सत्रह पिछड़ी जातियों को लेकर सक्रिय हुई प्रदेश सरकार
लखनऊ, जाब्यू : सत्रह पिछड़ी जातियों को अनसूचित जाति में शामिल करने का चुनावी वादा पूरा करने के लिए सरकार ने प्राथमिक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की ओर से समाज कल्याण विभाग को यह प्राथमिकता याद दिलाए जाने के बाद विभागीय अधिकारियों ने मंत्री अवधेश प्रसाद को मुख्य-मुख्य जानकारियां दे दी हैं। इसके साथ ही इन जातियों को लेकर जरूरी अध्ययन भी कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट के दौरान भी इस मसले को रखेंगे। उल्लेखनीय है कि सपा ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि निषाद, प्रजापति, मल्लाह, कहार, कश्यप, कुम्हार, धीमर, बिंद, भर, केवट, धीवर, बाथम, मछुआ, मांझी, तुरहा और गौड़ को अनुसूचित जाति में शामिल करेगी। सपा ने अपने पिछले शासनकाल में इन जातियों को अनुसूचित जाति की तरह सुविधाएं प्रदान कर केंद्र सरकार को इन्हें अनुसूचित जातियों में शामिल करने के लिए पत्र लिखा था। बाद में बसपा सरकार ने इसे वापस ले लिया था। अब सपा सरकार बनने के बाद इसको लेकर फिर सक्रियता शुरू हो गयी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस पर गंभीरता से विचार हो रहा है। सभी पक्षों का अध्ययन करने के बाद इसे लागू करने की कार्रवाई की जायेगी। dainik jagran 10/4/12
लखनऊ, जाब्यू : सत्रह पिछड़ी जातियों को अनसूचित जाति में शामिल करने का चुनावी वादा पूरा करने के लिए सरकार ने प्राथमिक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की ओर से समाज कल्याण विभाग को यह प्राथमिकता याद दिलाए जाने के बाद विभागीय अधिकारियों ने मंत्री अवधेश प्रसाद को मुख्य-मुख्य जानकारियां दे दी हैं। इसके साथ ही इन जातियों को लेकर जरूरी अध्ययन भी कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट के दौरान भी इस मसले को रखेंगे। उल्लेखनीय है कि सपा ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि निषाद, प्रजापति, मल्लाह, कहार, कश्यप, कुम्हार, धीमर, बिंद, भर, केवट, धीवर, बाथम, मछुआ, मांझी, तुरहा और गौड़ को अनुसूचित जाति में शामिल करेगी। सपा ने अपने पिछले शासनकाल में इन जातियों को अनुसूचित जाति की तरह सुविधाएं प्रदान कर केंद्र सरकार को इन्हें अनुसूचित जातियों में शामिल करने के लिए पत्र लिखा था। बाद में बसपा सरकार ने इसे वापस ले लिया था। अब सपा सरकार बनने के बाद इसको लेकर फिर सक्रियता शुरू हो गयी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस पर गंभीरता से विचार हो रहा है। सभी पक्षों का अध्ययन करने के बाद इसे लागू करने की कार्रवाई की जायेगी। dainik jagran 10/4/12