नौकरी देने का सपना इस तरह होगा पूरा
लखनऊ, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते के साथ ही नौकरी देने के मुख्यमंत्री की घोषणा को अमली जामा पहनाने में अधिकारी भी जुट गए हैं। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग अपने पुराने नियमों को सख्त बनाकर बेरोजगारों को नौकरी के अधिक अवसर उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम-1959 प्रक्रिया को ऑन लाइन करने की तैयारी की जा रही है। सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को नौकरी देने से पहले इसकी सूचना सेवायोजन कार्यालयों को देनी होती है। 25 से अधिक कर्मचारियों को तैनाती देने वाले सभी निजी व सरकारी संस्थाओं को रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम-1959 के तहत सूचना देना अनिवार्य होता है। हर तिमाही पर सूचना देने के प्रावधानों के बावजूद निजी कंपनियां सूचना देने से कतराते हैं। सेवायोजन विभाग के अधिकारियों को ऐसा न करने वाले संस्थाओं को चिह्नित कर उनके ऊपर कार्रवाई करने का अधिकार है। इसके बावजूद यह नियम सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। 35 से 45 उम्र वाले बीच के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की कवायद के बीच अब बचे बेरोजगारों को नौकरी के रास्ते खोलने के लिए अधिसूचन नियम को सख्त बनाया जा रहा है। सेवायोजकों को अब न केवल नौकरी की सूचना ऑन लाइन विभाग को उपलब्ध कराना होगा बल्कि उन्हें नौकरी पर रखने वाले बेरोजगारों की संख्या के बारे में भी बताना होगा। ऐसा न करने वाले सेवायोजकों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में 2009 में निजी सेवायोजकों की संख्या 8376 थी जो 2010 में बढ़कर 8404 हो गई जबकि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में नॉन एक्ट व एक्ट के तहत 5.20 लाख कर्मचारी कार्यकर रहे हैं। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की संख्या 16.31 लाख है।
लखनऊ, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते के साथ ही नौकरी देने के मुख्यमंत्री की घोषणा को अमली जामा पहनाने में अधिकारी भी जुट गए हैं। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग अपने पुराने नियमों को सख्त बनाकर बेरोजगारों को नौकरी के अधिक अवसर उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम-1959 प्रक्रिया को ऑन लाइन करने की तैयारी की जा रही है। सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को नौकरी देने से पहले इसकी सूचना सेवायोजन कार्यालयों को देनी होती है। 25 से अधिक कर्मचारियों को तैनाती देने वाले सभी निजी व सरकारी संस्थाओं को रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम-1959 के तहत सूचना देना अनिवार्य होता है। हर तिमाही पर सूचना देने के प्रावधानों के बावजूद निजी कंपनियां सूचना देने से कतराते हैं। सेवायोजन विभाग के अधिकारियों को ऐसा न करने वाले संस्थाओं को चिह्नित कर उनके ऊपर कार्रवाई करने का अधिकार है। इसके बावजूद यह नियम सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। 35 से 45 उम्र वाले बीच के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की कवायद के बीच अब बचे बेरोजगारों को नौकरी के रास्ते खोलने के लिए अधिसूचन नियम को सख्त बनाया जा रहा है। सेवायोजकों को अब न केवल नौकरी की सूचना ऑन लाइन विभाग को उपलब्ध कराना होगा बल्कि उन्हें नौकरी पर रखने वाले बेरोजगारों की संख्या के बारे में भी बताना होगा। ऐसा न करने वाले सेवायोजकों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में 2009 में निजी सेवायोजकों की संख्या 8376 थी जो 2010 में बढ़कर 8404 हो गई जबकि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में नॉन एक्ट व एक्ट के तहत 5.20 लाख कर्मचारी कार्यकर रहे हैं। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की संख्या 16.31 लाख है।
dainik jagran 16/4/12