संयुक्त पात्रता परीक्षा आयोजित की गई। एक जून को 37 विषयों में 93785 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इसमें से 31285 को पीएचडी के लिए पात्र घोषित किया गया है। जबकि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में पीएचडी की रिक्त सीटों की संख्या हजार भी नहीं है। इसके अलावा कई विषयों में गाइड उपलब्ध नहीं होने से भी परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को मुश्किल उठानी पड़ सकती है। पात्रता परीक्षा का प्रमाण पत्र दो वर्षो तक वैध माना जाएगा।
नहीं है स्लेट का दर्जाइस परीक्षा को राज्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश की अर्हता परीक्षा भर माना गया है। इसके जरिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों को राज्य विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने का मौका मिलेगा। परीक्षा आयोजक विश्वविद्यालय के कुलपति के अनुसार इसे स्लेट का दर्जा नहीं दिया गया है।
कई विषयों में गाइड का टोटा
पात्रता परीक्षा पास कर चुके विद्यार्थियों को पीएचडी पूरी करने के लिए एक अदद गाइड की दरकार होगी। मौजूदा स्थिति के अनुसार कई विषयों में प्रदेश के विश्वविद्यालयों में गाइड मौजूद नहीं हैं। अगर हैं भी तो उनकी सीटें पहले से ही फुल हैं। सामाजिक विज्ञान, कला व विज्ञान के विषयों में गाइड की कमी है। ऐसे में विद्यार्थियों को पीएचडी में नामांकन कैसे मिल पाएगा इसमें संदेह है।
छले गए विद्यार्थी
पीएचडी प्रवेश पात्रता परीक्षा पास करने वाले लक्ष्मण, राजीव, संजय, अनुराग आदि ने बताया कि परीक्षा में भाग लेने के लिए हजार रुपये तक खर्च हुए। आठ सौ रुपये में प्रवेश परीक्षा फार्म बेचने वाली यूनिवर्सिटी ने प्रदेश भर में पीएचडी की खाली सीटों की जानकारी तक नहीं दी।
वर्जन
इसके स्लेट के बराबर मानने का प्रश्न ही नहीं उठता। यह केवल पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्रता की परीक्षा है। इसे हर साल आयोजित किया जाएगा। अगर विद्यार्थी को दो साल में प्रवेश नहीं होता तो दुबारा परीक्षा में बैठ सकता है। news source-dainik jagran 25/07/12