टीईटी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति
लखनऊ, 5 अप्रैल (जाब्यू) : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपीटीईटी-2011 की परीक्षा के सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है। यह समिति तीन सप्ताह में संस्तुति प्रस्तुत करेगी। टीईटी अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का निराकरण जल्द ही किया जाएगा। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस परीक्षा में बैठने वाले लाखों युवाओं के भविष्य को अंधकारमय होने से बचा लें। 2011 की परीक्षा को कथित अनियमितताओं के कारण रद न किया जाए, क्योंकि इसमें अधिकांश अभ्यर्थियों का कोई हाथ नहीं है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि कुछ अधिकारियों और चंद अभ्यर्थियों की गलतियों की सजा लाखों अभ्यर्थियों को नहीं मिलनी चाहिए। इन लोगों ने यह भी कहा कि नौ नवंबर, 2011 को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में किए गए 12वें संशोधन को भी यथावत बनाए रखना चाहिए, क्योंकि मेरिट पर आधारित यह व्यवस्था पूर्व में प्रचलित शैक्षणिक योग्यता के आधार पर अंक देकर चयन करने से ज्यादा बेहतर एवं पारदर्शी है dainika jagran 6/4/12 lucknow sansakran
लखनऊ, 5 अप्रैल (जाब्यू) : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपीटीईटी-2011 की परीक्षा के सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है। यह समिति तीन सप्ताह में संस्तुति प्रस्तुत करेगी। टीईटी अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का निराकरण जल्द ही किया जाएगा। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस परीक्षा में बैठने वाले लाखों युवाओं के भविष्य को अंधकारमय होने से बचा लें। 2011 की परीक्षा को कथित अनियमितताओं के कारण रद न किया जाए, क्योंकि इसमें अधिकांश अभ्यर्थियों का कोई हाथ नहीं है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि कुछ अधिकारियों और चंद अभ्यर्थियों की गलतियों की सजा लाखों अभ्यर्थियों को नहीं मिलनी चाहिए। इन लोगों ने यह भी कहा कि नौ नवंबर, 2011 को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में किए गए 12वें संशोधन को भी यथावत बनाए रखना चाहिए, क्योंकि मेरिट पर आधारित यह व्यवस्था पूर्व में प्रचलित शैक्षणिक योग्यता के आधार पर अंक देकर चयन करने से ज्यादा बेहतर एवं पारदर्शी है dainika jagran 6/4/12 lucknow sansakran