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Monday, April 16, 2012

कंप्यूटर शिक्षा : लाखों खर्च, नतीजा सिफर

आगरा। बच्चों को आधुनिकता से जोड़ने के लिए शासन जो नींव बो रहा है उसमें सिर्फ बबूल के कांटे ही नजर आ रहे हैं। जनता की गाढ़ी कमाई को कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर पानी की तरह बहाया जा रहा है। जबकि हकीकत के धरातल पर विद्यार्थी कंप्यूटर का माउस तक नहीं छू पाए हैं। शिक्षक न होने से शिक्षा के भवनों में पुराने कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं, बावजूद इसके आगामी सत्र में कंप्यूटरों की नई खेप आ चुकी है।
पिछले वर्षों में 21 से 22 बेसिक विद्यालयों को कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए थे। इस समय विद्यालय में तैनात शिक्षकों को कंप्यूटर चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था। पदोन्नति आदि में शिक्षक विद्यालय में नहीं रह गए। ऐसे में कंप्यूटर को स्टार्ट करने वाला भी कोई नहीं रह गया है। मार्च के अंतिम सप्ताह में 40 और बेसिक विद्यालयों के लिए कंप्यूटर आ गए। सभी अशोक नगर स्थित सर्व शिक्षा अभियान के दफ्तर में रखे हैं। एनआईसी की टीम ने कंप्यूटर का सत्यापन कर लिया है। जल्द ही विद्यालयों में कंप्यूटर भेज दिए जाएंगे।
शासन से लाखों रुपये के कंप्यूटर तो भेजे जा रहे हैं, लेकिन उसके संचालन को सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है। बेसिक स्कूलों के शिक्षक पदोन्नति के बाद बदल जाते हैं। जरूरी नहीं है कि जिस शिक्षक को कंप्यूटर लगाने के समय प्रशिक्षण दिया जाए वही विद्यालय में लंबे समय तक रुके। दूसरे पुराने शिक्षक अब कंप्यूटर सीखने में रुचि भी नहीं दिखा रहे हैं। इसके अलावा शासन से कंप्यूटर की मरम्मत आदि के लिए स्कूलों को कोई बजट नहीं दिया जा रहा है। इससे भी संचालन मुश्किल हो रहा है।

‘‘पदोन्नति और स्थानांतरण के समय ध्यान देना चाहिए कि कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक को जिन विद्यालयों में कंप्यूटर की सुविधा है, उसी में भेजा जाए। या फिर सभी बेसिक शिक्षकों को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाए। भविष्य में सारे विद्यालयों में कंप्यूटर लगने हैं। वर्तमान व्यवस्था में बच्चों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।’’
नीना कटियार, एडी बेसिक
amar ujala 16/4/12