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Sunday, July 8, 2012

UP-सरकारी विद्यालयों के छात्रों को पहले मिलेगा लैपटॉप

सरकारी विद्यालयों के छात्रों को पहले मिलेगा लैपटॉप

आगरा। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट पास विद्यार्थियों को सबसे पहले टैबलेट और लैपटॉप मिलेगा। इसके बाद अशासकीय सहायता प्राप्त, मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त अरबी फारसी, संस्कृत शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त और वित्तविहीन विद्यालयों में इसका वितरण होगा। सबसे अंत में सीबीएसई व आईसीएससी से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया जाएगा। जिले में लैपटॉप व टैबलेट वितरण का केंद्र तहसील मुख्यालय पर होगा।
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का इस संबंध में पत्र शुक्रवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में पहुंचा। इसमें दसवीं पास छात्र-छात्राओं नि:शुल्क टैबलेट और बारहवीं पास छात्र-छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किए जाने की योजना लागू करने का निर्देश जारी किया गया है। वर्ष 2012 में दसवीं पास करके 11 वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की सूची जिला विद्यालय निरीक्षक प्रधानाचार्यों से संपर्क कर उपलब्ध कराएंगे।
बारहवीं पास करके उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की सूची संबंधित शैक्षिक संस्थानों के प्रधानाचार्य/अध्यक्ष के माध्यम से संबंधित जिले के सीडीओ/नामित अपर जिलाधिकारी एकत्रित करेंगे। इसे डीएम के माध्यम से उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स व विशेष परियोजना क्रियान्वयन अधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा। सूची की प्रति शासन को भेजनी होगी। शैक्षिक संस्थान के प्रधानाचार्य/अध्यक्ष को सूची के प्रत्येक पृष्ठ पर प्रमाण देते हुए हस्ताक्षर करना होगा।

छात्रों के पास लैपटॉप की उपस्थिति अनिवार्य
शैक्षिक संस्थानों में लैपटॉप और टैबलेट वितरण का सत्यापन होगा। निदेशालय के अलावा जिला स्तरीय समिति भी अपने स्तर से पांच फीसदी लाभार्थियों का सत्यापन कराएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पात्र छात्र-छात्रा स्वयं टैबलेट और लैपटॉप का उपयोग कर रहे हैं। इसकी पूरी जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाचार्य की होगी।

हर तहसील में बनेगा सर्विस सेंटर
कंप्यूटर आपूर्तिकर्ता की ओर से विद्यालय के कम से कम एक अध्यापक, आवश्यक होने पर दो अध्यापकों को विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक तहसील में सर्विस सेंटर बनाया जाएगा। आपूर्तिकर्ता ऑपरेशन मैनुअल तैयार करके प्रत्येक टैबलेट/लैपटॉप के साथ देंगे। ‘क्या करना है और क्या नहीं’ को भी छात्रों को लिखित में देना होगा। आपूर्ति तहसील स्तर पर मांग के अनुरूप की जाएगी।

डीएम होंगे जनपदीय कमेटी के अध्यक्ष
योजना का क्रियान्वयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में किया जाएगा। वह कमेटी के अध्यक्ष होंगे। सदस्यों में शासन से नामित जनप्रतिनिधि, सीडीओ, डीएम की ओर से नामित अपर जिलाधिकारी, वरिष्ठ कोषाधिकारी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी और डीआईओएस होंगे। डीएम चाहें तो विवेक से आवश्यकतानुसार अन्य अधिकारियों के साथ विषय विशेषज्ञ को कमेटी में आमंत्रित कर सकते हैं।
news source-amar ujala 07/07/12