UPTGT,PGT-अधर में लटकी टीजीटी पीजीटी चयन
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : प्रशिक्षित स्नातक, प्रवक्ता और संस्था प्रधान के पदों पर होने वाली भर्ती प्रक्रिया अधर में लटक गई है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अगस्त में प्रशिक्षित स्नातक और प्रवक्ता के पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित कराने की बात कही थी, पर हाईकोर्ट द्वारा बोर्ड अध्यक्ष के अधिकार सीज किए जाने के बाद यह संभव नहीं लग रहा है। सदस्यों के भी कई पद खाली हैं। सचिव का भी स्थानांतरण हो गया है, लिहाजा बोर्ड का काम-काज पूरी तरह से ठप है।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) व प्रवक्ता (पीजीटी) के पदों पर आवेदन मांगे थे। इन पदों पर पांच लाख से भी अधिक आवेदन पत्र आए हैं। चयन बोर्ड ने आवेदन पत्रों की छंटाई और डाटा फीडिंग का काम शुरू कर दिया था। बीच में आचार संहिता लगने के कारण चयन प्रक्रिया पर रोक लग गई। अब चयन प्रक्रिया पर रोक हटने और आचार संहिता भी खत्म होने के बावजूद चयन प्रक्रिया रुकी हुई है। हाईकोर्ट ने चयन बोर्ड के अध्यक्ष पर नियुक्तियों में गड़बड़ी का आरोप लगने के बाद हाईकोर्ट ने जून में अध्यक्ष के अधिकार तब तक सीज कर दिए हैं जब तक कि वे दोषमुक्त न हो जाएं। तीन महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपनी है। अध्यक्ष और 10 सदस्यों को मिलाकर बोर्ड बनता है। अध्यक्ष के अधिकार सीज हैं और छह सदस्यों के पद खली हैं। एक सदस्य के चयन प्रक्रिया में भाग लेने पर रोक है। ऐसे में चयन प्रक्रिया तीन माह बाद ही शुरू होने के आसार दिख रहे हैं। संस्था प्रधानों के साक्षात्कार भी जून में रखे गए थे। अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र भी भेज दिया गया था। बाद में साक्षात्कार स्थगित कर दिया गया।
news source-dainik jagran 12/07/2012
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : प्रशिक्षित स्नातक, प्रवक्ता और संस्था प्रधान के पदों पर होने वाली भर्ती प्रक्रिया अधर में लटक गई है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अगस्त में प्रशिक्षित स्नातक और प्रवक्ता के पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित कराने की बात कही थी, पर हाईकोर्ट द्वारा बोर्ड अध्यक्ष के अधिकार सीज किए जाने के बाद यह संभव नहीं लग रहा है। सदस्यों के भी कई पद खाली हैं। सचिव का भी स्थानांतरण हो गया है, लिहाजा बोर्ड का काम-काज पूरी तरह से ठप है।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) व प्रवक्ता (पीजीटी) के पदों पर आवेदन मांगे थे। इन पदों पर पांच लाख से भी अधिक आवेदन पत्र आए हैं। चयन बोर्ड ने आवेदन पत्रों की छंटाई और डाटा फीडिंग का काम शुरू कर दिया था। बीच में आचार संहिता लगने के कारण चयन प्रक्रिया पर रोक लग गई। अब चयन प्रक्रिया पर रोक हटने और आचार संहिता भी खत्म होने के बावजूद चयन प्रक्रिया रुकी हुई है। हाईकोर्ट ने चयन बोर्ड के अध्यक्ष पर नियुक्तियों में गड़बड़ी का आरोप लगने के बाद हाईकोर्ट ने जून में अध्यक्ष के अधिकार तब तक सीज कर दिए हैं जब तक कि वे दोषमुक्त न हो जाएं। तीन महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपनी है। अध्यक्ष और 10 सदस्यों को मिलाकर बोर्ड बनता है। अध्यक्ष के अधिकार सीज हैं और छह सदस्यों के पद खली हैं। एक सदस्य के चयन प्रक्रिया में भाग लेने पर रोक है। ऐसे में चयन प्रक्रिया तीन माह बाद ही शुरू होने के आसार दिख रहे हैं। संस्था प्रधानों के साक्षात्कार भी जून में रखे गए थे। अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र भी भेज दिया गया था। बाद में साक्षात्कार स्थगित कर दिया गया।
news source-dainik jagran 12/07/2012