मुश्किल हुई विवि शिक्षक भर्ती की राह
इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के शुक्रवार के निर्णय से इलाहाबाद विवि शिक्षक भर्ती की राह कठिन हो गई है। अब विश्वविद्यालय को नान नेट और यूजीसी गाइडलाइन 2009 के तहत पीएचडी कर चुके सभी छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाना ही पड़ेगा। मालूम हो कि इसी प्रकार की एक याचिका पर बीएचयू को भी इस प्रकार का निर्णय दिया गया था, लेकिन उस याचिका में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पार्टी नहीं बनाया गया था। इससे यह निर्णय राष्ट्रीय महत्व का बन गया है। यहां इस बात का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि इन्हीं आधार पर चेन्नई और चंडीगढ़ उच्च न्यायालय में छात्र हार चुके थे। इससे यह फैसला अब एक नजीर बन गया है। याचिका कर्ता डॉ. रमेश यादव बताते हैं कि अब तो 11 में से 6 शर्ते पूरी करने वाले हर पीएचडी धारक को विश्वविद्यालय को बुलाना ही होगा। नॉन जेआरएफ-नेट के साथ भेदभाव करने वाले लोगों को अब रक्षात्मक मुद्रा अपनानी ही होगी। dainik jagran 7/4/12
इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के शुक्रवार के निर्णय से इलाहाबाद विवि शिक्षक भर्ती की राह कठिन हो गई है। अब विश्वविद्यालय को नान नेट और यूजीसी गाइडलाइन 2009 के तहत पीएचडी कर चुके सभी छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाना ही पड़ेगा। मालूम हो कि इसी प्रकार की एक याचिका पर बीएचयू को भी इस प्रकार का निर्णय दिया गया था, लेकिन उस याचिका में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पार्टी नहीं बनाया गया था। इससे यह निर्णय राष्ट्रीय महत्व का बन गया है। यहां इस बात का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि इन्हीं आधार पर चेन्नई और चंडीगढ़ उच्च न्यायालय में छात्र हार चुके थे। इससे यह फैसला अब एक नजीर बन गया है। याचिका कर्ता डॉ. रमेश यादव बताते हैं कि अब तो 11 में से 6 शर्ते पूरी करने वाले हर पीएचडी धारक को विश्वविद्यालय को बुलाना ही होगा। नॉन जेआरएफ-नेट के साथ भेदभाव करने वाले लोगों को अब रक्षात्मक मुद्रा अपनानी ही होगी। dainik jagran 7/4/12