UP-खत्म होगी यूपी बोर्ड में कंपार्टमेंट परीक्षा!
इलाहाबाद : कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए आवेदन पत्रों की घटती संख्या को देखते हुए यूपी बोर्ड इस सहूलियत को खत्म करने पर विचार कर रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने मई में इस आशय का प्रस्ताव भी बनाकर शासन को भेज दिया है। हालांकि इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाने के कारण बोर्ड ने इस बार इंप्रूवमेंट/कंपार्टमेंट परीक्षा की तिथि 31 जुलाई निर्धारित कर दी है, पर 2013 में इसे खत्म करने का विचार है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने शैक्षिक सत्र 2009-2010 में इंप्रूवमेंट/कंपार्टमेंट परीक्षा की व्यवस्था लागू की थी। 2010 में कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए 95,138 विद्यार्थी अर्ह थे, जिसमें से करीब 70 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। 2011 में कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए 1,27,908 विद्यार्थी अर्ह थे, जिसमें से 60 हजार ने परीक्षा दी थी। 2011 में भी 75 हजार के लगभग विद्यार्थियों ने कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए आवेदन किया था। 2012 में कंपार्टमेंट के लिए महज 5848 विद्यार्थी ही अर्ह हैं, जिनमें से 800 के लगभग आवेदन आए हैं। इसके पीछे कारण सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली का जादू बताया जा रहा है। इस प्रणाली को लागू करने के बाद बोर्ड के परीक्षा परिणाम में सीधे 13 प्रतिशत का उछाल आया। हाईस्कूल का परिणाम 70.82 से बढ़कर 83.75 फीसद हो गया। विद्यार्थियों को खूब अंक मिले। स्थिति यह है कि इस बार इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट दोनों को मिलाकर पांच छह हजार के लगभग विद्यार्थी अर्ह हैं।
यूपी बोर्ड को कंपार्टमेंट परीक्षा में आवेदन पत्र घटने की पहले से ही जानकारी थी। यही कारण है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति ने मई 2012 में शासन को प्रस्ताव भेजकर कंपार्टमेंट परीक्षा खत्म करने की शिफारिश की। बोर्ड ने तर्क दिया कि आगे आने वाले वर्षो में कंपार्टमेंट परीक्षा में आवेदन पत्र और घटेंगे, पास प्रतिशत और बढ़ेगा, लिहाजा कंपार्टमेंट परीक्षा प्रणाली खत्म कर दी जाए। हालांकि प्रस्ताव पर शासन की तरफ से अभी कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। मामला शासन में विचाराधीन है, लेकिन आने वाले वर्षो में यूपी बोर्ड का परिणाम और अच्छा होने की उम्मीद है, लिहाजा कंपार्टमेंट देने वालों की संख्या न के बराबर होगी। लिहाजा यह व्यवस्था आगामी सत्र से खत्म हो सकती है।
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वर्जन
कंपार्टमेंट परीक्षा के प्रति विद्यार्थियों में कम रुचि देखने को मिल रही है। इसके पीछे कारण मार्कशीट में एक विषय में पास हो जाने के बाद भी एक विषय में अनुत्तीर्ण अंकित होना है। प्रतियोगिता के इस युग में आजकल बच्चे इस तरह पास होने की बजाय फिर से पढ़ना बेहतर समझ रहे हैं। यही कारण है कि इस बार कंपार्टमेंट के लिए बहुत कम आवेदन आए हैं। आवेदन चाहे कम हों या अधिक बोर्ड को परीक्षा कराने के लिए यही कवायद करनी पड़ती है। लिहाजा इस बार की परीक्षा के बाद इस पर सभी शिक्षाधिकारियों से फीडबैक मांगा जाएगा, इसके बाद अगले सत्र से इस व्यवस्था को खत्म करने पर निर्णय लिया जाएगा।
NEWS SOURCE-DAINIK JAGRAN 23/07/12