भर्ती में खामी की सजा भुगतेंगे पंजाब के पांच सौ शिक्षक
ठ्ठअमृत सचदेवा/जिले सिंह, फाजिल्का पंजाब के सरकारी स्कूलों में अक्टूबर 2006 में हुई फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टरों (पीटीआई) की भर्ती में बरती गई अनियमितता अब भर्ती किए अध्यापकों पर भारी पड़ने जा रही है, क्योंकि विज्ञापन की शर्तो के अनुसार उक्त पद के लिए उच्च योग्यता वाले अध्यापकों को नजरंदाज किया गया था। इससे प्रभावित अभ्यर्थियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी और अब हाईकोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया है। इससे बनी नई वरीयता सूची के चलते पहले से नियुक्त 500 अध्यापकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पीटीआई की भर्ती के लिए वर्ष 2006 में 849 पदों की भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। भर्ती एजेंसी सी-डेक के जरिये हुई भर्ती में करीब 650 अध्यापकों को नियुक्त किया गया था और 244 पद रिक्त रह गए थे, जबकि विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन की शर्तो के अनुसार सर्टिफिकेट इन फिजिकल एजुकेशन (सीपीएड) वालों के साथ डिग्री इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड) और मास्टर इन फिजिकल एजुकेशन (एमपीएड) वाले अध्यापक जो उच्च योग्यता रखते थे, को भी भर्ती किया जा सकता था। इसके चलते भर्ती से रह गए उच्च योग्यता वाले अध्यापकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद तीन अप्रैल 2012 को हाईकोर्ट ने उच्च योग्यता वाले शारीरिक शिक्षा अध्यापकों को एक जून तक भर्ती करने के आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग द्वारा संशोधित मेरिट सूची विभाग की वेबसाइट पर डाल दी गई है। सूत्रों के अनुसार सीपीएड योग्यता लिए 2006 में पहले भर्ती हुए अध्यापकों में से सिर्फ 130 अध्यापक संशोधित सूची में आते हैं बाकी 500 अध्यापकों का पत्ता साफ हो गया है। नौकरी बचाने के लिए ऐसे अध्यापक सुप्रीम कोर्ट में जाने की सोच रहे हैं। शिक्षा सुधार कमेटी के अध्यक्ष जसवंत सिंह गिल ने राज्य के मुख्यमंत्री से अपील की है कि नए पद सृजित कर उच्च योग्यता वाले अध्यापकों को एडजस्ट किया जाए।
dainik jagran 8/4/12
ठ्ठअमृत सचदेवा/जिले सिंह, फाजिल्का पंजाब के सरकारी स्कूलों में अक्टूबर 2006 में हुई फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टरों (पीटीआई) की भर्ती में बरती गई अनियमितता अब भर्ती किए अध्यापकों पर भारी पड़ने जा रही है, क्योंकि विज्ञापन की शर्तो के अनुसार उक्त पद के लिए उच्च योग्यता वाले अध्यापकों को नजरंदाज किया गया था। इससे प्रभावित अभ्यर्थियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी और अब हाईकोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया है। इससे बनी नई वरीयता सूची के चलते पहले से नियुक्त 500 अध्यापकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पीटीआई की भर्ती के लिए वर्ष 2006 में 849 पदों की भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। भर्ती एजेंसी सी-डेक के जरिये हुई भर्ती में करीब 650 अध्यापकों को नियुक्त किया गया था और 244 पद रिक्त रह गए थे, जबकि विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन की शर्तो के अनुसार सर्टिफिकेट इन फिजिकल एजुकेशन (सीपीएड) वालों के साथ डिग्री इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड) और मास्टर इन फिजिकल एजुकेशन (एमपीएड) वाले अध्यापक जो उच्च योग्यता रखते थे, को भी भर्ती किया जा सकता था। इसके चलते भर्ती से रह गए उच्च योग्यता वाले अध्यापकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद तीन अप्रैल 2012 को हाईकोर्ट ने उच्च योग्यता वाले शारीरिक शिक्षा अध्यापकों को एक जून तक भर्ती करने के आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग द्वारा संशोधित मेरिट सूची विभाग की वेबसाइट पर डाल दी गई है। सूत्रों के अनुसार सीपीएड योग्यता लिए 2006 में पहले भर्ती हुए अध्यापकों में से सिर्फ 130 अध्यापक संशोधित सूची में आते हैं बाकी 500 अध्यापकों का पत्ता साफ हो गया है। नौकरी बचाने के लिए ऐसे अध्यापक सुप्रीम कोर्ट में जाने की सोच रहे हैं। शिक्षा सुधार कमेटी के अध्यक्ष जसवंत सिंह गिल ने राज्य के मुख्यमंत्री से अपील की है कि नए पद सृजित कर उच्च योग्यता वाले अध्यापकों को एडजस्ट किया जाए।
dainik jagran 8/4/12