UP-बदलेगा पॉलिटेक्निक का वर्षों पुराना कोर्स
लखनऊ। राज्य सरकार पॉलिटेक्निक संस्थाओं में पढ़ाया जा रहा सालों पुराना कोर्स बदलने जा रही है। इसके लिए महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके काक की अध्यक्षता में कमेटी बना दी गई है। कमेटी की पहली बैठक में नए कोर्स के प्रारूप पर मंथन किया गया। डिप्लोमा इंजीनियरिंग के जितने भी ट्रेड चल रहे हैं, सभी को उद्योगों की जरूरतों और नई तकनीक को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। कोर्स तैयार किए जाने के बाद इसके लिए बोर्ड ऑफ मॉडल तैयार करते हुए इस पर विशेषज्ञों के सुझाव लिए जाएंगे और इसके आधार पर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल 165 पॉलिटेक्निक हैं। इनमें सालों पुराना कोर्स चल रहा है। पॉलिटेक्निक में कोर्स तय करने के लिए विशेषज्ञों की कोई टीम नहीं है। इसके चलते पुराने ढर्रे पर चल रहे कोर्स से डिप्लोमा इंजीनियरिंग करके निकलने वाले छात्रों का बेहतर प्लेसमेंट नहीं हो रहा है इसलिए राज्य सरकार चाहती है कि पॉलिटेक्निक संस्थाओं में चल रहे कोर्स को मौजूदा समय के अनुरूप तैयार किया जाए। इसके लिए महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय नोएडा के कुलपति की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। कमेटी में एचबीटीआई के पूर्व निदेशक प्रो. आरपी सिंह, गौतमबुद्ध प्राविवि के परीक्षा नियंत्रक ओमकार सिंह, मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोरखपुर प्राचार्य प्रो. जेपी सैनी और प्राविधिक शिक्षा निदेशक डॉ. मधुकर इसके सदस्य हैं।
शासन के निर्देश पर गठित कमेटी की पहली बैठक हो चुकी है। इसमें कोर्स में औद्योगिक इकाइयों की मांग के अनुसार तैयार करने, पॉलीटेक्निक संस्थाओं में पुराने उपकरण बदलकर नए मंगाने और उसके अनुसार प्रशिक्षण दिलाने और कुछ नए कोर्स शुरू करने पर विचार-विमर्श किया गया है। इसके अलावा, यह तय किया गया है कि कोर्स का प्रारूप तैयार कर इसे वेबसाइट पर डालते हुए विशेषज्ञों के सुझाव लिए जाएं। बेहतर सुझाव देने वालों की एक कार्यशाला आयोजित होगी। उसमें उनके सुझावों पर विचार-विमर्श के दौरान निकलने वाले निष्कर्ष के आधार पर कोर्स को अंतिम रूप दिया जाए। यह प्रक्रिया अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। news source -amar ujala 27/07/12
लखनऊ। राज्य सरकार पॉलिटेक्निक संस्थाओं में पढ़ाया जा रहा सालों पुराना कोर्स बदलने जा रही है। इसके लिए महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके काक की अध्यक्षता में कमेटी बना दी गई है। कमेटी की पहली बैठक में नए कोर्स के प्रारूप पर मंथन किया गया। डिप्लोमा इंजीनियरिंग के जितने भी ट्रेड चल रहे हैं, सभी को उद्योगों की जरूरतों और नई तकनीक को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। कोर्स तैयार किए जाने के बाद इसके लिए बोर्ड ऑफ मॉडल तैयार करते हुए इस पर विशेषज्ञों के सुझाव लिए जाएंगे और इसके आधार पर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल 165 पॉलिटेक्निक हैं। इनमें सालों पुराना कोर्स चल रहा है। पॉलिटेक्निक में कोर्स तय करने के लिए विशेषज्ञों की कोई टीम नहीं है। इसके चलते पुराने ढर्रे पर चल रहे कोर्स से डिप्लोमा इंजीनियरिंग करके निकलने वाले छात्रों का बेहतर प्लेसमेंट नहीं हो रहा है इसलिए राज्य सरकार चाहती है कि पॉलिटेक्निक संस्थाओं में चल रहे कोर्स को मौजूदा समय के अनुरूप तैयार किया जाए। इसके लिए महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय नोएडा के कुलपति की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। कमेटी में एचबीटीआई के पूर्व निदेशक प्रो. आरपी सिंह, गौतमबुद्ध प्राविवि के परीक्षा नियंत्रक ओमकार सिंह, मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोरखपुर प्राचार्य प्रो. जेपी सैनी और प्राविधिक शिक्षा निदेशक डॉ. मधुकर इसके सदस्य हैं।
शासन के निर्देश पर गठित कमेटी की पहली बैठक हो चुकी है। इसमें कोर्स में औद्योगिक इकाइयों की मांग के अनुसार तैयार करने, पॉलीटेक्निक संस्थाओं में पुराने उपकरण बदलकर नए मंगाने और उसके अनुसार प्रशिक्षण दिलाने और कुछ नए कोर्स शुरू करने पर विचार-विमर्श किया गया है। इसके अलावा, यह तय किया गया है कि कोर्स का प्रारूप तैयार कर इसे वेबसाइट पर डालते हुए विशेषज्ञों के सुझाव लिए जाएं। बेहतर सुझाव देने वालों की एक कार्यशाला आयोजित होगी। उसमें उनके सुझावों पर विचार-विमर्श के दौरान निकलने वाले निष्कर्ष के आधार पर कोर्स को अंतिम रूप दिया जाए। यह प्रक्रिया अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। news source -amar ujala 27/07/12