UP-नौ मंडलों में खुलेंगे राज्य विश्वविद्यालय
लखनऊ : केंद्र ने प्रदेश सरकार की मांग पर राज्य में जिन नौ विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आर्थिक मदद का भरोसा दिलाया है, वे उन मंडलों में खोले जाएंगे जहां राज्य विश्वविद्यालय नहीं हैं। सूबे के आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर, इलाहाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, चित्रकूटधाम, सहारनपुर व देवीपाटन मंडल में राज्य विश्वविद्यालय नहीं हैं। प्रदेश में नये विश्वविद्यालयों की स्थापना के जरिये राज्य सरकार उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (प्रवेश की दर) को बढ़ाना चाहती है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना भी इसका उद्देश्य है। प्रदेश के नौ मंडल मुख्यालयों में 13 राज्य विश्वविद्यालय स्थापित हैं। शेष नौ मंडलों में राज्य विश्वविद्यालय नहीं हैं। यहां के उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात सिर्फ 10.9 है जबकि राष्ट्रीय औसत 12.84 है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाकर 15 तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया था जिससे राज्य अभी कोसों दूर है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक और समस्या यह है कि 11 राज्य विश्वविद्यालयों से 3500 से अधिक कॉलेज संबद्ध हैं। कानपुर विवि से करीब 700, जौनपुर विश्वविद्यालय से करीब 600 और मेरठ विश्वविद्यालय से करीब 500 कॉलेज संबद्ध हैं। वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नीति है कि एक विश्वविद्यालय से अधिकतम सौ कॉलेज ही संबद्ध किये जाएं। बड़ी संख्या में संबद्ध कॉलेजों के प्रबंधन के साथ नियंत्रण भी विश्वविद्यालयों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। राज्य सरकार की योजना नये विश्वविद्यालय स्थापित कर विश्वविद्यालयों पर कॉलेजों का बोझ कम करने की हंै। केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि राज्य विश्वविद्यालयों के लिए जमीन राज्य सरकार मुहैया करायेगी जबकि निर्माण पर होने वाले व्यय में केंद्र सरकार से आर्थिक सहयोग का अनुरोध किया गया था। प्रत्येक नये विश्वविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। नौ विश्वविद्यालयों के लिए कुल 3150 करोड़ रुपये की जरूरत दर्शायी गई थी। news source-dainik jagran 12/7/12
लखनऊ : केंद्र ने प्रदेश सरकार की मांग पर राज्य में जिन नौ विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आर्थिक मदद का भरोसा दिलाया है, वे उन मंडलों में खोले जाएंगे जहां राज्य विश्वविद्यालय नहीं हैं। सूबे के आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर, इलाहाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, चित्रकूटधाम, सहारनपुर व देवीपाटन मंडल में राज्य विश्वविद्यालय नहीं हैं। प्रदेश में नये विश्वविद्यालयों की स्थापना के जरिये राज्य सरकार उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (प्रवेश की दर) को बढ़ाना चाहती है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना भी इसका उद्देश्य है। प्रदेश के नौ मंडल मुख्यालयों में 13 राज्य विश्वविद्यालय स्थापित हैं। शेष नौ मंडलों में राज्य विश्वविद्यालय नहीं हैं। यहां के उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात सिर्फ 10.9 है जबकि राष्ट्रीय औसत 12.84 है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाकर 15 तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया था जिससे राज्य अभी कोसों दूर है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक और समस्या यह है कि 11 राज्य विश्वविद्यालयों से 3500 से अधिक कॉलेज संबद्ध हैं। कानपुर विवि से करीब 700, जौनपुर विश्वविद्यालय से करीब 600 और मेरठ विश्वविद्यालय से करीब 500 कॉलेज संबद्ध हैं। वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नीति है कि एक विश्वविद्यालय से अधिकतम सौ कॉलेज ही संबद्ध किये जाएं। बड़ी संख्या में संबद्ध कॉलेजों के प्रबंधन के साथ नियंत्रण भी विश्वविद्यालयों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। राज्य सरकार की योजना नये विश्वविद्यालय स्थापित कर विश्वविद्यालयों पर कॉलेजों का बोझ कम करने की हंै। केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि राज्य विश्वविद्यालयों के लिए जमीन राज्य सरकार मुहैया करायेगी जबकि निर्माण पर होने वाले व्यय में केंद्र सरकार से आर्थिक सहयोग का अनुरोध किया गया था। प्रत्येक नये विश्वविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। नौ विश्वविद्यालयों के लिए कुल 3150 करोड़ रुपये की जरूरत दर्शायी गई थी। news source-dainik jagran 12/7/12