भत्ता: 15 मार्च से पहले के बेरोजगारों को ही मिलेगा
लखनऊ : अखिलेश यादव सरकार बनने के पहले के बेरोजगारों को ही भत्ता मिलेगा। यानी 15 मार्च के पहले तक जिन बेरोजगारों ने सेवायोजन कार्यालयों में अपना पंजीकरण करा रखा है, सरकार केवल उन्हें ही बेरोजगारी भत्ता देने जा रही है। जो अन्य शर्ते तय की गयी हैं, उनमें 35 से 45 वर्ष की आयु के बेरोजगारों को ही भत्ता दिया जायेगा। भत्ता के लिए वहीं आवेदन कर सकेगा, जो कम से कम हाइस्कूल पास होगा। बेरोजगारी भत्ता पाने वालों से सरकार उनकी काबिलियत के अनुरूप काम भी ले सकेगी। उन्हीं बेरोजगारों को भत्ता दिया जायेगा, जिनके परिवारों की वार्षिक आय शहरों में 26000 रुपये से कम और गांवों में 20000 रुपये से कम होगी। इन शर्तो को मुख्यमंत्री की सहमति मिलनी बाकी है, उसके बाद ही इसे कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए लाया जायेगा। बेरोजगारी भत्ते को लेकर सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या उनकी संख्या को लेकर रही है। ऐसे में 15 मार्च की उस तारीख को कट आफ डेट माना गया है जिस दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अखिलेश यादव ने बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय किया था। यही नहीं भत्ता लेने वालों से काम भी लिया जायेगा। विभाग का मानना है कि भत्ते के एवज यदि काम का शर्त होगी तो ऐसे लोग अपने आप दावेदारी से हट जाएंगे जो पहले से ही कहीं नौकरी कर रहे हैं क्योंकि इस स्थिति में उन्हें अपना नियमित काम छोड़ना होगा। भत्ता लेने वालों को इस बात का शपथ पत्र भी देना होगा कि वह पूरी तरह बेरोजगार हैं और उनकी आय का कोई भी साधन नहीं है। साथ ही वह भत्ते के बदले शासन द्वारा तय कार्यो को करने की सहमति प्रदान करते हैं। 35 से 45 साल की उम्र के उन्हीं बेरोजगारों को भत्ता दिया जायेगा, जो हाइस्कूल पास होंगे। news -dainik jagran 23/4/12
लखनऊ : अखिलेश यादव सरकार बनने के पहले के बेरोजगारों को ही भत्ता मिलेगा। यानी 15 मार्च के पहले तक जिन बेरोजगारों ने सेवायोजन कार्यालयों में अपना पंजीकरण करा रखा है, सरकार केवल उन्हें ही बेरोजगारी भत्ता देने जा रही है। जो अन्य शर्ते तय की गयी हैं, उनमें 35 से 45 वर्ष की आयु के बेरोजगारों को ही भत्ता दिया जायेगा। भत्ता के लिए वहीं आवेदन कर सकेगा, जो कम से कम हाइस्कूल पास होगा। बेरोजगारी भत्ता पाने वालों से सरकार उनकी काबिलियत के अनुरूप काम भी ले सकेगी। उन्हीं बेरोजगारों को भत्ता दिया जायेगा, जिनके परिवारों की वार्षिक आय शहरों में 26000 रुपये से कम और गांवों में 20000 रुपये से कम होगी। इन शर्तो को मुख्यमंत्री की सहमति मिलनी बाकी है, उसके बाद ही इसे कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए लाया जायेगा। बेरोजगारी भत्ते को लेकर सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या उनकी संख्या को लेकर रही है। ऐसे में 15 मार्च की उस तारीख को कट आफ डेट माना गया है जिस दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अखिलेश यादव ने बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय किया था। यही नहीं भत्ता लेने वालों से काम भी लिया जायेगा। विभाग का मानना है कि भत्ते के एवज यदि काम का शर्त होगी तो ऐसे लोग अपने आप दावेदारी से हट जाएंगे जो पहले से ही कहीं नौकरी कर रहे हैं क्योंकि इस स्थिति में उन्हें अपना नियमित काम छोड़ना होगा। भत्ता लेने वालों को इस बात का शपथ पत्र भी देना होगा कि वह पूरी तरह बेरोजगार हैं और उनकी आय का कोई भी साधन नहीं है। साथ ही वह भत्ते के बदले शासन द्वारा तय कार्यो को करने की सहमति प्रदान करते हैं। 35 से 45 साल की उम्र के उन्हीं बेरोजगारों को भत्ता दिया जायेगा, जो हाइस्कूल पास होंगे। news -dainik jagran 23/4/12