हलफनामे पर फोटो लगाना अनिवार्य
इलाहाबाद : हाईकोर्ट रूल्स में संशोधन कर हलफनामों पर हलफ लेने वाले व्यक्ति का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही उसे अपनी पहचान के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, राशनकार्ड, किसान बही, चुनाव आयोग का परिचय पत्र, राष्ट्रीय बैंक की पास बुक, पासपोर्ट, शस्त्र लाइसेंस, पैन कार्ड, बार कांउसिल का परिचय पत्र या अन्य दस्तावेजी साक्ष्य लाना होगा। हलफ देने वाले को यह भी बताना पड़ेगा कि याचिकाकर्ता के साथ उसके क्या संबंध हैं। 28 फरवरी 12 की अधिसूचना को राजपत्र में 10 मार्च 12 को प्रकाशित कर दिया गया है।
विगत एक दशक से अधिवक्ताओं द्वारा न्यायालय प्रशासन से हलफनामे पर फोटोग्राफ लगाने की व्यवस्था करने की मांग की जा रही थी। हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में हाईकोर्ट महानिबंधक कार्यालय को कम्प्यूटराइज्ड फोटोग्राफ खींचकर हलफनामे पर लगाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया ताकि हलफ देने वाले व्यक्ति का फोटोग्राफ व हस्ताक्षर नेट के जरिए दाखिल कार्यालय में मौजूद हो और हलफनामा दाखिल होते ही उसका मिलान किया जा सके। हाईकोर्ट में फर्जी हलफनामे को लेकर दाखिल हुए कई मामलों में कोर्ट ने सख्त आदेश भी दिए। अंतत: न्यायालय ने रूल्स में संशोधन कर इस व्यवस्था को लागू कर दिया है। इस व्यवस्था से शहर से बाहर रहकर हलफनामा दाखिल करने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगेगा। साथ ही संबंधित व्यक्ति को ओथ कमिश्नर के समक्ष हाजिर होना पड़ेगा। अथवा बाहर मौजूद व्यक्ति को नोटरी हलफनामा तैयार कर भेजना होगा। इस व्यवस्था से कचेहरी में वकीलों के मार्फत हाईकोर्ट में वकील को दस्तावेज देकर याचिका दाखिल करना आसान नहीं होगा। अब वादकारी या हलफ देने वाले को शपथ लेने वाले ओथ कमिश्नर या नोटरी के समक्ष उपस्थित होना पडे़गा। इस व्यवस्था से फर्जी मुकदमों के दाखिले पर अंकुश लगाने के आसार प्रबल हो गए हैं।
इलाहाबाद : हाईकोर्ट रूल्स में संशोधन कर हलफनामों पर हलफ लेने वाले व्यक्ति का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही उसे अपनी पहचान के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, राशनकार्ड, किसान बही, चुनाव आयोग का परिचय पत्र, राष्ट्रीय बैंक की पास बुक, पासपोर्ट, शस्त्र लाइसेंस, पैन कार्ड, बार कांउसिल का परिचय पत्र या अन्य दस्तावेजी साक्ष्य लाना होगा। हलफ देने वाले को यह भी बताना पड़ेगा कि याचिकाकर्ता के साथ उसके क्या संबंध हैं। 28 फरवरी 12 की अधिसूचना को राजपत्र में 10 मार्च 12 को प्रकाशित कर दिया गया है।
विगत एक दशक से अधिवक्ताओं द्वारा न्यायालय प्रशासन से हलफनामे पर फोटोग्राफ लगाने की व्यवस्था करने की मांग की जा रही थी। हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में हाईकोर्ट महानिबंधक कार्यालय को कम्प्यूटराइज्ड फोटोग्राफ खींचकर हलफनामे पर लगाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया ताकि हलफ देने वाले व्यक्ति का फोटोग्राफ व हस्ताक्षर नेट के जरिए दाखिल कार्यालय में मौजूद हो और हलफनामा दाखिल होते ही उसका मिलान किया जा सके। हाईकोर्ट में फर्जी हलफनामे को लेकर दाखिल हुए कई मामलों में कोर्ट ने सख्त आदेश भी दिए। अंतत: न्यायालय ने रूल्स में संशोधन कर इस व्यवस्था को लागू कर दिया है। इस व्यवस्था से शहर से बाहर रहकर हलफनामा दाखिल करने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगेगा। साथ ही संबंधित व्यक्ति को ओथ कमिश्नर के समक्ष हाजिर होना पड़ेगा। अथवा बाहर मौजूद व्यक्ति को नोटरी हलफनामा तैयार कर भेजना होगा। इस व्यवस्था से कचेहरी में वकीलों के मार्फत हाईकोर्ट में वकील को दस्तावेज देकर याचिका दाखिल करना आसान नहीं होगा। अब वादकारी या हलफ देने वाले को शपथ लेने वाले ओथ कमिश्नर या नोटरी के समक्ष उपस्थित होना पडे़गा। इस व्यवस्था से फर्जी मुकदमों के दाखिले पर अंकुश लगाने के आसार प्रबल हो गए हैं।
dainik jagran 11/4/12