अब हाईस्कूल उत्तीर्ण विद्यार्थी को भी सीएमए फाउंडेशन कोर्स
कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटिंग (सीएमए) करने का मौका मिल सकेगा।
लखनऊ। कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटिंग (सीएमए) को छोटे शहरों व ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय बनाने के लिए द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने नई पहल की है। अब हाईस्कूल उत्तीर्ण विद्यार्थी को भी सीएमए फाउंडेशन कोर्स करने का मौका मिल सकेगा। फाउंडेशन कोर्स के बाद मुख्य सीएमए परीक्षा में शामिल न होने वाले विद्यार्थियों को संस्थान सर्टिफाइड अकाउंटिंग टेक्नीशियन का प्रमाणपत्र जारी करेगा, जिसकी मदद से लेखांकन से जुड़े कार्यों में रोजगार के अवसर मुहैया हो सकेंगे। वर्तमान में फाउंडेशन कोर्स के लिए इंटर परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। यह जानकारी इंस्टीट्यूट के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सिंह ने शनिवार को लखनऊ में एक प्रेसवार्ता में दी।
लखनऊ चैप्टर में आए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि केंद्र सरकार की मदद से ग्रामीण व छोटे शहरों में रहने वाले विद्यार्थियों को तोहफा देने के लिए नई कार्ययोजना शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके तहत देशभर में आईसीएआई जल्दी एक हजार सहायक सेंटर स्थापित करेगा। पहले चरण में यूपी के पीलीभीत, बाराबंकी, अलीगढ़, शाहजहांपुर व मेरठ शहरों को चुना गया है। इन शहरों में संचालित कॉमर्स कॉलेज के साथ अनुबंध कर इन सेंटरों को संचालित किया जाएगा। इसके माध्यम से लागत लेखांकन के क्षेत्र में कॅरिअर चुनने का सपना बुन रहे विद्यार्थियों को हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सीएमए फाउंडेशन कोर्स में प्रवेश की सुविधा मिल सकेगी।
इंस्टीट्यूट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि उक्त फाउंडेशन कोर्स के तहत जून व दिसंबर में परीक्षा कराई जाएगी। फाउंडेशन कोर्स उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी को आईसीएआई सर्टिफाइड अकाउंटिंग टेक्नीशियन का प्रमाणपत्र देगा। इसके बाद अगर अभ्यर्थी सीएमए बनने के लिए आगे की परीक्षा नहीं देना चाहे तो भी उक्त प्रमाणपत्र के आधार पर लागत लेखांकन से जुड़े क्षेत्र में बेहतर रोजगार के अवसर पा सकेगा। उन्होंने बताया कि उक्त योग्यता रखने वाले छात्रों को सरकारी स्तर पर संचालित विकास परक योजनाओं में लेखांकन कार्य के लिए वरीयता के आधार पर चयनित करने का भरोसा भी केंद्र सरकार दे चुकी है। इसीलिए आईसीएआई अब लागत लेखांकन के क्षेत्र में युवाओं को आकर्षित करने के लिए देश भर में विशेष अभियान चला कर कॉमर्स विद्यार्थियों को इससे जोड़ेगी।
40 हजार खर्च में सौ फीसदी रोजगार
विद्यार्थी मात्र 40 से 42 हजार रुपये खर्च कर सीएमए की योग्यता प्राप्त कर सकता है और सौ फीसदी रोजगार के साथ सालाना छह से साढ़े छह लाख रुपये कमा सकता है। जबकि एमबीए व इंजीनियरिंग कोर्स की पढ़ाई में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी बेहतर नौकरी की उम्मीद नहीं की जा सकती।
लखनऊ। कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटिंग (सीएमए) को छोटे शहरों व ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय बनाने के लिए द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने नई पहल की है। अब हाईस्कूल उत्तीर्ण विद्यार्थी को भी सीएमए फाउंडेशन कोर्स करने का मौका मिल सकेगा। फाउंडेशन कोर्स के बाद मुख्य सीएमए परीक्षा में शामिल न होने वाले विद्यार्थियों को संस्थान सर्टिफाइड अकाउंटिंग टेक्नीशियन का प्रमाणपत्र जारी करेगा, जिसकी मदद से लेखांकन से जुड़े कार्यों में रोजगार के अवसर मुहैया हो सकेंगे। वर्तमान में फाउंडेशन कोर्स के लिए इंटर परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। यह जानकारी इंस्टीट्यूट के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सिंह ने शनिवार को लखनऊ में एक प्रेसवार्ता में दी।
लखनऊ चैप्टर में आए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि केंद्र सरकार की मदद से ग्रामीण व छोटे शहरों में रहने वाले विद्यार्थियों को तोहफा देने के लिए नई कार्ययोजना शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके तहत देशभर में आईसीएआई जल्दी एक हजार सहायक सेंटर स्थापित करेगा। पहले चरण में यूपी के पीलीभीत, बाराबंकी, अलीगढ़, शाहजहांपुर व मेरठ शहरों को चुना गया है। इन शहरों में संचालित कॉमर्स कॉलेज के साथ अनुबंध कर इन सेंटरों को संचालित किया जाएगा। इसके माध्यम से लागत लेखांकन के क्षेत्र में कॅरिअर चुनने का सपना बुन रहे विद्यार्थियों को हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सीएमए फाउंडेशन कोर्स में प्रवेश की सुविधा मिल सकेगी।
इंस्टीट्यूट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि उक्त फाउंडेशन कोर्स के तहत जून व दिसंबर में परीक्षा कराई जाएगी। फाउंडेशन कोर्स उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी को आईसीएआई सर्टिफाइड अकाउंटिंग टेक्नीशियन का प्रमाणपत्र देगा। इसके बाद अगर अभ्यर्थी सीएमए बनने के लिए आगे की परीक्षा नहीं देना चाहे तो भी उक्त प्रमाणपत्र के आधार पर लागत लेखांकन से जुड़े क्षेत्र में बेहतर रोजगार के अवसर पा सकेगा। उन्होंने बताया कि उक्त योग्यता रखने वाले छात्रों को सरकारी स्तर पर संचालित विकास परक योजनाओं में लेखांकन कार्य के लिए वरीयता के आधार पर चयनित करने का भरोसा भी केंद्र सरकार दे चुकी है। इसीलिए आईसीएआई अब लागत लेखांकन के क्षेत्र में युवाओं को आकर्षित करने के लिए देश भर में विशेष अभियान चला कर कॉमर्स विद्यार्थियों को इससे जोड़ेगी।
40 हजार खर्च में सौ फीसदी रोजगार
विद्यार्थी मात्र 40 से 42 हजार रुपये खर्च कर सीएमए की योग्यता प्राप्त कर सकता है और सौ फीसदी रोजगार के साथ सालाना छह से साढ़े छह लाख रुपये कमा सकता है। जबकि एमबीए व इंजीनियरिंग कोर्स की पढ़ाई में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी बेहतर नौकरी की उम्मीद नहीं की जा सकती।
news source-amar ujala 29/07/12