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Tuesday, April 10, 2012

शासन ने फर्जी नियुक्ति और वेतन भुगतान के आरोप में बेसिक शिक्षा अधिकारी एएन मौर्य को निलम्बित कर दिया है।

देवरिया। निज संवाददाता
शासन ने फर्जी नियुक्ति और वेतन भुगतान के आरोप में बेसिक शिक्षा अधिकारी एएन मौर्य को निलम्बित कर दिया है। उनके निलम्बन का आदेश मंगलवार रात यहां आया। शासन ने यह कार्रवाई मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट के आधार पर की है। मण्डलायुक्त ने जिले के दो विद्यालयों में हुई नियुक्तियों व अध्यापकों के वेतन भुगतान की जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर मण्डलायुक्त के. रवीन्द्र नायक ने शासन को रिपोर्ट भेजकर फर्जी रूप से अध्यापकों की नियुक्ति व उनका गलत तरीके से वेतन भुगतान करने के आरोप में कार्रवाई की संस्तुति की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन ने यह कार्रवाई की है। निलम्बन आदेश में कहा गया है कि जिले के अशासकीय विद्यालयों में फर्जी अध्यापकों की बैकडेट में कूटरचित तरीके से नियुक्ति की गई है। साथ ही गलत तरीके से नियुक्त इन शिक्षकों को 96 लाख 76 हजार का भुगतान कर उस धनराशि को हड़प लिया गया। इन सबकी जांच में बीएसए ने जांच अधिकारी को सहयोग नहीं किया। शासन ने इन्हीं आरोपों में बीएसए को निलम्बित किया है। इस संबध में सीडीओ सरोज कुमार ने कहा कि बीएसए के निलम्बन का आदेश आ गया है।


इसमें उन पर गलत नियुक्ति करने व 96 लाख रुपए का भुगतान कर हड़पने का आरोप है। अभी कई और पर हो सकती है कार्रवाई

देवरिया। मण्डलायुक्त की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर से अभी कुछ और लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। जिस मामले में एडी बेसिक व बीएसए को निलम्बित किया गया है, उसमें यहां लेखाधिकारी के पद पर तैनात एक अधिकारी के साथ कुछ लिपिकों पर भी एक-दो दिनों में कार्रवाई हो सकती है। सूत्रों की मानें तो कमिश्नर ने जांच में एडी बेसिक कार्यालय के कुछ लिपिकों के साथ बीएसए कार्यालय में उस समय तैनात रहे वित्त व लेखाधिकारी की भूमिका को संदिग्ध माना था। रिपोर्ट में उन्होंने उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि एक-दो दिनों के भीतर कुछ और लोगों के भी निलम्बन की घोषणा हो सकती है।  hindustan 10/4/12