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Friday, April 20, 2012

शिक्षा के अधिकार पर राज्यों को मनाएंगे सिब्बल

शिक्षा के अधिकार पर राज्यों को मनाएंगे सिब्बल
ठ्ठजागरण ब्यूरो, नई दिल्ली शिक्षा का अधिकार कानून पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद केंद्र सरकार उसके और प्रभावी अमल को लेकर हरकत में आ गई है। इसके लिए राज्यों को समझाने-बुझाने का मोर्चा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने खुद संभाल लिया है। उन्होंने राज्यों के शिक्षा मंत्रियों व मुख्यमंत्रियों से इस पर खास तवज्जो देने की अपील की है। राज्यों के शिक्षा मंत्रियों (जहां शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री के ही अधीन है, वहां मुख्यमंत्रियों को) भेजे पत्र में सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया है, जिसमें सरकारी मदद न लेने वाले स्कूलों के दाखिले में भी गरीब बच्चों को 25 प्रतिशत आरक्षण को संवैधानिक तौर पर सही ठहराया गया है। उन्होंने शिक्षा का अधिकार कानून के प्रभावी अमल के लिए दस सूत्री एजेंडा सुझाया है और कहा है कि छह से चौदह साल की उम्र के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के लिए पड़ोस के स्कूलों की मैपिंग जरूरी है। कानून के तहत छात्रों, शिक्षकों के अनुपात का ध्यान रखने, शिक्षकों की तैनाती, शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के जरिए खाली पदों को योग्य शिक्षकों से भरा जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण की पाठ्यचर्या में बदलाव के साथ प्रशिक्षण के पुराने ढर्रे को बदलने की पैरवी की है। साथ ही शैक्षिक सत्र की शुरुआत में ही छात्रों को किताबें, यूनीफार्म व अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराने को कहा है। प्रारंभिक शिक्षा की बुनियादी दिक्कतों से वाकिफ होने के बावजूद सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की रोशनी में सभी स्कूलों में पेयजल व शौचालय की सुविधा हर हाल में किए जाने पर जोर दिया है। सिब्बल ने स्कूलों में छात्रों को शारीरिक दंड न देने, उन्हें फेल करने या फिर स्कूल से निकाले जाने जैसे मामलों में खास ध्यान देने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने हर स्कूल में छात्रों, अभिभावकों की शिकायतों के निवारण के लिए एक तंत्र भी सुनिश्चित करने को कहा है। हालाकि मंत्रालय इस बारे में पहले ही राज्यों को जरूरी सुझाव भेज चुका है। news -dainik jagran 20/4/12