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Monday, April 30, 2012

agli sunwai ka date 2/05/2012 hai.

uptet par aaj sunwai huaa.faisala uptet ke pach me hai.sarkar ne samay liya hai.agli sunwai ka date 2/05/2012 hai. i will give you more details shortly.

भर्ती प्रक्रिया रद हुई तो करेंगे आंदोलन

भर्ती प्रक्रिया रद हुई तो करेंगे आंदोलन

 टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कहा है कि यदि शासन टीईटी भर्ती प्रक्रिया निरस्त करता है तो अभ्यर्थी आंदोलन करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। इस संबंध में अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर युवा बेरोजगारों के पक्ष में निर्णय लेने की मांग की है।
रविवार को बनवारी लाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिवपालपुर में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक आयोजित की गई। इसमें अजंट सिंह राजपूत ने कहा कि बसपा शासनकाल में उन्होंने टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन तैनाती होने से पूर्व ही सरकार बदल गई। सपा सरकार द्वारा युवा बेरोजगारों के लिए घोषणा पत्र में भी स्थान दिया गया है। यदि सरकार युवाओं की सच्ची हितैषी है तो टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय ले। नीतू सिंह ने कहा कि राजनीति की गंदी चालों में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का भविष्य लटक गया है। रंजीत सिंह सिसौदिया ने कहा कि सरकार शीघ्र ही टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नौकरी दे अन्यथा सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा। बैठक को रामधनी शाक्य, श्याम सिंह राजपूत, अजय यादव, सतेंद्र सिंह, नसीम खां, प्रियंका राजपूत, राहुल आदि थे। news-amar ujala 30/4/12

राजकीय इंटर कॉलेजों में सात हजार शिक्षकों के पद खाली

राजकीय इंटर कॉलेजों में सात हजार शिक्षकों के पद खाली
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा की स्थिति साल दर साल लचर होती जा रही है। सैकड़ों स्कूलों और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों का टोटा है। एक-एक शिक्षक के भरोसे इंटर कॉलेज चल रहे हैं, जबकि इनमें 13 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। यह खुलासा माध्यमिक शिक्षा विभाग के जरिये नियुक्ति विभाग को भिजवाई गई रिपोर्ट में किया गया है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार सूबे के करीब 600 राजकीय इंटर कॉलेजों में 7 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। यही स्थिति प्रिंसीपल के पद को लेकर है। इन स्कूलों में 80 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में प्रिंसीपल के पद खाली हैं। शिक्षकों की कमी वाले कॉलेजों में पुराने राजकीय इंटर कॉलेज और अपग्रेडेड इंटर कॉलेज शामिल हैं। बता दें कि 20 अप्रैल को नियुक्ति विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों और सचिवों को पत्र लिखकर खाली पदों का विस्तृत ब्योरा भिजवाने के निर्देश दिए थे। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक के खाली पदों का ब्योरा भिजवाएं। उन्होंने यह भी कहा था पद खाली रहने और नियुक्ति नहीं होने के पीछे क्या कारण हैं?
ऐसे में नियुक्ति विभाग को माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा भिजवाए गए रिपोर्ट में शिक्षकों के ज्यादातर पद खाली होने के पीछे चार मुख्य कारण बताएं गए हैं। इसमें लंबे समय से शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होना, तेजी से शिक्षकों का रिटायर होना, शिक्षकों की प्रोन्नति से पद का खाली होना और स्कूलों को इंटर कॉलेज में अपग्रेड किया जाना आदि शामिल है। कहा गया है कि पिछले कुछ सालों में 565 से ज्यादा स्कूल खुले और अपग्रेड हुए हैं। लेकिन इन स्कूलों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई। इस दौरान नए कॉलेजों में पुराने स्कूल और कॉलेजों के शिक्षकों को समायोजित किया गया।
गांव से शहर पहुंचे सर ः
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पिछले करीब 7 सालों में सैकड़ों की संख्या में स्कूल और कॉलेज अपग्रेड किए गए।
ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों और कॉलेजों में कार्यरत शिक्षक जुगाड़ बिठा कर शहर के आसपास के क्षेत्रों में अपग्रेड हुए स्कूल और कॉलेजों में पहुंच गए। इसका सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को हुआ है।
•600 इंटर कॉलेज में एक-एक शिक्षक संभाल रहे हैं जिम्मेदारी
•80 फीसदी कॉलेजों में वर्षों से खाली हैं प्रिंसीपल के पद
•नियुक्ति विभाग को भेजी गई रिपोर्ट में हुआ  news-amar ujala 30/4/2

यूजीसी नेट आवेदन की अवधि बढ़ी

यूजीसी नेट आवेदन की अवधि बढ़ी
नई दिल्ली, जासं: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नेशनल एलेजिबिल्टी टेस्ट फॉर जूनियर रिसर्च फेलोशिप/ एलेजिबिल्टी फॉर लेक्चरशिप (नेट) की परीक्षा के लिए आवेदन की समय सीमा बढ़ा दी है। अब 30 अप्रैल के बजाय दो मई आवेदन की अंतिम तारीख है। ऑनलाइन आवेदन के बाद भरे गए फार्म के प्रिंट आउट व जमा कराई गई फीस के बैंक चालान की कॉपी को नेट परीक्षा केंद्र पर जमा कराने की अंतिम तारीख सात मई के बजाय नौ मई कर दी गई है। दरअसल, नेट परीक्षा ऑनलाइन में नेटवर्क बाधित होने के चलते परीक्षार्थियों के लिए परेशानी बनी हुई है। यूजीसी प्रशासन का कहना है कि परीक्षार्थियों की समस्या को देखते हुए ही नेट परीक्षा के लिए आवेदन की अवधि बढ़ाई गई है। news-dainik jagran 30/4/12

Sunday, April 29, 2012

यूजीसी नेट परीक्षा में ऑनलाइन आवेदन की तिथि 30 अप्रैल से बढ़ाकर 2 मई कर दी गयी है।

 पटना। यूजीसी नेट परीक्षा में ऑनलाइन आवेदन की तिथि 30 अप्रैल से बढ़ाकर 2 मई कर दी गयी है। विश्वविद्यालय में हार्डकॉपी जमा करने की तिथि 7 मई से बढ़ाकर 9 मई कर दी गयी है। परीक्षा 24 जून को होनी है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए चार हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो गये हैं।
पटना विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी सह यूजीसी नेट कोऑर्डिनेटर डॉ. संजय कुमार ने बताया कि लगातार छात्रों की संख्या बढ़ रही है। गत दिसंबर माह में हुई परीक्षा में 7600 परीक्षार्थियों ने आवेदन जमा किया था। छात्रों की संख्या बढ़ने से परीक्षा आयोजित कराने में दिक्कत हो रही है।

BETET-टीईटी-एसटीईटी के नतीजे होंगे चौंका देने वाले


टीईटी-एसटीईटी के नतीजे होंगे चौंका देने वाले

प्राथमिक-मध्य व माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक बन पाना अब उतना सहज (केक वॉक) नहीं होने वाला है। शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी-एसटीईटी का परीक्षाफल लगभग तैयार है। मई के प्रथम सप्ताह में उसकी घोषणा कर दी जाएगी। मगर, परीक्षा का संचालन करने वाली संस्था बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस बार मूल्यांकन का जो कठोर रवैया अपनाया है, उससे इस अग्निपरीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रतिशत चौंका देने वाला हो सकता है। 1.12 लाख शिक्षक पद पर नियोजन के लिए आयोजित प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में करीब 33 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए।

राजधानी में सड़कों पर उतरे टीईटी अभ्यर्थी

राजधानी में सड़कों पर उतरे टीईटी अभ्यर्थी
लखनऊ : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने एक बार फिर अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरकर आवाज बुलंद की। प्रदेश के कोने-कोने से राजधानी पहुंचे अभ्यर्थी शनिवार सुबह चारबाग स्टेशन पर एकत्र हुए। अभ्यर्थियों की भीड़ को देखकर स्टेशन प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में अभ्यर्थियों को स्टेशन से हटाने की कवायद शुरू की गई। वाहन कम पड़ गए तो अभ्यर्थियों की पैदल कतार बनाकर विधान भवन स्थित धरना स्थल पहुंचाया गया। देर रात तक अभ्यर्थी धरने पर बैठे रहे। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का कहना है कि जबतक टीईटी के प्राप्तांकों को मेरिट का आधार बनाकर नियुक्ति नहीं की जाती, आंदोलन चलता रहेगा। शासन से इस बाबत लिखित आश्वासन मिले और विज्ञप्ति जारी की जाए कि चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों ने इन्हीं मांगों को लेकर शनिवार को यहां विधान भवन के सामने धरना देने की तैयारी की। सुबह से ही चारबाग पर अभ्यर्थियों के आने के सिलसिला शुरू हो गया। अभ्यर्थियों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि उन्हें संभालना मुश्किल हो गया। चारबाग पर ही अभ्यर्थियों ने धरना और सभा शुरू कर दी। रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ एकजुट होने पर पुलिस-प्रशासन ने अभ्यर्थियों को यहां से हटाने की कवायद शुरू की। अभ्यर्थियों को पुलिस ने गाडि़यों से विधान भवन भेजना शुरू किया। गाडि़यां कम पड़ीं तो अभ्यर्थियों की लंबी कतार बनाकर विधान भवन की तरफ मोड़ दिया गया। अभ्यर्थी हाथों में तख्तियां लिए और नारेबाजी करते हुए विधानभवन पहुंचे। कई बार पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच तीखी झड़प भी हुई। विधान भवन पर एक बार फिर अभ्यर्थियों ने अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया है। news-dainik jagran 29/4/12

पीएचडी टेस्ट एक जून को

पीएचडी टेस्ट एक जून को
फैजाबाद: पीएचडी पात्रता परीक्षा का आयोजन एक जून को किया जाएगा। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने इसकी नई तिथि निर्धारित कर दी है। प्रवेश परीक्षा पहले 29 अप्रैल को होनी थी। विवि के कुलपति प्रो. आरसी सारस्वत ने बताया कि पीएचडी पात्रता परीक्षा अब एक जून को आयोजित की जाएगी।
news-dainik jagran 29/4/12

(टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने एक बार फिर अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरकर आवाज बुलंद की

मांगों को लेकर बेरोजगारों का प्रदर्शन
लखनऊ, अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने एक बार फिर अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरकर आवाज बुलंद की। प्रदेश के कोने-कोने से राजधानी पहुंचे अभ्यर्थी शनिवार सुबह चारबाग स्टेशन पर एकत्र हुए। अभ्यर्थियों की भीड़ को देखकर स्टेशन प्रशासन के भी हाथ पांव-फूल गए। आनन-फानन में अभ्यर्थियों को स्टेशन से हटाने की कवायद शुरू की गई। वाहन कम पड़ गए तो अभ्यर्थियों की पैदल कतार बनाकर विधान भवन स्थित धरना स्थल पहुंचाया गया। रात नौ बजे डीआइजी द्वारा आश्वासन दिया गया कि दो मई को मुख्यमंत्री से वार्ता कराई जाएगी, इसके बाद धरना समाप्त हो गया। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का कहना है कि जबतक टीईटी के प्राप्तांकों को मेरिट का आधार बनाकर नियुक्ति नहीं की जाती, आंदोलन चलता रहेगा। शासन से इस बाबत लिखित आश्वासन मिले और विज्ञप्ति जारी की जाए कि चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों ने इन्हीं मांगों को लेकर शनिवार को यहां विधान भवन के सामने धरना देने की तैयारी की। सुबह से ही चारबाग पर अभ्यर्थियों के आने के सिलसिला शुरू हो गया। अभ्यर्थियों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि उन्हें संभालना मुश्किल हो गया। चारबाग पर ही अभ्यर्थियों ने धरना और सभा शुरू कर दी। रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ एकजुट होने पर पुलिस-प्रशासन ने अभ्यर्थियों को यहां से हटाने की कवायद शुरू की। अभ्यर्थियों को पुलिस ने गाडि़यों से विधान भवन भेजना शुरू किया। गाडि़यां कम पड़ीं तो अभ्यर्थियों की लंबी कतार बनाकर विधान भवन की तरफ मोड़ दिया गया। अभ्यर्थी हाथों में तख्तियां लिए और नारेबाजी करते हुए विधानभवन पहुंचे। कई बार पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच तीखी झड़प भी हुई। news-dainik jagran 29/4/12

Monday, April 23, 2012

बेरोजगारी भत्ते के लिए पति और पत्नी दोनों ने पंजीकरण कराया है, तो इनमें से केवल एक ही को भत्ता दिया जाएगा।

बेरोजगारी भत्ते के लिए पति और पत्नी दोनों ने पंजीकरण कराया है, तो इनमें से केवल एक ही को भत्ता दिया जाएगा। भत्ता पाने के लिए आयु सीमा 35 से 45 वर्ष ही होगी। अभ्यर्थी को कम से कम हाईस्कूल उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। प्रत्येक तीन माह पर भत्ते की किश्त दी जाएगी।

मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में रविवार को यहां हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव पर चर्चा की गई। भत्ता देने के एवज में बेरोजगारों से क्या काम लिया जाएगा और फार्म के साथ भरे जाने वाले शपथ पत्र का प्रारूप क्या होगा इसे अभी तय किया जाना बाकी है।

इस संबंध में निदेशालय से सुझाव मांगे गए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रमुख एजेंडे में बेरोजगारों को भत्ता दिया जाना है। प्रदेशभर में 35 से 45 वर्ष की आयु के 19 लाख से अधिक युवा अब तक पंजीकरण करा चुके हैं। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने बेरोजगारी भत्ता देने का प्रस्ताव शासन को पूर्व में भेजा था। मुख्य सचिव ने बेरोजगारी भत्ता देने का प्रारूप और पात्रता तय करने के लिए रविवार को अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।

इसमें लगभग यह तय कर लिया गया है कि भत्ता 35 से 45 वर्ष की आयु वालों को ही दिया जाएगा। बैठक में भत्ते के एवज में बेरोजगारों से क्या काम लिया जाएगा, इस पर भी विचार-विमर्श हुआ। इस पर सहमति नहीं बन पाई है कि उनसे कौन सा काम लिया जाए।

उधर, एक कार्यक्रम में शिरकत करने इलाहाबाद पहुंचे राज्य के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री डॉ. वकार अहमद शाह ने बेरोजगारी भत्ता किस आय वर्ग के लोगों को दिया जाएगा, यह सेवायोजन विभाग खुद निर्धारित करेगा। इतना तय है कि इस भत्ते के लिए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी।

उन्होंने इस बात की भी पुष्टि कर दी कि बेरोजगारी भत्ता 35 से 45 वर्ष आयु वर्ग के अभ्यर्थियों को ही मिलेगा और इसके लिए अभ्यर्थी को कम से कम हाईस्कूल उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। एक-दो दिनों में कैबिनेट की बैठक सब तय हो जाएगा। मंत्री का मानना है कि यह बहुत बड़ी योजना है। इसे पूरी तरह से लागू करने में दो से तीन माह का वक्त लग सकता है। news-amar ujala 23/4/12

अखिलेश यादव सरकार बनने के पहले के बेरोजगारों को ही भत्ता मिलेगा।

भत्ता: 15 मार्च से पहले के बेरोजगारों को ही मिलेगा
 लखनऊ : अखिलेश यादव सरकार बनने के पहले के बेरोजगारों को ही भत्ता मिलेगा। यानी 15 मार्च के पहले तक जिन बेरोजगारों ने सेवायोजन कार्यालयों में अपना पंजीकरण करा रखा है, सरकार केवल उन्हें ही बेरोजगारी भत्ता देने जा रही है। जो अन्य शर्ते तय की गयी हैं, उनमें 35 से 45 वर्ष की आयु के बेरोजगारों को ही भत्ता दिया जायेगा। भत्ता के लिए वहीं आवेदन कर सकेगा, जो कम से कम हाइस्कूल पास होगा। बेरोजगारी भत्ता पाने वालों से सरकार उनकी काबिलियत के अनुरूप काम भी ले सकेगी। उन्हीं बेरोजगारों को भत्ता दिया जायेगा, जिनके परिवारों की वार्षिक आय शहरों में 26000 रुपये से कम और गांवों में 20000 रुपये से कम होगी। इन शर्तो को मुख्यमंत्री की सहमति मिलनी बाकी है, उसके बाद ही इसे कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए लाया जायेगा। बेरोजगारी भत्ते को लेकर सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या उनकी संख्या को लेकर रही है। ऐसे में 15 मार्च की उस तारीख को कट आफ डेट माना गया है जिस दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अखिलेश यादव ने बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय किया था। यही नहीं भत्ता लेने वालों से काम भी लिया जायेगा। विभाग का मानना है कि भत्ते के एवज यदि काम का शर्त होगी तो ऐसे लोग अपने आप दावेदारी से हट जाएंगे जो पहले से ही कहीं नौकरी कर रहे हैं क्योंकि इस स्थिति में उन्हें अपना नियमित काम छोड़ना होगा। भत्ता लेने वालों को इस बात का शपथ पत्र भी देना होगा कि वह पूरी तरह बेरोजगार हैं और उनकी आय का कोई भी साधन नहीं है। साथ ही वह भत्ते के बदले शासन द्वारा तय कार्यो को करने की सहमति प्रदान करते हैं। 35 से 45 साल की उम्र के उन्हीं बेरोजगारों को भत्ता दिया जायेगा, जो हाइस्कूल पास होंगे। news -dainik jagran 23/4/12

Sunday, April 22, 2012

टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव का पुतला फूंका

टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव का पुतला फूंका

मिर्जापुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला दहन किया। इस दौरान टीईटी मेरिट के आधार पर ही शिक्षकों की भरती करने की मांग की गई। शनिवार को टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अभ्यर्थियों ने प्रदेश के मुख्य सचिव का पुतला फूंका। वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने टीईटी उत्तीर्ण युवाओं के साथ छलावा किया है। प्रदेश में जब एक साथ टीईटी परीक्षा कराई गई तब सभी ने मेहनत और लगन के साथ टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की। पूर्ववर्ती सरकार ने 1981 बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन करते हुए टीईटी मेरिट को चयन का आधार बनाया और विज्ञप्ति जारी की, लेकिन वर्तमान सरकार एवं प्रशासन टीईटी मेरिट को चयन का आधार न मानकर पूर्व शैक्षिक योग्यता को चयन का आधार मान रही है, जिसमें काफी विषमताएं हैं। इससे सरकार के मंशा पर यह सवाल उठने लगा है कि वह शिक्षा में गुणवत्ता नहीं चाहती है और शिक्षा का व्यापारीकरण करना चाहती है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को आगाह किया कि यदि शिक्षकों की भरती टीईटी मेरिट के आधार पर नहीं की गई तो वह 25 अप्रैल को राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। इस मौके पर जिलाध्यक्ष राहुल गुप्ता, कौशल प्रजापति, अरविंद गुप्ता, राजेश बिंद, राधेश्याम, सत्यानंद स्वरूप, अफजल, आनंद मोहन, सोहन, दिनेश सिंह, बृज बिहारी, पवन श्रीवास्तव, उमेश श्रीवास्तव, नितिन कसेरा, अल्पिका जायसवाल, कावेरी यादव, विंध्यवासिनी सेठ, संतोषी कुमारी दूबे, रमेश लाल बिंद, शीलवंत कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में अभ्यर्थी मौजूद रहे।
news-amar ujala 22/4/12

टीईटी के आधार पर मेरिट बनाने की मांग


टीईटी के आधार पर मेरिट बनाने की मांग
इलाहाबाद। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में टीईटी के आधार मेरिट न बनाए जाने के विरोध में सफल अभ्यर्थियों ने शनिवार को सुभाष चौराहा पर मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला फूंका। इससे पहले चंद्रशेखर पार्क में उप्र टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक में अभ्यर्थियों ने एकेडमिक कॅरियर के बजाय टीईटी के आधार पर मेरिट बनाए जाने की मांग की। अभ्यर्थी जुलूस के रूप में सुभाष चौराहा पहुंचे। पुतला दहन करने वालों में विवेकानंद, आशुतोष केसरवानी, आनंद यादव, मो. शोएब, संजय यादव, अभिषेक सिंह, सुजीत सिंह, सुरेश मणि शामिल रहे।
news-amar ujala 22/4/2012

अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव का फूंका पुतला

अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव का फूंका पुतला
इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती में टीईटी की बजाय शैक्षिक मेरिट को आधार बनाना प्रतियोगी छात्र छात्राओं के साथ धोखा है। वास्तव में यह शिक्षा माफिया के हौसलों को बुलंद रखने की प्रशासन की एक चाल है। इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मार्ग अवरुद्ध होगा। यह बातें उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की चंद्रशेखर आजाद पार्क पर हुई एक बैठक में वक्ताओं ने कहीं। बाद में छात्राओं ने सिविल लाइंस सुभाष चौक पर मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला फूंका। छात्रों ने कहा कि जावेद उस्मानी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टीईटी को कहीं भी चयन का आधार नहीं बनाया गया है। सचाई यह है कि नवोदय और केंद्रीय विद्यालय संगठन में सीटीईटी की ही मेरिट को आधार बनाया गया है। टीईटी मेरिट के मानक सभी के लिए समान हैं। धांधली की भी अभी तक पूरी जांच नहीं हो पाई और फैसला ले लिया गया। यही नहीं चुनाव के पहले प्रदेश सरकार ने एकेडमिक मेरिट की विसंगतियों के आधार पर टीईटी मेरिट के आधार पर चयन संबंधी विज्ञापन जारी किया था। अध्यक्षता विवेकानंद ने की। बैठक और पुतला दहन में संजय यादव, अभिषेक सिंह, सुजीत सिंह, सुरेश मणि, सदानंद मिश्र, प्रियंका साहू, रूबी पाल, संजीव मिश्रा, ज्ञानेश, मनमोहन, सुल्तान अहमद, आशुतोष केसरवानी, आनंद यादव, मो. शोएब आदि रहे। news-dainik jagran 22/4/12

Saturday, April 21, 2012

फैसले से हाई मैरिट वालों को झटका

फैसले से हाई मैरिट वालों को झटका

इलाहाबाद

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी -टीईटी ) को भर्ती परीक्षा की बजाय अर्हता परीक्षा ही रखे जाने के सरकार के फैसले ने इस परीक्षा मे हाई मैरिट पाने वाले अभ्यर्थियोँ को तगड़ा झटका लगा है । अब टीईटी में सफल अभ्यर्थी सरकार को कोर्ट में खींचने का मन बना रहे हैं ।

टीईटी में सफल अभ्यर्थियोँ का कहना है कि 23 अप्रैल को हाई पावर कमेटी की एक और बैठक होनी है । यदि इस बैठक मे फैसले पर अन्तिम मुहर लगा दी जाती है तो इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएँगे । सफल अभ्यर्थियोँ का तर्क है कि एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति मे सबसे बड़ी अड़चन मानक को लेकर होगी ।
news-hindustan 20/4/12

कहीं खुशी कहीं गम

कहीं खुशी कहीं गम
इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा देने के निर्णय की संभावना से प्रतियोगी छात्रों के बीच कहीं खुशी तो कहीं गम की स्थिति है। मालूम हो कि अब अभ्यर्थियों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक स्तर पर प्राप्त किये गए अंकों के प्रतिशत के आधार पर नियुक्ति किए जाने की संभावना है। इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन किया जा सकता है। छात्र ज्ञानेश कहते हैं कि यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल हमेशा बड़ी समस्या रही है। ऐसे में कुछ मुख्यमंत्रियों के समय में रिजल्ट जहां गिरावट प्रदर्शित करता है वहीं कुछ विशेष वर्षो में इसमें खासी वृद्धि हुई। इसलिए इसे आधार नहीं बनाया जाना चाहिए। वहीं शिशिर, सुनील आदि भी ऐसे ही विचार रखते हैं। वहीं दूसरी ओर एक खेमा ऐसा भी है जो इस निर्णय से खुश है। छात्र राजेश कहते हैं कि ज्यादातर राज्यों ने इसे अर्हताकारी परीक्षा ही माना है ऐसे में इसकी मेरिट को चयन का आधार बनाना उचित नहीं है। वह 13 नवंबर को हुई टीईटी में गड़बडि़यों का जिक्र करना भी नहीं भूलते। सदानंद मिश्र इसका विरोध करते हुए कहते हैं कि सही जांच से गड़बडि़यां ठीक भी की जा सकती हैं।
news-dainik jagran 21/4/12

Friday, April 20, 2012

यूपी के सभी युवा बेरोजगारों को एक साथ बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जाएगा



यूपी के सभी युवा बेरोजगारों को एक साथ बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जाएगा। भत्ता देने के लिए भी वरिष्ठता तय की जाएगी। इसके लिए पंजीकरण की कटऑफ डेट तय की जाएगी, यानी पहले पंजीकरण कराने वाले पहले बेरोजगारी भत्ता पाएंगे।

प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने इस संबंध में संशोधित प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इस संबंध में शीघ्र ही कैबिनेट में निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। बताया जाता है कि बेरोजगारों को मई से भत्ता देने पर निर्णय हो सकता है।

35 वर्ष से अधिक उम्र वालों को भत्ता
सपा ने अपने घोषणा पत्र में 35 वर्ष से अधिक उम्र वालों को बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया। इसके आधार पर ही कैबिनेट की बैठक में भत्ता देने का निर्णय किया जा चुका है। रोजगार कार्यालयों में पंजीकरण कराने वालों को ही यह भत्ता दिया जाएगा। इसके आधार पर प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा था। इसमें 35 से 45 वर्ष की आयु वालों को भत्ता देने की बात कही गई थी। इसमें आय तथा गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को इसके दायरे में लाने का प्रस्ताव था।

19 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया
बेरोजगारी भत्ते की उम्मीद में पंजीकरण कराने वालों ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। यूपी में 35 से 45 वर्ष की आयु के 19 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। सूत्रों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में पंजीकरण कराने वालों के चलते प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने प्रस्ताव को संशोधित करते हुए शासन को भेजा है। इसमें सभी पंजीकरणधारकों को एक साथ भत्ता न देकर दो चरणों में देने का प्रस्ताव है। इसके लिए पंजीकरण की एक कटऑफ डेट तय की जाएगी। इसमें पहले पंजीकरण कराने वालों को पहले भत्ता दिया जाएगा। इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को करना है। इसके बाद कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराकर शासनादेश जारी किया जाएगा।

शिक्षक भर्ती के विज्ञापन रद्द करने पर बनी सहमति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की संस्तुति

शिक्षक भर्ती के विज्ञापन
रद्द करने पर बनी सहमति
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की संस्तुति
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेश स्तर पर जारी विज्ञापन रद्द करने पर सहमति बन गई है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी ने इसकी संस्तुति कर दी है। इसके आधार पर ही हाईकोर्ट को इससे अवगत करा दिया जाएगा। भविष्य में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए जिला स्तर पर नए सिरे से विज्ञापन निकाला जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं है कि कितने शिक्षकों की भर्ती कब की जाएगी।
बसपा सरकार में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य स्तर पर विज्ञापन निकाला गया था। इसमें शिक्षक भर्ती के लिए अर्हता शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट को रखा गया था। हाईकोर्ट इलाहाबाद में इसे चुनौती देते हुए कहा गया था कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक शिक्षकों की भर्ती का अधिकार बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है। इसलिए शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन भी जिला स्तर पर ही निकालना चाहिए। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। इस बीच टीईटी में धांधली का खुलासा होने के चलते भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी। यूपी में 15 मार्च से नई सरकार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से टीईटी पास अभ्यर्थी मिले थे और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाते हुए तीन हफ्ते में इसकी जांच रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी की बैठक में ही तय किया गया कि पूर्व में जारी विज्ञापन को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट को अवगत करा दिया जाए।

शिक्षक भर्ती के विज्ञापन रद्द करने पर बनी सहमति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की संस्तुति

शिक्षक भर्ती के विज्ञापन
रद्द करने पर बनी सहमति
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की संस्तुति
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेश स्तर पर जारी विज्ञापन रद्द करने पर सहमति बन गई है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी ने इसकी संस्तुति कर दी है। इसके आधार पर ही हाईकोर्ट को इससे अवगत करा दिया जाएगा। भविष्य में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए जिला स्तर पर नए सिरे से विज्ञापन निकाला जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं है कि कितने शिक्षकों की भर्ती कब की जाएगी।
बसपा सरकार में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य स्तर पर विज्ञापन निकाला गया था। इसमें शिक्षक भर्ती के लिए अर्हता शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट को रखा गया था। हाईकोर्ट इलाहाबाद में इसे चुनौती देते हुए कहा गया था कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक शिक्षकों की भर्ती का अधिकार बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है। इसलिए शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन भी जिला स्तर पर ही निकालना चाहिए। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। इस बीच टीईटी में धांधली का खुलासा होने के चलते भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी। यूपी में 15 मार्च से नई सरकार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से टीईटी पास अभ्यर्थी मिले थे और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाते हुए तीन हफ्ते में इसकी जांच रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी की बैठक में ही तय किया गया कि पूर्व में जारी विज्ञापन को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट को अवगत करा दिया जाए।

शिक्षा के अधिकार पर राज्यों को मनाएंगे सिब्बल

शिक्षा के अधिकार पर राज्यों को मनाएंगे सिब्बल
ठ्ठजागरण ब्यूरो, नई दिल्ली शिक्षा का अधिकार कानून पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद केंद्र सरकार उसके और प्रभावी अमल को लेकर हरकत में आ गई है। इसके लिए राज्यों को समझाने-बुझाने का मोर्चा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने खुद संभाल लिया है। उन्होंने राज्यों के शिक्षा मंत्रियों व मुख्यमंत्रियों से इस पर खास तवज्जो देने की अपील की है। राज्यों के शिक्षा मंत्रियों (जहां शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री के ही अधीन है, वहां मुख्यमंत्रियों को) भेजे पत्र में सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया है, जिसमें सरकारी मदद न लेने वाले स्कूलों के दाखिले में भी गरीब बच्चों को 25 प्रतिशत आरक्षण को संवैधानिक तौर पर सही ठहराया गया है। उन्होंने शिक्षा का अधिकार कानून के प्रभावी अमल के लिए दस सूत्री एजेंडा सुझाया है और कहा है कि छह से चौदह साल की उम्र के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के लिए पड़ोस के स्कूलों की मैपिंग जरूरी है। कानून के तहत छात्रों, शिक्षकों के अनुपात का ध्यान रखने, शिक्षकों की तैनाती, शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के जरिए खाली पदों को योग्य शिक्षकों से भरा जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण की पाठ्यचर्या में बदलाव के साथ प्रशिक्षण के पुराने ढर्रे को बदलने की पैरवी की है। साथ ही शैक्षिक सत्र की शुरुआत में ही छात्रों को किताबें, यूनीफार्म व अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराने को कहा है। प्रारंभिक शिक्षा की बुनियादी दिक्कतों से वाकिफ होने के बावजूद सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की रोशनी में सभी स्कूलों में पेयजल व शौचालय की सुविधा हर हाल में किए जाने पर जोर दिया है। सिब्बल ने स्कूलों में छात्रों को शारीरिक दंड न देने, उन्हें फेल करने या फिर स्कूल से निकाले जाने जैसे मामलों में खास ध्यान देने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने हर स्कूल में छात्रों, अभिभावकों की शिकायतों के निवारण के लिए एक तंत्र भी सुनिश्चित करने को कहा है। हालाकि मंत्रालय इस बारे में पहले ही राज्यों को जरूरी सुझाव भेज चुका है। news -dainik jagran 20/4/12

Thursday, April 19, 2012

अब टीईटी होगी अर्हताकारी परीक्षा!

अब टीईटी होगी अर्हताकारी परीक्षा!
लखनऊ, 18 अप्रैल (जाब्यू) : टीईटी को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की मंशा के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिलाने पर सहमति बनी है। शिक्षकों की नियुक्ति टीईटी की मेरिट के आधार पर न करके पूर्व में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अभ्यर्थियों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक स्तर पर प्राप्त किये गए अंकों के प्रतिशत के आधार पर की जाएगी। इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन किया जाएगा। विवादों में घिरे टीईटी के पहलुओं पर विचार करने के बाद मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है। समिति रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजेगी। इन परिस्थितियों में टीईटी को निरस्त करने की संभावना भी है। उच्च स्तरीय समिति की बैठक में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत अनिवार्य किये गए टीईटी को लेकर एनसीटीई के 11 फरवरी 2011 को जारी निर्देशों पर चर्चा हुई जिसमें टीईटी को सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा घोषित किया गया है। समिति ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि एनसीटीई के दिशानिर्देशों पर अमल करते हुए अन्य राज्यों ने भी टीईटी को शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा का ही दर्जा दिया है। समिति ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि बीती 13 नवंबर को हुए टीईटी के परिणाम में जिस तरह से धांधली उजागर हुई है उससे अदालत या किसी अन्य के लिए यह निष्कर्ष निकालना स्वाभाविक है कि इस अनियमितता को अंजाम देने के लिए ही टीईटी की मेरिट को शिक्षकों की नियुक्ति का आधार बनाने का फैसला किया गया यानी यह गोरखधंधा पूर्व नियोजित था।  news -dainik jagran 19/4/12

Wednesday, April 18, 2012

अनुदेशकों के 41307 पद स्वीकृत किए गए

अनुदेशकों के 41307 पद स्वीकृत किए गए
लखनऊ: शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 100 से अधिक नामांकन वाले उच्च प्राथमिक स्कूलों में कला, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा व कार्य शिक्षा के लिए अंशकालिक अनुदेशकों के 41307 पद स्वीकृत किए गए हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने विभागीय अधिकारियों को इन पदों को भरने के लिए शीघ्र ही नीति निर्धारित करने का निर्देश दिया है। मंत्री ने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर वंचित और निर्धन वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिलाया जाना है। इस पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी। इस मकसद से वंचित और दुर्बल वर्ग को राज्य सरकार द्वारा परिभाषित किया जाएगा ताकि नए सत्र में गरीब बच्चों को इसका लाभ मिल सके।
news -dainik jagran 18/4/12

भत्ते के बाद अब नौकरी की तलाश!

भत्ते के बाद अब नौकरी की तलाश!
लखनऊ, 17 अप्रैल (जासं): बेरोजगारी भत्ते को लेकर मंगलवार को एक बार फिर अधिकारियों के बीच माथापच्ची हुई, लेकिन गाइड लाइन पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में हाईस्कूल से ऊपर योग्यता वाले 18-35 आयु वाले बेरोजगारों को भत्ता देने और उनसे काम लेने पर कई अधिकारियों ने सहमति व्यक्त की लेकिन अन्य बिंदुओं पर एक राय नहीं बन सकी। हालांकि बेरोजगारी भत्ते की श्रेणी में न आने वाले बेरोजगारों को नौकरी के अवसर जुटाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए। बेरोजगारी भत्ते के बदले उनसे क्या काम लिया जाएगा? कितने दिन काम करने के बाद उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा? 18 लाख को बेरोजगारी भत्ता देने के बाद शेष बचे 14 लाख बेरोजगारों को नौकरी कैसे दी जाएगी? जैसे कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। सरकार की बहुप्रतीक्षित योजना का लाभ सही मायने में बेरोजगारों को मिल सके इसे लेकर अधिकारी भी कोई कसर छोड़ना नहीं चाहिए। फिर बढ़ेगी भीड़ बेरोजगारों के पंजीकरण से अभी राहत भी नहीं मिल सकी थी कि एक बार फिर से सेवायोजन कार्यालय पर भीड़ जुटाने की तैयारी शुरू हो गई है। बेरोजगारी भत्ते की श्रेणी में आने वाले बेरोजगारों को एक बार फिर फोटोयुक्त आवेदन पत्र जमा करना होगा। बेरोजगार उन्हीं सेवायोजन कार्यालय में आवेदन जमा करेंगे, जहां उन्होंने पंजीकरण कराया है। हालांकि, आवेदन पत्र कब से जमा होंगे? इसका निर्धारण गाइड लाइन बनने के बाद ही किया जाएगा। आवेदन पत्र के साथ शपथ पत्र, निवास प्रमाण पत्र के साथ योग्यता व कही काम न करने का प्रमाण पत्र भी लगाना होगा। अधिकारी भीड़ से निपटने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं।  news -dainik jagran 18/4/12


टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मांगी भीख

टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मांगी भीख
लखनऊ : उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मंगलवार को विधानभवन के समक्ष भिक्षा मांगकर अपनी पीड़ा और क्षोभ का प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने बताया कि छह माह पहले शुरू हुई प्रक्रिया में फार्म भरने व विभिन्न जिलों में आवेदन करने में आर्थिक और मानसिक शोषण भी झेला है। अभ्यर्थी गणेश दीक्षित और निर्भय सिंह ने बताया कि इसके बाद भी अब तक अभ्यर्थियों का भला न होने से आहत दो अभ्यर्थी अंगद चौरसिया और महेंद्र सिंह की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार से सकारात्मक बातचीत व निरंतर प्रदर्शनों के बावजूद सरकार ने अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया की बाबत कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
news-dainik jagran 18/4/12

लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को संबंध में फिर 18 अप्रैल को बैठक करेंगे

लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को निरस्त किया जाने पर निर्णय नहीं हो सका। बैठक में यह तय किया गया कि रमाबाई नगर पुलिस कोे जांच के लिए टीईटी से संबंधित जो भी दस्तावेज की जरूरत हो, उसे उपलब्ध करा दिया जाए। मुख्य सचिव इस संबंध में फिर 18 अप्रैल को बैठक करेंगे। बताया जाता है कि इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट को यदि आधार माना गया तो टीईटी को निरस्त करने की संस्तुति की जा सकती है।
 news -amar ujala

Tuesday, April 17, 2012

(एनसीटीई) ने मानक पूरा न करने वाले प्रदेश के 115 बीएड कॉलेजों का पंजीकरण खारिज करने की तैयारी कर ली है।

बीएड में दाखिला लेने के लिए तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को संस्थानों के बारे में ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। बीएड, बीटीसी के लिए संस्थानों को मान्यता देने वाली संस्था नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने मानक पूरा न करने वाले प्रदेश के 115 बीएड कॉलेजों का पंजीकरण खारिज करने की तैयारी कर ली है।

आरोप है कि इन संस्थानों में सामान्य जूनियर स्कूलों जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं। सुविधा विस्तार के लिए उन्हें मौका दिया गया, नोटिस थमाया गया लेकिन संचालकों ने इसे तवज्जो नहीं दी। एनसीटीई ने सभी संस्थानों से पंजीकरण का नवीनीकरण कराने को कहा है। तैयारी है कि मानक पूरे न करने वाले संस्थानों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।

जिन संस्थानों के नवीनीकरण को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, उनमें ज्यादातर कालेज इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, झांसी, लखनऊ, आगरा, मेरठ के हैं। संस्थानों को चार से पंच वर्ष पहले मान्यता दी गई। मानक पूरा करने को दो वर्ष का समय भी दिया गया लेकिन संस्थान इस पर खरे नहीं उतरे।

इस सत्र में नवीनीकरण से पहले एनसीटीई ने सभी कॉलेजों का स्थलीय सत्यापन कराया। स्थलीय सत्यापन में तीन तरह की रिपोर्ट तैयार की जानी थी। पहली रिपोर्ट में ही इन संस्थानों की मान्यता खत्म करने की संस्तुति कर दी गई है।

शिक्षकों को कर्तव्य बोध कराएगी डायरी

पाकेट डायरी में होगा सूचनाओं का पिटारा
हर पन्ने पर लिखा होगा सुक्ति वाक्य
वाराणसी। बेसिक शिक्षा विभाग एक ऐसी डायरी तैयार कर रहा है जिसमें सूचनाओं का पिटारा होगा। यह डायरी सूक्ति वाक्य से शिक्षकों को उनके कर्तव्य बोध तो कराएगी ही साथ में आरटीआई, आरटीई, सर्व शिक्षा अभियान से जुड़ी सभी जानकारियां भी अभिभावकों को उपलब्ध होंगी। योजना का उद्देश्य बच्चों में संस्कार पैदा करना, एक दूसरे के प्रति सम्मान, स्कूल में शैक्षिक माहौल बनाना, शिक्षकों में बच्चों के प्रति प्यार, पढ़ाई के बारे में जानकारी देना है।
बेसिक शिक्षा विभाग की यह कवायद रंग लाई तो इसे शिक्षकों को जुलाई से दे दिया जाएगा। हालांकि विभाग की ओर से अभी इसका नाम भी नहीं दिया गया है लेकिन फिलहाल पाकेट डायरी नाम से प्लान तैयार कराया जा रहा है। जिसे शिक्षक पाकेट में रख सकेंगे। जिला समन्वयक साहब सिंह यादव का कहना है कि अभी प्लान तैयार की जा रही है। इसमें शिक्षकों, बीआरसी केंद्रों से शिक्षा से संबंधित सुक्ति वाक्य, मुहावरा मांगा गया है। जिले स्तर पर इसे तैयार कर लखनऊ भेजा जाएगा, वहां से अंतिम रूप मिलने के बाद इसे जुलाई में शिक्षकों को बांट दिया जाएगा ताकि आम आदमी भी स्कूलों से जानकारी ले सके।  news -amar ujala 17/4/12

शिक्षकों ने की नियमित करने की मांग

शिक्षकों ने की नियमित करने की मांग
सहारनपुर  : अखिल भारतीय मदरसा शिक्षक संघ की बैठक में मदरसा शिक्षकों को नियमित करने के लिए सरकार से कदम उठाए जाने की मांग की गई।रविवार को गांधी पार्क में हुई बैठक में संघ के जिलाध्यक्ष जुबैर आलम ने कहा कि मदरसा शिक्षक लंबे समय से आधुनिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें न तो समय से मानदेय मिल रहा है और न ही उनके नियमितिकरण के लिए कदम उठाए गए

भर्ती से पहले शासन को बताएं कंपनियां

भर्ती से पहले शासन को बताएं कंपनियां
 लखनऊ उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग अपने पुराने नियमों को सख्त बनाकर बेरोजगारों को नौकरी के अधिक अवसर उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। नियमों के तहत सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों को 25 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की सूचना सेवायोजन विभाग को देनी होती है, लेकिन अभी तक संस्थान इसमें ढिलाई बरतते रहे हैं। अब उन्हें इसकी सूचना विभाग को ऑनलाइन अनिवार्य रूप से देनी ही होगी। उत्तर प्रदेश में रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना अधिनियम-1959 प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की तैयारी की जा रही है। सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को नौकरी देने से पहले रिक्तियों की सूचना सेवायोजन कार्यालयों को देनी होती है। हर तिमाही पर सूचना देने के प्रावधानों के बावजूद निजी कंपनियां सूचना देने से कतराती हैं। सेवायोजन विभाग के अधिकारियों को ऐसा न करने वाली संस्थाओं को चिह्नित कर उनके ऊपर कार्रवाई करने का अधिकार है। इसके बावजूद यह नियम सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। 35 से 45 उम्र के बीच के बेरोजगारों को भत्ता देने की कवायद के बीच अब बचे बेरोजगारों को नौकरी के रास्ते खोलने के लिए अधिसूचना नियम को सख्त बनाया जा रहा है। सेवायोजकों को अब न केवल नौकरी की सूचना ऑन लाइन विभाग को उपलब्ध करानी होगी बल्कि उन्हें नौकरी पर रखने वाले बेरोजगारों की संख्या के बारे में भी बताना होगा। ऐसा न करने वाले सेवायोजकों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। सरकार की इस कवायद को बेरोजगारों को रोजगार देने की पहल के रूप में देखा जा रहा है। इस सख्ती का असर यह होगा कि सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं गुपचुप तरीके से नियुक्तियां नहीं कर पाएंगी और सरकार को भी इस बात की जानकारी होगी कि बेरोजगारों की संख्या में कितनी कमी आई है। उत्तर प्रदेश में 2009 में निजी सेवायोजकों की संख्या 8376 थी जो 2010 में बढ़कर 8404 हो गई, जबकि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में नॉन एक्ट व एक्ट के तहत 5.20 लाख कर्मचारी कार्यकर रहे हैं। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की संख्या 16.31 लाख है। news -dainik jagran 17/4/12

टीचर भरती नियमों में संशोधन होगा!

टीचर भरती नियमों में संशोधन होगा!
 केंद्र के नियमों से उलट हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए टीचर भरती नियमों में संशोधन हो सकता है। यह संकेत शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने सोमवार को दिए। प्रदेश सरकार ने नए नियमों में प्रावधान किया है कि टीचर भरती के लिए वे लोग भी आवेदन कर सकेंगे जिन्होंने टीचर इलेजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास नहीं किया है लेकिन उन्हें चार साल का टीचिंग अनुभव है। प्रदेश सरकार के इस फैसले से सवा लाख टीईटी पास युवा नाराज हैं और नियमों में बदलाव वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अब सरकार ने आंदोलन कर रहे टेस्ट पास पात्र अध्यापक संघ को बातचीत का न्योता दिया है। हरियाणा सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए चार साल पहले टीचर भरती के लिए स्टेट टीचर इलेजिबलिटी टेस्ट (स्टेट) पास करना अनिवार्य कर दिया था। उस समय देश के किसी भी राज्य में यह टेस्ट अनिवार्य नहीं था। लेकिन राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत केंद्र सरकार ने टीचर भरती के लिए यह टेस्ट अनिवार्य कर दिया। केंद्र की तर्ज पर पंजाब सरकार ने भी अपने यहां टेस्ट आयोजित किया, जिसे पास करने वालों को पंजाब सरकार ने टीचर भी नियुक्त कर लिया। इधर, हरियाणा सरकार ने अब टीचर भरती के लिए जो नियम बनाए हैं, उनमें इस टेस्ट की शर्त हटा ली है। नए नियम में प्रावधान किया गया है कि आवेदक को नियुक्ति के तीन साल के भीतर टेस्ट पास करना होगा।  news -amar ujala 17/4/12

राज्य स्तरीय बीएड प्रवेश परीक्षा 23 अप्रैल को दो पालियों में होगी

बीएड की प्रवेश परीक्षा में 56 केंद्रों पर 30,168 परीक्षार्थी
वाराणसी : राज्य स्तरीय बीएड प्रवेश परीक्षा 23 अप्रैल को दो पालियों में होगी। इस परीक्षा के लिए जनपद में 30,168 परीक्षार्थियों के लिए 56 केंद्र बनाए गए है। परीक्षा के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ नोडल केंद्र बनाया गया है। इसे वाराणसी, संत रविदासनगर (भदोही) व मीरजापुर जनपदों में प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। परीक्षा के नोडल अधिकारी तथा विद्यापीठ के कुलसचिव एसएल मौर्य ने बताया कि भदोही में 1442 व मीरजापुर में 3460 अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा के लिए भदोही में दो व मीरजापुर में सात केंद्र बनाए गए हैं। प्रो. मुन्नी लाल विश्वकर्मा को वाराणसी जनपद का समन्वयक बनाया गया है। इसी क्रम में डॉ. पीएल द्विवेदी को भदोही व डॉ. विनोद कौशिक को मीरजापुर का उप समन्वयक बनाया गया है। कहा कि शासन ने इस बार बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी फैजाबाद स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को सौंपी है। निर्देश के अनुसार 250 परीक्षार्थियों पर एक पर्यवेक्षक की तैनाती की जाएगी। परीक्षा की तैयारी के लिए 17 अप्रैल को सभी नोडल अधिकारियों की बैठक फैजाबाद में बुलाई है। इस क्रम में विद्यापीठ नोडल केंद्र से जुड़े सभी पर्यवेक्षकों व केंद्राध्यक्षों की बैठक 21 अप्रैल को अपराह्न तीन बजे से विद्यापीठ परिसर होगी।  news-dainik jagran 17/4/12

cpmt-19 से मिलेंगे सीपीएमटी फॉर्म

19 से मिलेंगे सीपीएमटी फॉर्म
लखनऊ : कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) के फॉर्म 19 अप्रैल से प्रदेश के सभी इलाहाबाद बैंकों में मिलेंगे। यह जानकारी छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. अब्बास अली मेहदी ने दी। इस बार सीपीएमटी फॉर्म की कीमत सामान्य व ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) अभ्यर्थियों के लिए 1050 रुपये रखी गई है। हालांकि अनुसूचित जाति व जनजाति के अभ्यर्थियों को फॉर्म 550 रुपये में मिलेगा। इस बार सीपीएमटी तीन जून को है। news -dainik  jagran 17/4/12

Monday, April 16, 2012

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राजकीय डिग्री कॉलेजों में 29 विषयों के प्रवक्ता के 267 पदों पर नियुक्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राजकीय डिग्री कॉलेजों में 29 विषयों के प्रवक्ता के 267 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। राजकीय डिग्री कॉलेजों में प्रवक्ता और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर (प्रवक्ता पद का परिवर्तित नाम) की नियुक्ति में दोहरे मानक अपनाए जा रहे हैं।


राजकीय कॉलेजों में डीफिल और एमफिल करने वालों को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) और राज्य पात्रता परीक्षा (स्लेट) से छूट देने की बात कही गई है जबकि इविवि में यूजीसी रेगुलेशन 2009 के मुताबिक पीएचडी डिग्री पाने वालों को ही नेट और स्लेट से छूट देने का प्रावधान किया गया है। इससे इविवि की भर्ती में दिसंबर 2009 के पूर्व के पीएचडीधारकों को नेट और स्लेट से छूट मिलना मुश्किल हो गया है क्योंकि इसके पूर्व के ज्यादातर पीएचडीधारकों की डिग्री यूजीसी रेगुलेशन के मुताबिक नहीं है। लोक सेवा आयोग की ओर से राजकीय डिग्री कॉलेजों में प्रवक्ता पद पर नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में साफ कहा गया है कि डीफिल और एमफिल करने वालों के लिए नेट और स्लेट की अनिवार्यता नहीं होगी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शैक्षिक अर्हता सहित अन्य मानक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ही तय करता है। बहरहाल, राजकीय कॉलेजों में नियुक्ति के लिए यूजीसी रेगुलेशन 2009 के मुताबिक डीफिल और एमफिल की अनिवार्यता न किए जाने से प्रतियोगियों ने राहत की सांस ली है। ऑनलाइन आवेदन 10 मई तक स्वीकार किए जाएंगे।

आल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (एआइईईई) आफलाइन एग्जाम 29 अप्रैल को होगा, जबकि आनलाइन परीक्षा सात से 26 मई के बीच होगी



देहरादून, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद(सीबीएसई) ने आल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (एआइईईई) की तैयारियां पूरी कर ली हैं। आफलाइन एग्जाम 29 अप्रैल को होगा, जबकि आनलाइन परीक्षा सात से 26 मई के बीच होगी। बोर्ड ने दावा किया है कि परीक्षा के दोनों प्रारूपों के लिए प्रश्नों पत्रों का स्तर एक जैसा रखा गया है। आफलाइन परीक्षा के लिए इस बार राज्य में तीन शहरों में परीक्षा होंगी, इसमें देहरादून को शामिल नहीं किया गया है। जबकि आनलाइन परीक्षा के देहरादून में दो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। राज्य से करीब तीस हजार छात्र इस परीक्षा में शामिल होंगे।

एनआइटी समेत देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में बीटेक, बीई, बीआर्क में प्रवेश के लिए सीबीएसई एआइईईई का आयोजन करती है। एआइईईई के माध्यम से लगभग 34 हजार सीटों पर प्रवेश होता है। परीक्षा में देशभर से लगभग 10 लाख छात्रों के शामिल होने की संभावना है। इस वर्ष पहली बार परीक्षा आनलाइन व आफलाइन प्रारूप में आयोजित की जाएगी। सीबीएसई ने आनलाइन परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या कम की है। बीते वर्ष की तुलना में इस बार 20 शहरों में केंद्र नहीं बनाए गए हैं। बीते वर्ष 86 शहरों के 1685 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई थी, वहीं इस साल 29 अप्रैल को होने वाली आफलाइन परीक्षा के लिए 66 शहरों में लगभग 1200 केंद्र होंगे।

पॉलिटेक्निक की परीक्षा में मैथ के प्रश्नों ने परेशान किया तो रविवार को एनडीए की परीक्षा में भी छात्र मैथ व अंग्रेजी के प्रश्न से परेशान दिखे



रांची : प्रत्येक परीक्षा में गणित से छात्र कुछ ज्यादा ही परेशान दिख रहे हैं। शनिवार को पॉलिटेक्निक की परीक्षा में मैथ के प्रश्नों ने परेशान किया तो रविवार को एनडीए की परीक्षा में भी छात्र मैथ व अंग्रेजी के प्रश्न से परेशान दिखे। राजधानी के 22 केंद्रों पर लगभग 13 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा में गणित से 300, अंग्रेजी से 200 व जीएस से 400 प्रश्न पूछे गए थे।

इधर डीएवी कपिलदेव में 20-25 छात्रों को प्रवेश नहीं मिलने पर हंगामा किया। ये छात्र परीक्षा शुरू होने के बाद सेंटर पर पहुंचे थे।

राजधानी में रविवार को 5 केंद्रों पर एसएससी की एजी की परीक्षा हुई। परीक्षा शांतिपूर्ण रही। कई छात्र प्रवेश-पत्र डाउनलोड नहीं होने के कारण परीक्षा देने से वंचित रह गए। ऐसे छात्रों का आरोप था कि वे दो दिनों से प्रवेशपत्र डाउनलोड करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वेबसाइट काम नहीं कर रहा था।

अभ्यर्थियों ने निकाला कैंडिल मार्च


अभ्यर्थियों ने निकाला कैंडिल मार्च
 मिर्जापुर। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में महेंद्र सिंह पुत्र खानचंद्र निवासी खुदादिया अहमदगढ़ डिबाई बुलंदशहर और संत कबीर नगर के अंगद चौरसिया के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया गया। दोनों टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों की मौत दिमाग की नस फटने से हुई है। सरकार द्वारा चयन में आनाकानी का रवैया अपनाने के चलते इन्हें गहरा आघात लगा था। दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने कैंडिल मार्च निकाला। वक्ताओं ने कहा कि महेंद्र सिंह ने टीईटी की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की थी। उन्हें टीईटी प्राप्तांक के आधार पर प्राथमिक शिक्षक चयन प्रक्रिया में चयन का पूरा विश्वास था, लेकिन सरकार व प्रशासन की भर्ती प्रक्रिया पर गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी व बदले की राजनीति से काम करने के कारण उन्हें गहरा आघात लगा। जिसे वह सहन नहीं कर सके। ठीक ऐसी ही घटना कुछ दिन पहले संत कबीर नगर जिले के स्व. अंगद चौरसिया के साथ घटी। वक्ताओं ने कहा कि सरकार का यही रवैया रहा तो टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार कई और लोग इसका शिकार हो सकते हैं।

टीईटी अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री के विरोध में धरना दिया।

प्रतापगढ़। मुख्यमंत्री से मिला आश्वासन टूट गया तो नाराज टीईटी अभ्यर्थियों ने विरोध में कचहरी में धरना दिया। इस दौरान लोगों ने प्रदेश सरकार से आश्वासन पूरा किए जाने की मांग की। रविवार को जिला कचहरी परिसर में टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष विवेक सिंह की अगुवाई में अभ्यर्थियों ने धरना दिया। ये लोग प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से खासे नाराज रहे। इनका आरोप था कि लखनऊ में मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन दिया था। उनके आश्वासन पर संगठन के साथियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी जताया था। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि आश्वासन देने के बाद मुख्यमंत्री पलट जाएंगे। धरने पर बैठे अभ्यर्थियों में इस बात का रंज रहा कि आखिर वह कौन सी मजबूरी रही जिसके आगे मुख्यमंत्री भी असहाय हो गए। अभ्यर्थियों का कहना था कि नियमों के तहत ही शिक्षकों का चयन होना चाहिए। इसकी अनदेखी हुई तो वे सभी सड़क से लेकर न्यायालय तक संघर्ष करेंगे। इस मौके पर टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे। amar ujala 16/4/12

टीईटी अभ्यर्थियों का मार्च

टीईटी अभ्यर्थियों का मार्च
इलाहाबाद : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने रविवार को कैंडिल मार्च किया और ंशांति जुलूस निकाला। दोपहर बाद सैकड़ों की संख्या में टीईटी अभ्यर्थी चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा के सामने एकत्र हुए। अभ्यर्थियों ने सुभाष चौराहा सिविल लाइन तक शांति जुलूस और निकाला। इस दौरान जुलूस में शामिल अभ्यर्थियों ने सरकार से टीईटी परीक्षा के बारे में जल्द ही ठोस निर्णय लिए जाने की मांग की। मृत अभ्यर्थी को दी श्रद्घांजलि : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मार्च के दौरान दो मिनट का मौन रखकर मृत दो टीईटी अभ्यर्थियों को श्रद्धांजलि दी। उत्तर प्रदेश टीईटी संघर्ष मोर्चा ने सरकार से मृत टीईटी अभ्यर्थी अंगद चौरसिया और महेन्द्र सिंह के परिवार वालों को पांच-पांच लाख की आर्थिक सहायता दिए जाने की भी मांग की। जुलूस में शामिल लोगों ने हाथों में मोमबत्ती और मृतको को सहायता दिए जाने की अपील के पोस्टर थाम रखे थे। dainik jagran 16/4/12

नौकरी देने का सपना इस तरह होगा पूरा

नौकरी देने का सपना इस तरह होगा पूरा
लखनऊ,  बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते के साथ ही नौकरी देने के मुख्यमंत्री की घोषणा को अमली जामा पहनाने में अधिकारी भी जुट गए हैं। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग अपने पुराने नियमों को सख्त बनाकर बेरोजगारों को नौकरी के अधिक अवसर उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम-1959 प्रक्रिया को ऑन लाइन करने की तैयारी की जा रही है। सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को नौकरी देने से पहले इसकी सूचना सेवायोजन कार्यालयों को देनी होती है। 25 से अधिक कर्मचारियों को तैनाती देने वाले सभी निजी व सरकारी संस्थाओं को रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम-1959 के तहत सूचना देना अनिवार्य होता है। हर तिमाही पर सूचना देने के प्रावधानों के बावजूद निजी कंपनियां सूचना देने से कतराते हैं। सेवायोजन विभाग के अधिकारियों को ऐसा न करने वाले संस्थाओं को चिह्नित कर उनके ऊपर कार्रवाई करने का अधिकार है। इसके बावजूद यह नियम सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। 35 से 45 उम्र वाले बीच के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की कवायद के बीच अब बचे बेरोजगारों को नौकरी के रास्ते खोलने के लिए अधिसूचन नियम को सख्त बनाया जा रहा है। सेवायोजकों को अब न केवल नौकरी की सूचना ऑन लाइन विभाग को उपलब्ध कराना होगा बल्कि उन्हें नौकरी पर रखने वाले बेरोजगारों की संख्या के बारे में भी बताना होगा। ऐसा न करने वाले सेवायोजकों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में 2009 में निजी सेवायोजकों की संख्या 8376 थी जो 2010 में बढ़कर 8404 हो गई जबकि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में नॉन एक्ट व एक्ट के तहत 5.20 लाख कर्मचारी कार्यकर रहे हैं। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की संख्या 16.31 लाख है।
dainik jagran 16/4/12

आसान नहीं होगा निजी स्कूलों में गरीबों का दाखिला

लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बच्चों को नि:शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब नौनिहालों को 25 फीसदी सीटों पर दाखिला देने के प्रावधान पर सुप्रीम कोर्ट ने भले ही मुहर लगा दी हो लेकिन सूबे में इस पर अमल आसान नहीं लगता। निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को प्रवेश देने के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अपने-अपने तर्क हैं। अधिनियम की धारा 12(1)(सी) में स्पष्ट उल्लेख है कि निजी स्कूलों को कक्षा एक की न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर पड़ोस में रहने वाले समाज के दुर्बल व वंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश देना होगा और उन्हें कक्षा आठ तक नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा देनी होगी। अधिनियम की धारा 3(1) में कहा गया है कि छह से 14 वर्ष तक के हर बच्चे को पड़ोस के विद्यालय में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा हासिल करने का हक होगा जब तक कि वह प्रारंभिक शिक्षा पूरी न कर ले। गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने के सवाल पर बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि अधिनियम के तहत छह से 14 वर्ष तक के बच्चे को पड़ोस के विद्यालय में दाखिला देने की बाध्यता है।

कंप्यूटर शिक्षा : लाखों खर्च, नतीजा सिफर

आगरा। बच्चों को आधुनिकता से जोड़ने के लिए शासन जो नींव बो रहा है उसमें सिर्फ बबूल के कांटे ही नजर आ रहे हैं। जनता की गाढ़ी कमाई को कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर पानी की तरह बहाया जा रहा है। जबकि हकीकत के धरातल पर विद्यार्थी कंप्यूटर का माउस तक नहीं छू पाए हैं। शिक्षक न होने से शिक्षा के भवनों में पुराने कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं, बावजूद इसके आगामी सत्र में कंप्यूटरों की नई खेप आ चुकी है।
पिछले वर्षों में 21 से 22 बेसिक विद्यालयों को कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए थे। इस समय विद्यालय में तैनात शिक्षकों को कंप्यूटर चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था। पदोन्नति आदि में शिक्षक विद्यालय में नहीं रह गए। ऐसे में कंप्यूटर को स्टार्ट करने वाला भी कोई नहीं रह गया है। मार्च के अंतिम सप्ताह में 40 और बेसिक विद्यालयों के लिए कंप्यूटर आ गए। सभी अशोक नगर स्थित सर्व शिक्षा अभियान के दफ्तर में रखे हैं। एनआईसी की टीम ने कंप्यूटर का सत्यापन कर लिया है। जल्द ही विद्यालयों में कंप्यूटर भेज दिए जाएंगे।
शासन से लाखों रुपये के कंप्यूटर तो भेजे जा रहे हैं, लेकिन उसके संचालन को सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है। बेसिक स्कूलों के शिक्षक पदोन्नति के बाद बदल जाते हैं। जरूरी नहीं है कि जिस शिक्षक को कंप्यूटर लगाने के समय प्रशिक्षण दिया जाए वही विद्यालय में लंबे समय तक रुके। दूसरे पुराने शिक्षक अब कंप्यूटर सीखने में रुचि भी नहीं दिखा रहे हैं। इसके अलावा शासन से कंप्यूटर की मरम्मत आदि के लिए स्कूलों को कोई बजट नहीं दिया जा रहा है। इससे भी संचालन मुश्किल हो रहा है।

‘‘पदोन्नति और स्थानांतरण के समय ध्यान देना चाहिए कि कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक को जिन विद्यालयों में कंप्यूटर की सुविधा है, उसी में भेजा जाए। या फिर सभी बेसिक शिक्षकों को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाए। भविष्य में सारे विद्यालयों में कंप्यूटर लगने हैं। वर्तमान व्यवस्था में बच्चों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।’’
नीना कटियार, एडी बेसिक
amar ujala 16/4/12

‘अभिभावकों पर बोझ नहीं डालेंगे स्कूल’


नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षा के अधिकार को संवैधानिक रूप से अनिवार्य करने के बाद सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों को संकेत दे दिए हैं कि वे फीस बढ़ा कर विद्यार्थियों के अभिभावकों पर बोझ नहीं डाल सकते। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत सरकार से सहायता पाने वाले निजी स्कूलों को अपनी 25 प्रतिशत सीटें छह से 14 साल तक के गरीब बच्चों को मुफ्त देना होंगी।

एक टीवी कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार स्कूलों के साथ मिलकर बढ़े खर्च का विश्लेषण करेगी और राह निकालेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास 12वीं पंचवर्षीय योजना में आरटीई के लिए कई परियोजनाएं हैं। सरकार आरटीई को पूरी तरह लागू करने के लिए अगले पांच साल में 2.31 लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसमें सब कुछ ठीक हो जाएगा। इसके लिए निजी स्कूलों को अपने अन्य संसाधनों को खंगालना होगा।

Sunday, April 15, 2012

टीईटी मसले के निराकरण की मांग

रानीपुर (झांसी)। टीईटी अभ्यर्थियों की एक बैठक हरिओम कुशवाहा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में अभ्यर्थियों ने सरकार से इस मसले को अतिशीघ्र निपटाने की मांग की।
हरिओम कुशवाहा ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाए तथा जो अभ्यर्थी इसमें दोषी पाए जाएं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पुष्पेन्द्र यादव ने कहा कि टीईटी का भविष्य तारीखों के माध्यम से आगे बढ़ता जा रहा है। एक समय आएगा कि उस अंकपत्र की वैद्यता के वर्ष पूरे हो जाएंगे या फिर अभ्यर्थियों की आयु सीमा 40 वर्ष से अधिक हो जाएगी। बताया गया कि समिति की 18 अप्रैल को लखनऊ में दोबारा बैठक होनी है। बैठक टीईटी अभ्यर्थियों के भविष्य का निर्णय करेगी। यदि उक्त तारीख को कोई निश्चित निर्णय नहीं होता है तो मजबूरन अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे तथा शांतिपूर्ण धरना व प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।
बैठक में मनोज श्रीधर, राजेश लिटौरिया, भूपेन्द्र, संतोष तोमर, श्यामलाल लुहरगांव, पंकज, महेन्द्र, नेहा, नारायणदास श्रीवास, रवि रायकवार, गौतम खोइया, चांद खान, रिंकू खरे, नरेन्द्र कुशवाहा, योगेश सोनी, देवेन्द्र सिंह, गनेश आर्य आदि उपस्थित रहे। संचालन पुष्पेन्द्र यादव ने व आभार व्यक्त राजेश लिटौरिया ने किया।
 amar ujala 15/4/12

आरटीई की राह में अभी भी कम नहीं चुनौतियां

आरटीई की राह में अभी भी कम नहीं चुनौतियां
 छह से चौदह साल तक के बच्चों को अनिवार्य व मुफ्त पढ़ाई के लिए शिक्षा का अधिकार कानून के अमल के दो साल बाद भी चुनौतियां कम नहीं हैं। उसे लेकर खुद सरकार को पसीना छूट रहा है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने गैर सरकारी व सरकार से सहायता न लेने वाले स्कूलों में भी गरीब बच्चों के लिए 25 प्रतिशत दाखिले की राह खोल दी है। शिक्षा का अधिकार कानून के मुताबिक प्राइमरी स्तर पर एक शिक्षक पर 30 बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आदर्श स्थिति है, लेकिन कानून पर अमल के दो साल बाद भी देश के नौ प्रतिशत स्कूल महज एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। जबकि स्कूलों में यह औसत अभी भी 1:45 पर टिका हुआ है। कानून पूरी तरह योग्य व प्रशिक्षित शिक्षकों का प्रावधान करता है, लेकिन 20 प्रतिशत शिक्षक जरूरी मानकों पर खरे ही नहीं उतरते। इसी तरह प्राइमरी की एक कक्षा में 30 बच्चे होने चाहिए, लेकिन यह स्थिति भी अभी 37 पर टिकी हुई है। स्कूलों में रैम्प होना जरूरी है, जबकि 50 प्रतिशत में यह नहीं है। खेल का मैदान भी होना लाजिमी है, 45 प्रतिशत में है ही नहीं। इस सबसे भी बड़ी बात हर स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था होनी ही चाहिए। अटपटा लग सकता है, लेकिन सात प्रतिशत स्कूल इस बेहद जरूरी सुविधा से महरूम हैं। कानून कहता है कि कोई बच्चा फेल नहीं किया जाएगा। स्कूलों के सामने यह चुनौती तो है ही, लेकिन सारी कोशिशों के बावजूद बीच में पढ़ाई छोड़ने की स्थिति बरकरार है। लगभग सात प्रतिशत बच्चे अब भी बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं। योग्य व शिक्षकों की समस्या भी सरकार के लिए एक अहम चुनौती बनी हुई है। सिर्फ शिक्षा का अधिकार कानून के अमल की रोशनी में ही सवा पांच लाख अतिरिक्त शिक्षकों की जरूरत है। दूसरी तरफ प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत कुल शिक्षकों में से 7.74 लाख योग्य व प्रशिक्षित ही नहीं हैं। 5.23 लाख शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। शिक्षा का अधिकार कानून हर स्कूल में शौचालयों की समुचित व्यवस्था का प्रावधान करता है। स्थिति यह है कि 16 प्रतिशत स्कूलों में यह है ही नहीं। कानून के अमल में राज्यों की उदासीनता का आलम यह है कि अभी तक सिर्फ 29 राज्यों पढ़ाई के लिए न्यूनतम दिन तय किये हैं। सिर्फ 31 राज्यों ने तय किया कि कोई बच्चा फेल नहीं किया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा को एक से आठवीं (आठ साल) तक के क्रम में रखना है। 28 राज्यों ने ही इसका प्रावधान किया है।  dainik jagran 15/4/12

बीएड बेरोजगारों ने दिया धरना

बीएड बेरोजगारों ने दिया धरना
पल्हना(आजमगढ़): बीएड बेरोजगारों ने शनिवार को प्राथमिक विद्यालय कोटा खुर्द में एक दिवसीय धरना दिया। इसमें पूर्ववर्ती सरकार द्वारा संपन्न कराई गई 'टीईटी' परीक्षा को निरस्त करने की मांग की गई। बीएड बेरोजगार संघ के ब्लाक अध्यक्ष उमेश मौर्या ने कहा टीईटी की जो परीक्षा संपन्न कराई गई थी उसमें व्यापक पैमाने पर धांधली उजागर हुई। प्रदेश सरकार से मांग की गई कि बीएड बेरोजगारों का चयन विगत वषरे की भांति मेरिट के आधार पर किया जाए। संचालन कर रहे प्रमोद सरोज ने कहा कि संपन्न हुई टीईटी परीक्षा की पारदर्शिता को अधिकारियों ने ताक पर रख दिया। अंत में निर्णय लिया गया कि बीएड बेरोजगारों की नियुक्ति यदि मेरिट के आधार पर नहीं होती है तो वे सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।इस अवसर पर राजदेव राम, अरुण सिंह, तेजबहादुर सिंह, जित्तू कन्नौजिया, संतोष यादव, रमेश यादव, बबलू चौरसिया, संतोष यादव, अजय सिंह, अजय राम, अशोक मौर्य, राजबहादुर, स्मृता सिंह आदि उपस्थित थे। dainik jagran 15/4/12

माध्यमिक शिक्षा परिषद की कार्यप्रणाली को समझने के लिए कर्नाटक के विशेषज्ञ आने वाले हैं।

एशिया के सबसे बड़े बोर्ड माध्यमिक शिक्षा परिषद की कार्यप्रणाली देश-विदेश के विशेषज्ञों के लिए उत्सुकता का विषय बनी रहती है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के लाखों छात्र-छात्रओं की परीक्षा बोर्ड कैसे करवाता है, इसे समझने के लिए कर्नाटक के विशेषज्ञ आने वाले हैं।
जानकारी के अनुसार कर्नाटक सरकार के पब्लिक इंस्ट्रुक्शन कमिश्नर तुषारनाथ गिरी 18 अप्रैल को यूपी बोर्ड मुख्यालय पहुंचेंगे। श्री गिरी माध्यमिक शिक्षा निदेशक और बोर्ड सचिव बासुवेद यादव से मुलाकात कर परीक्षा प्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

शिक्षा विभाग में 10 हजार भर्तियां जल्द


शिक्षा विभाग में 10 हजार भर्तियां जल्द

अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद। सरकारी नौकरी की जद्दोजहद में जुटे प्रतियोगियों को उच्च शिक्षा विभाग में भी नौकरी के ढेरों अवसर मिलने जा रहे हैं। विभाग में शिक्षणेत्तर पदों पर जल्द ही 10 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी। शासन ने विभाग तथा कालेजों में रिक्त पदों का विवरण मांगा है। आउट सोर्सिंग पर रोकके बाद चतुर्थ श्रेणी में भी पांच हजार पदों पर भर्ती की तैयारी शुरू कर दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों के अलावा कर्मचारियों के भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं। लंबे समय से भर्ती नहीं होने के कारण निदेशालय तथा क्षेत्रीय कार्यालयों में ही तृतीय श्रेणी के एक तिहाई पद खाली हैं। साथ ही राजकीय तथा अनुदानित महाविद्यालयों में भी हजारों पद खाली हैं। कई कालेजों में तो प्रयोगशाला सहायक ही नहीं हैं। इसकी वजह से प्रयोग कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। निदेशालय के अफसरों के अनुसार तृतीय श्रेणी में ही तकरीबन पांच हजार रिक्तियां हैं। शासन के निर्देश पर इनका विवरण इकट्ठा किया जा रहा है। इसके अलावा हाईकोर्ट के आदेश के बाद विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउट सोर्सिंग भी बंद कर दी गई है। इससे भी हजारों पद खाली हो गए हैं, जिन पर तत्काल भर्ती की जानी है। शासन ने इन पदों का विवरण भी मांगा है। निदेशक डॉ. रामानंद प्रसाद ने बताया कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी दोनों वर्ग में रिक्तियों की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही भर्ती शुरू होने की उम्मीद है।
amar ujala 15/4/12

बीएड धारकों को 2015 तक मिले प्राइमरी शिक्षक नियुक्ति की छूट

मुख्यमंत्री ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से पैदा स्थिति को भी प्रधानमंत्री के सामने उठाया है। प्रदेश में लगभग 2.86 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। हर साल 12 हजार और रिक्त होने का आकलन है। प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीसी) ने बीएड धारकों को छह माह का प्रशिक्षण देकर एक जनवरी,2012 तक शिक्षक पद पर नियुक्ति की छूट दी थी। कानूनी अड़चनों के चलते यह काम पूरा नहीं हो सका। लिहाजा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस छूट को बढ़ाकर 31 मार्च, 2015 तक करने की गुहार की है। dainik jagran 15/4/12



लखीमपुर, यूपी टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक महासंघ ने अपने दिवंगत साथियों की याद में कैंडिल मार्च निकालकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। नसीरुद्दीन मौजी भवन के प्रांगण से सदर चौराहा होकर हीरालाल धर्मशाला पहुंचा जुलूस एक जनसभा के रूप में बदल गया। इस कैंडिल मार्च में सैकड़ों की संख्या में टीईटी शिक्षक शामिल थे। बुलंदशहर व संत कबीर नगर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की टीईटी निरस्त होने की सूचना पाकर हुई मौत पर रविवार को शिक्षक महासंघ ने नसीरुद्दीन मौजी भवन के प्रांगण में बैठक कर शोक सभा की। इसके बाद शाम करीब सात बजे प्रांगण से विशाल कैंडिल मार्च निकाला गया। यह मार्च कचहरी रोड होकर सदर चौराहा तथा कोतवाली के सामने से होकर हीरालाल धर्मशाला चौराहे पर खत्म हुआ। धर्मशाला चौराहा पर यह जुलूस एक सभा में तब्दील हो गया, जिसमें अध्यक्ष देवेश चंद्र त्रिवेदी, उपाध्यक्ष दीपक गुप्ता, विनय कुमार वर्मा, रवि शुक्ला ने सभी दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि दी। इस कैंडिल मार्च में विधि सलाहकार बूटा सिंह, शत्रुंजय मिश्र, आनंद मिश्र, धर्मेद्र कुमार, शिशिर ंिसह, रामकुमार सिंह चौहान, सर्वेश गुप्ता, कमल किशोर समेत सैकड़ों लोग शामिल  थे।
dainik jagran 15/4/12


Saturday, April 14, 2012

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार शिक्षा के अधिकार कानून को सख्ती से लागू करेगी



लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार शिक्षा के अधिकार कानून को सख्ती से लागू करेगी और ऐसे निजी स्कूल जो गरीब बच्चों को 25 प्रतिशत आरक्षण नहीं देंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने आज कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत उच्चतम न्यायालय ने निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीट गरीब बच्चों के लिये आरक्षित किये जाने के आदेश दिये हैं। सरकार ने इसे कडा़ई से लागू करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों को दाखिला नहीं देने वाले स्कूलों की मान्यता खत्म की जा सकती है। सपा प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने विशेष मानसिक मंदित स्कूल खोलने का भी निर्णय लिया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में हर साल बच्चों को होने वाले जापानी बुखार से मरने से बच गये बच्चे विकलांग हो जाते हैं। ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिये ही यह स्कूल खोले जा रहे हैं।  news4education.com

शिक्षा कानून लागू हो गया है लेकिन अब भी कई अनसुलझे सवाल हैं।

कई अनसुलझे सवाल शिक्षा कानून लागू हो गया है लेकिन अब भी कई अनसुलझे सवाल हैं। कई ऐसे पेंच हैं जिनका जबाव सब ढूंढ़ ही रहे हैं। ल्ल प्रवेश में क्या पारदर्शिता हो पाएगी। ल्ल जिन बच्चों का विद्यालय प्रवेश लेंगे वे वास्तव में गरीब हैं या नहीं, यह कौन तय करेगा। ल्ल कम पढ़े लिखे बच्चे कैसे भागमभाग पढ़ाई को पकड़ सकेंगे। ल्ल बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए क्या प्रयास किए जाएंगे। ल्ल यूनिफार्म, किताबें, कापी और विद्यालयों में फीस के अलावा साल भर होने के खर्च को कौन वहन करेगा

पढ़ाई के बीच में संस्थान बदलने की छूट पर केंद्र गंभीर

पढ़ाई के बीच में संस्थान बदलने की छूट पर केंद्र गंभीर
नई दिल्ली,  पाठ्यक्रम पूरा हुए बिना ही जरूरत पड़ने पर छात्रों को बाकी की पढ़ाई दूसरे विश्वविद्यालय से पूरी कराने की छूट पर सरकार काफी गंभीर है। इसके लिए वह हर हाल में सभी विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली को लागू करना चाहती है। कई राज्य सरकारों ने भी इस पर सहमति जताई है। लिहाजा छात्रों को अपनी पहले की पढ़ाई के ग्रेड या अंकों (क्रेडिट ट्रांसफर) के साथ दूसरे विश्वविद्यालयों में आवागमन के तौर-तरीकों को तय करने के लिए केंद्र ने एक कमेटी भी गठित कर दी है

प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री बीएड डिग्रीधारकों को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षक नियुक्त करने की अवधि को 31 मार्च 2015 तक बढ़ाने की मांग भी कर सकते हैं।

 बीएड डिग्रीधारकों के लिए मांगेंगे तीन साल समय : प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री बीएड डिग्रीधारकों को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षक नियुक्त करने की अवधि को 31 मार्च 2015 तक बढ़ाने की मांग भी कर सकते हैं। परिषदीय स्कूलों में शिक्षक की नियुक्त के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक व बीटीसी है। परिषदीय स्कूलों में पौने दो लाख शिक्षकों की कमी तो है ही, राज्य में हर साल लगभग 15000 शिक्षक रिटायर भी हो जाते हैं। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में बीटीसी प्रशिक्षणप्राप्त अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हैं। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षकों की कमी पूरा करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने पहली जनवरी 2012 तक बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने की छूट दी थी। निर्धारित अवधि में बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त न कर पाने के कारण राज्य सरकार यह समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2012 करने की मांग कर चुकी है, लेकिन अब मुख्यमंत्री के जरिए इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2015 करने की मंशा है। dainik jagran 14/4/12

सहायक अध्यापक भर्ती में सुनवाई 30 कों

सहायक अध्यापक भर्ती में सुनवाई 30 कों
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट में सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक पर सुनवाई अब 30 अपै्रल को होगी। यह मामला न्यायमूर्ति अरुण टण्डन की अदालत में चल रहा है। मालूम हो कि सहायक अध्यापकों के भर्ती के लिए जारी विज्ञापन की वैधता को चुनौती दी गयी है। कहा गया कि जारी विज्ञापन को बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी किया है, जबकि विज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारी को विज्ञापन जारी करना चाहिये, क्योंकि बीएसए ही नियुक्ति प्राधिकारी है। न्यायालय ने पूर्व में ही स्थगन आदेश पारित किया था, यह विज्ञापन टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए थी। dainik jagran 14/4/12

35 से 45 की उम्र वाले ही पाएंगे बेरोजगारी भत्ता!

35 से 45 की उम्र वाले ही पाएंगे बेरोजगारी भत्ता!
ठ्ठ जितेंद्र कुमार उपाध्याय, लखनऊ सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बुजुर्ग बेरोजगारों के लिए निराश करने वाली खबर है। बेरोजगारी भत्ते की आस में लाइन में लगे बुजुर्ग बेरोजगारों को भत्ता नहीं मिलेगा। सरकार 35 से 45 आयु वाले पंजीकृत बेरोजगारों की ही भत्ता देने की तैयारी कर रही है। इनकी संख्या 18 लाख है। यही नहीं भत्ता पाने वाले बेरोजगारों से काम कराने की भी तैयार की जा रही है। उनसे कौन सा काम लिया जाएगा, इस पर भी मंथन शुरू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में हाईस्कूल से ऊपर की योग्यता वाले 35 से 45 वर्ष के बीच के पंजीकृत बेरोजगारों की गिनती कराई गई है। 11 तक प्रदेश में इस उम्र के बेरोजगारों की संख्या 18 लाख पहुंच गई है। ऐसे में साफ हो गया है कि फिलहाल सरकार 35-45 आयु वाले बेरोजगारों को ही भत्ता देने की तैयारी कर रही है। 15 मार्च को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण के दौरान विभाग ने जो सूचना सरकार को उपलब्ध कराई थी वह नौ लाख थी। 11 अप्रैल तक यह संख्या लगभग दोगुनी हो गई। अब शासन के निर्देश पर विभागीय अधिकारी भत्ता पाने वाले बेरोजगारों से काम लेने पर मंथन कर रहे हैं। गुरुवार को प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय में हुई बैठक में काम को लेकर अधिकारियों ने मंथन किया। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री डॉ. वकार अहमद शाह ने बताया कि फिलहाल गाइड लाइन तैयार हो रही है। उसमें 35 से 45 वर्ष के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने और उसके बदले में काम करने की भी बात कही गई है। अधिकारियों को काम की तलाश करने के निर्देश दिए हैं। योग्यता के अनुरूप बेरोजगारों से काम कराया जाएगा। dainik jagran 14/4/12

इंजीनियर हैं पर नौकरी नहीं तो बन जाइए ठेकेदार

इंजीनियर हैं पर नौकरी नहीं तो बन जाइए ठेकेदार
 नई दिल्ली अगर आप इंजीनियर हैं और नौकरी नहीं मिल रही तो आप सरकारी ठेकेदार बन सकते हैं। यह अवसर दिल्ली जल बोर्ड उपलब्ध करा रहा है। जल बोर्ड ने निर्णय लिया है कि इंजीनियरिंग की डिग्री और डिप्लोमा धारकों को बिना किसी जमानत राशि के जल बोर्ड का पंजीकृत ठेकेदार तैनात किया जाए

Friday, April 13, 2012

पूर्व विज्ञापन के आधार पर हो शिक्षकों की भर्ती

गोंडा। टीईटी बेरोजगार संघर्ष मोर्चा ने खाली पड़े प्राथमिक शिक्षकों के पदों पर पूर्ववर्ती विज्ञापन से ही भर्तीँ करने की मांग की है।
बीएड टीईटी बेरोजगार संघर्ष मोर्चा की गुरुवार को गांधी पार्क में हुई बैठक में मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार 21 दिन के भीतर बीएड टीईटी बेरोजगारों की समस्याओं का निराकरण नहीं करती है तो मजबूर होकर आन्दोलन की राह पर जाना पड़ेगा। इस मौके पर गयानाथ यादव, सुरेश चौधरी, दिलीप शर्मा, अमित, एनके सिंह, मुहम्मद अली, राजेश भाष्कर, चन्द्रशेखर, दिवाकर, राज बहादुर, उमाशंकर तिवारी सहित अन्य मौजूद थे। amar ujala 13/4/12


अपात्र अभ्यर्थियों को बाहर करे सरकार

टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में उठी मांग
बहराइच। छोटी बाजार में टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। बैठक में टीईटी परीक्षा के परिणामों को निरस्त करने संबंधी सरकार की योजना का विरोध किया गया। बैठक में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने जांच कराकर अपात्र उम्मीदवारों को बाहर करने की बात कही।
संगठन के जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह हिंद ने कहा कि सरकार टीईटी परीक्षा को निरस्त करने पर विचार कर रही है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि यदि परीक्षा निरस्त की जाती है तो मामला कोर्ट में जाएगा और भर्ती प्रक्रिया लंबित हो जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सैकड़ों विद्यालय शिक्षकों के अभाव में बंद पड़े हैं। टीईटी अभ्यर्थियों की भर्ती न होने से शिक्षकों का अभाव बढ़ जाएगा। बैठक में उपस्थित टीईटी अभ्यर्थियों ने जांच कराकर अपात्रों को बाहर किये जाने तथा पूर्व सचिव संजय मोहन को दंडित किये जाने की मांग की।
 amar ujala 13/4/12


New Date for Hearing in Allahabad Highcourt is - 30/4/2012


Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011
Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha
Hon'ble Arun Tandon,J.
In view of the order of the Division Bench of this Court dated
06.04.2012 passed in Appeal (Defective) No. 280 of 2012, let all
these matters be listed as the first case at 2 PM under the heading
of case for hearing on 30th April, 2012.
Interim order, if any, to continue till the next date of listing.
Order Date :- 13.4.2012
Shekhar
for more details go to link http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebDownloadJudgmentDocument.do

भत्ता पाने वाले बेरोजगारों से काम कराने की भी तैयार की जा रही है।

 लखनऊ राज्य सरकार सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत 35 से 45 आयुवर्ग वाले बेरोजगारों को ही भत्ता देने की तैयारी कर रही है। इनकी संख्या 18 लाख है। भत्ता पाने वाले बेरोजगारों से काम कराने की भी तैयार की जा रही है। उनसे कौन सा काम लिया जाएगा, इस पर भी मंथन शुरू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में हाईस्कूल से ऊपर की योग्यता वाले 35 से 45 वर्ष के बीच के पंजीकृत बेरोजगारों की गिनती कराई गई है। 11 तक प्रदेश में इस उम्र के बेरोजगारों की संख्या 18 लाख पहुंच गई है। ऐसे में साफ हो गया है कि फिलहाल सरकार 35-45 आयु वाले बेरोजगारों को ही भत्ता देने की तैयारी कर रही है। 15 मार्च को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण के दौरान विभाग ने जो सूचना सरकार को उपलब्ध कराई थी वह नौ लाख थी। 11 अप्रैल तक यह संख्या लगभग दोगुनी हो गई। अब शासन के निर्देश पर विभागीय अधिकारी भत्ता पाने वाले बेरोजगारों से काम लेने पर मंथन कर रहे हैं। गुरुवार को प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय में हुई बैठक में काम को लेकर अधिकारियों ने मंथन किया। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री डॉ. वकार अहमद शाह ने बताया कि फिलहाल गाइड लाइन तैयार हो रही है। उसमें 35 से 45 वर्ष के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने और उसके बदले में काम करने की भी बात कही गई है। सिर्फ 18 लाख लोगों को मिलेगा बेरोजगारी भत्ता! dainik jagran 13/4/12

निजी स्कूलों को पढ़ाने होंगे 25 फीसदी गरीब

निजी स्कूलों को पढ़ाने होंगे 25 फीसदी गरीब
 नई दिल्ली सुप्रीमकोर्ट ने 6 से 14 साल के बच्चों को अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा के मौलिक अधिकार पर अपनी मुहर लगा दी है। अब गरीब बच्चों का हाईफाई निजी स्कूलों में पढ़ाई का सपना पूरा होगा। देश भर में सरकारी व गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित होंगी। शीर्ष अदालत ने शिक्षा के कानून को संविधान सम्मत ठहराते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2-1 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा, शिक्षा का कानून 2009 संविधान सम्मत है। मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाडि़या व न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने शिक्षा के कानून अधिकार को चुनौती देने वाली निजी स्कूलों की याचिका पर फैसले में कहा कि यह कानून सरकारी व सरकार द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के स्कूलों, गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों और सरकारी सहायता या अनुदान प्राप्त करने वाले अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू होगा। गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों पर यह लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, कानून की धारा 12(1)(सी) और 18(3) संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मिले अधिकार का उल्लंघन करती है

अब सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत निशुल्क सीटें कमजोर वर्ग के बच्चों को मिल सकेंगी।

गरीब तबके के बच्चों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन निजी स्कूलों का दरवाजा खोल दिया जिनमें शिक्षा हासिल करना उनके लिए किसी सपने से कम नहीं था।

शिक्षा के अधिकार कानून के प्रावधानों को हरी झंडी देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को 2009 में बने इस कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा । अब सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत निशुल्क सीटें कमजोर वर्ग के बच्चों को मिल सकेंगी।

YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR....next hearing date....16/4/12

Case Status - Allahabad

Pending
Writ - A : 76039 of 2011 [Varanasi]
Petitioner: YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR
Respondent: STATE OF U.P. & OTHERS
Counsel (Pet.): ALOK KUMAR YADAV
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Service-Writ Petitions Relating To Primary Education (teaching Staff) (single Bench)-Appointment
Date of Filing: 21/12/2011
To Be Listed on: 16/04/2012 in Court No. 33

Thursday, April 12, 2012

सीबीएसई ने देश भर में इस सत्र से एक अलग से नए कोर्स की ही शुरूआत करने जा रहा है। इस कोर्स का नाम है सृजन-एक।



नई दिल्ली। छात्र-छात्राओं को लिखने की कला के अलावा मीडिया और अनुवाद के गुर को सिखाने के लिए सीबीएसई ने देश भर में इस सत्र से एक अलग से नए कोर्स की ही शुरूआत करने जा रहा है। इस कोर्स का नाम है सृजन-एक। यह ग्यारहवीं के बच्चों के लिए बिलकुल नई पाठ्य पुस्तक होगी।

once again date extended for hearing of upprt stay(16/4/12)

 more details go  http://allahabadhighcourt.in/causelist/counselOA.jsp

16/04/2012



                                                       AT 10.00 A.M.
                    COURT NO. 4

                    HON'BLE MR. JUSTICE ABHINAVA UPADHYA
                                For Final Hearing/Disposal
 WRIT - C                                
 116.       34641/2000 PHOOL CHANDRA AND ANR.          P.C. SHARMA              
                                                       ALOK KUMAR YADAV
                       Vs. A.D.M. KAUSHAMBI AND ORS.   C.S.C.                   
                                                       JAI NARAIN
                                                       B.K.TRIPATHI
 WITH WRIT- 23491/2000
                                                       AT 10.00 A.M.
                    COURT NO.29

                    HON'BLE MR. JUSTICE VINEET SARAN
                    HON'BLE MR. JUSTICE MANOJ MISRA
                                For Final Hearing/Disposal
 WRIT - A                                
 120.       50271/2008 VISHWA RANJAN                   ALOK KUMAR YADAV         
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       P.S.BAGHEL
                                                       ASHOK KHARE
                                                       AT 10.00 A.M. AND AFTER COURT NO. 32
                    COURT NO.33

                    HON'BLE MR. JUSTICE ARUN TANDON
                                      For Admission
 WRIT - A                                
  64. DF    76039/2011 YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR      ALOK KUMAR YADAV         
                                                       RAJESH YADAV
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       K.S. KUSHWAHA
 WITH WRIA- 76355/2011 SARASWATI SRIVASTAVA            SAROJ YADAV              
                       Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE  C.S.C.                   
                       -RS                             C.N.TRIPATHI
                                                       R.A.AKHTAR
 WITH WRIA- 76392/2011 SHIVANI                         ABHISHEK SRIVASTAVA      
                       Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE  C.S.C.                   
                       -RS                             RAJEEV JOSHI
                                                       C.N.TRIPATHI
 WITH WRIA- 76595/2011 SABA ANJUM & OTHERS             INDRASEN SINGH TOMAR     
                                                       AMIT KUMAR SRIVASTAVA
                       Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER     C.S.C.                   
                                                       K.S. KUSHWAHA
 WITH WRIA- 1442/2012  VASUDEV CHAURASIA & OTHERS      RAVINDRA PRAKASH SRIV.   
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       AKHILESH KUMAR
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH WRIA- 75392/2011 VIJAY KUMAR TRIPATHI & ANOTHER  AJOY KUMAR BANERJEE      
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       K.A. USMANI
 WITH WRIA- 2614/2012  MAHESH CHANDRA                  BHUPENDRA PAL SINGH      
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       S.S. BHADAURIYA
 WITH WRIA- 2608/2012  MOHD. SADAB                     SYED IRFAN ALI           
                                                       MOHD. NAUSHAD
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       ILLEGIBLE
 WITH WRIA- 6826/2012  VIMLESH KUMAR                   ALOK KUMAR YADAV         
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       R.S. PRASAD
                                                       R.A. AKTAR
 WITH WRIA- 51336/2010 SMT. MINTOO KUMARI              NARENDRA PRATAP SINGH    
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       K.S. KUSHWAHA
                                                       AT 10.00 A.M.

हार्ट अटैक से युवक की मौत


हार्ट अटैक से युवक की मौत

संतकबीरनगर। बखिरा क्षेत्र के रक्सा कोल गांव में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी की रविवार को हार्टअटैक से मौत हो गई। परिजन और दोस्त टीईटी चयन प्रक्रिया रुकने के कारण हार्ट अटैक होने की बात कर रहे हैं। रक्सा कोल गांव निवासी स्व. बनहा चौरसियां के तीन बेटों में अंगद चौरसिया सबसे छोटा था।

टीईटी निरस्त करने पर नहीं बनी सहमति

टीईटी निरस्त करने पर नहीं बनी सहमति

अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को निरस्त किया जाने पर निर्णय नहीं हो सका। बैठक में यह तय किया गया कि रमाबाई नगर पुलिस कोे जांच के लिए टीईटी से संबंधित जो भी दस्तावेज की जरूरत हो, उसे उपलब्ध करा दिया जाए। मुख्य सचिव इस संबंध में फिर 18 अप्रैल को बैठक करेंगे। बताया जाता है कि इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट को यदि आधार माना गया तो टीईटी को निरस्त करने की संस्तुति की जा सकती है।
बैठक में सबसे पहले रमाबाई नगर की पुलिस की ओर से इस संबंध में की गई जांच रिपोर्ट रखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक टीईटी में अंक बढ़ाने के लिए सुनियोजित तरीके से गिरोह बनाकर धांधली को अंजाम दिया गया। पुलिस को नई दिल्ली स्थित परीक्षा परिणाम बनाने वाली कंपनी एसके डेटा प्रिंटर के यहां छापेमारी के दौरान 4500 ऑसर शीट ऐसे मिले हैं जिसे फ्ल्यूड लगाकर अंक बढ़ाए गए हैं। जांच के दौरान धांधली के अन्य कई सुबूत भी मिले हैं। बैठक में तय किया गया कि टीईटी से जुड़े अन्य दस्तावेजों के साथ अधिकारियों को 18 अप्रैल को बुलाया जाए, इसके बाद कमेटी कोई निर्णय करेगी।
गौरतलब है कि मायावती सरकार ने यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी आयोजित कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी थी। टीईटी रिजल्ट आने के बाद दिसंबर में अंक बढ़ाए जाने का खुलासा हुआ था। इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया था। टीईटी पास अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर इस संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस संबंध में न्याय संगत निर्णय किया जाएगा और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी थी।
हाईकोर्ट में काउंटर लगाएगी सरकार
लखनऊ। टीईटी मामले में गिरफ्तार तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की जमानत पर हाईकोर्ट में 23 अप्रैल को सुनवाई है। सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई रिव्यू बैठक में तय किया गया कि विभाग इसके पहले अपना काउंटर दाखिल कर देगा। amar ujala 12/4/12

टीईटी पर शासन की सधी चाल

टीईटी पर शासन की सधी चाल
लखनऊ, 11 अप्रैल (जागरण ब्यूरो) : मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने बुधवार को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और उससे जुड़ी 72,825 शिक्षकों की भर्ती से संबंधित पहलुओं पर प्रारंभिक चर्चा की। मुख्य सचिव ने समिति के सदस्यों से टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े नियम कायदे और इनमें बरती गईं विसंगतियों की जानकारी हासिल की। यह भी तय हुआ कि इस विषय पर चर्चा करने के लिए 18 अप्रैल को फिर बैठक बुलायी जाए। समिति को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी है। बैठक में मुख्य सचिव को टीईटी के संदर्भ में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना और प्रदेश में टीईटी के आयोजन के संदर्भ में राज्य सरकार के शासनादेशों से अवगत कराया गया। टीईटी के प्रश्नपत्र में कथित गड़बडि़यों को लेकर अभ्यर्थियों की दायर याचिकाओं और उन पर कोर्ट के निर्देश की भी उन्हें जानकारी दी गई। टीईटी के परीक्षा परिणामों में संशोधनों से भी उन्हें वाकिफ कराया गया। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने टीईटी के परीक्षा परिणाम में की गई धांधली और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन और कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में मुख्य सचिव को बताया। उन्होंने पुलिस विवेचना के तथ्यों से भी मुख्य सचिव को अवगत कराया। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि टीईटी और उससे जुड़ी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के बारे में जो भी निर्णय लेना है, उसके सभी पहलुओं पर और गंभीरता से विचार कर लिया जाए। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि यदि परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया जाता है तो उसके लिए पुख्ता आधार क्या होंगे। इस बात पर भी मंथन हुआ कि यदि नए सिरे से परीक्षा करानी पड़े तो सुधार के लिहाज से पुरानी प्रक्रिया में क्या संशोधन अपेक्षित होंगे। इस संभावना पर भी विचार विमर्श हुआ कि यदि टीईटी को निरस्त किया जाता है तो क्या अभ्यर्थी अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की अनुमानित संख्या पर भी चर्चा हुई। अफसरों ने इस पर भी चर्चा की कि टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की स्थिति में यदि सरकार को अदालत में अपने पक्ष का बचाव करना पड़ा तो कोर्ट में उसकी दलील क्या होगी। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव न्याय जेडयू खान, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसी शर्मा, सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार और सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे। dainik jagran 12/4/12