बीएड में दाखिला लेने के लिए तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को संस्थानों के बारे में ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। बीएड, बीटीसी के लिए संस्थानों को मान्यता देने वाली संस्था नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने मानक पूरा न करने वाले प्रदेश के 115 बीएड कॉलेजों का पंजीकरण खारिज करने की तैयारी कर ली है।
आरोप है कि इन संस्थानों में सामान्य जूनियर स्कूलों जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं। सुविधा विस्तार के लिए उन्हें मौका दिया गया, नोटिस थमाया गया लेकिन संचालकों ने इसे तवज्जो नहीं दी। एनसीटीई ने सभी संस्थानों से पंजीकरण का नवीनीकरण कराने को कहा है। तैयारी है कि मानक पूरे न करने वाले संस्थानों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
जिन संस्थानों के नवीनीकरण को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, उनमें ज्यादातर कालेज इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, झांसी, लखनऊ, आगरा, मेरठ के हैं। संस्थानों को चार से पंच वर्ष पहले मान्यता दी गई। मानक पूरा करने को दो वर्ष का समय भी दिया गया लेकिन संस्थान इस पर खरे नहीं उतरे।
इस सत्र में नवीनीकरण से पहले एनसीटीई ने सभी कॉलेजों का स्थलीय सत्यापन कराया। स्थलीय सत्यापन में तीन तरह की रिपोर्ट तैयार की जानी थी। पहली रिपोर्ट में ही इन संस्थानों की मान्यता खत्म करने की संस्तुति कर दी गई है।
स्थलीय सत्यापन के बाद रिपोर्ट से पहले अधिकारियों ने निदेशालय के अधिकारियों से भी बात की। बताया गया कि निदेशालय के कई अधिकारी पूर्व में बीएड मान्यता समिति और नवीनीकरण समिति के सदस्य रह चुके हैं। संस्थानों के बारे में अधिकारियों की टिप्पणी को भी रिपोर्ट में शामिल किया गया है।
जांच टीम के सदस्य और उप निदेशक स्तर के अधिकारी बृजभान चौरसिया ने बताया कि दो चरणों में जांच बाकी है। उसके बाद प्रदेश सरकार और एनसीटीई को फाइनल रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। बताया कि प्रदेश सरकार की तरफ से एक कमेटी बनाई गई है जो संस्थानों की जांच कर रही है। news-amar ujala 17/4/12
आरोप है कि इन संस्थानों में सामान्य जूनियर स्कूलों जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं। सुविधा विस्तार के लिए उन्हें मौका दिया गया, नोटिस थमाया गया लेकिन संचालकों ने इसे तवज्जो नहीं दी। एनसीटीई ने सभी संस्थानों से पंजीकरण का नवीनीकरण कराने को कहा है। तैयारी है कि मानक पूरे न करने वाले संस्थानों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
जिन संस्थानों के नवीनीकरण को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, उनमें ज्यादातर कालेज इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, झांसी, लखनऊ, आगरा, मेरठ के हैं। संस्थानों को चार से पंच वर्ष पहले मान्यता दी गई। मानक पूरा करने को दो वर्ष का समय भी दिया गया लेकिन संस्थान इस पर खरे नहीं उतरे।
इस सत्र में नवीनीकरण से पहले एनसीटीई ने सभी कॉलेजों का स्थलीय सत्यापन कराया। स्थलीय सत्यापन में तीन तरह की रिपोर्ट तैयार की जानी थी। पहली रिपोर्ट में ही इन संस्थानों की मान्यता खत्म करने की संस्तुति कर दी गई है।
स्थलीय सत्यापन के बाद रिपोर्ट से पहले अधिकारियों ने निदेशालय के अधिकारियों से भी बात की। बताया गया कि निदेशालय के कई अधिकारी पूर्व में बीएड मान्यता समिति और नवीनीकरण समिति के सदस्य रह चुके हैं। संस्थानों के बारे में अधिकारियों की टिप्पणी को भी रिपोर्ट में शामिल किया गया है।
जांच टीम के सदस्य और उप निदेशक स्तर के अधिकारी बृजभान चौरसिया ने बताया कि दो चरणों में जांच बाकी है। उसके बाद प्रदेश सरकार और एनसीटीई को फाइनल रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। बताया कि प्रदेश सरकार की तरफ से एक कमेटी बनाई गई है जो संस्थानों की जांच कर रही है। news-amar ujala 17/4/12