बेरोजगारी भत्ते के लिए पति और पत्नी दोनों ने पंजीकरण कराया है, तो इनमें से केवल एक ही को भत्ता दिया जाएगा। भत्ता पाने के लिए आयु सीमा 35 से 45 वर्ष ही होगी। अभ्यर्थी को कम से कम हाईस्कूल उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। प्रत्येक तीन माह पर भत्ते की किश्त दी जाएगी।
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में रविवार को यहां हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव पर चर्चा की गई। भत्ता देने के एवज में बेरोजगारों से क्या काम लिया जाएगा और फार्म के साथ भरे जाने वाले शपथ पत्र का प्रारूप क्या होगा इसे अभी तय किया जाना बाकी है।
इस संबंध में निदेशालय से सुझाव मांगे गए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रमुख एजेंडे में बेरोजगारों को भत्ता दिया जाना है। प्रदेशभर में 35 से 45 वर्ष की आयु के 19 लाख से अधिक युवा अब तक पंजीकरण करा चुके हैं। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने बेरोजगारी भत्ता देने का प्रस्ताव शासन को पूर्व में भेजा था। मुख्य सचिव ने बेरोजगारी भत्ता देने का प्रारूप और पात्रता तय करने के लिए रविवार को अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।
इसमें लगभग यह तय कर लिया गया है कि भत्ता 35 से 45 वर्ष की आयु वालों को ही दिया जाएगा। बैठक में भत्ते के एवज में बेरोजगारों से क्या काम लिया जाएगा, इस पर भी विचार-विमर्श हुआ। इस पर सहमति नहीं बन पाई है कि उनसे कौन सा काम लिया जाए।
उधर, एक कार्यक्रम में शिरकत करने इलाहाबाद पहुंचे राज्य के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री डॉ. वकार अहमद शाह ने बेरोजगारी भत्ता किस आय वर्ग के लोगों को दिया जाएगा, यह सेवायोजन विभाग खुद निर्धारित करेगा। इतना तय है कि इस भत्ते के लिए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी।
उन्होंने इस बात की भी पुष्टि कर दी कि बेरोजगारी भत्ता 35 से 45 वर्ष आयु वर्ग के अभ्यर्थियों को ही मिलेगा और इसके लिए अभ्यर्थी को कम से कम हाईस्कूल उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। एक-दो दिनों में कैबिनेट की बैठक सब तय हो जाएगा। मंत्री का मानना है कि यह बहुत बड़ी योजना है। इसे पूरी तरह से लागू करने में दो से तीन माह का वक्त लग सकता है। news-amar ujala 23/4/12
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में रविवार को यहां हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव पर चर्चा की गई। भत्ता देने के एवज में बेरोजगारों से क्या काम लिया जाएगा और फार्म के साथ भरे जाने वाले शपथ पत्र का प्रारूप क्या होगा इसे अभी तय किया जाना बाकी है।
इस संबंध में निदेशालय से सुझाव मांगे गए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रमुख एजेंडे में बेरोजगारों को भत्ता दिया जाना है। प्रदेशभर में 35 से 45 वर्ष की आयु के 19 लाख से अधिक युवा अब तक पंजीकरण करा चुके हैं। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने बेरोजगारी भत्ता देने का प्रस्ताव शासन को पूर्व में भेजा था। मुख्य सचिव ने बेरोजगारी भत्ता देने का प्रारूप और पात्रता तय करने के लिए रविवार को अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।
इसमें लगभग यह तय कर लिया गया है कि भत्ता 35 से 45 वर्ष की आयु वालों को ही दिया जाएगा। बैठक में भत्ते के एवज में बेरोजगारों से क्या काम लिया जाएगा, इस पर भी विचार-विमर्श हुआ। इस पर सहमति नहीं बन पाई है कि उनसे कौन सा काम लिया जाए।
उधर, एक कार्यक्रम में शिरकत करने इलाहाबाद पहुंचे राज्य के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री डॉ. वकार अहमद शाह ने बेरोजगारी भत्ता किस आय वर्ग के लोगों को दिया जाएगा, यह सेवायोजन विभाग खुद निर्धारित करेगा। इतना तय है कि इस भत्ते के लिए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी।
उन्होंने इस बात की भी पुष्टि कर दी कि बेरोजगारी भत्ता 35 से 45 वर्ष आयु वर्ग के अभ्यर्थियों को ही मिलेगा और इसके लिए अभ्यर्थी को कम से कम हाईस्कूल उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। एक-दो दिनों में कैबिनेट की बैठक सब तय हो जाएगा। मंत्री का मानना है कि यह बहुत बड़ी योजना है। इसे पूरी तरह से लागू करने में दो से तीन माह का वक्त लग सकता है। news-amar ujala 23/4/12