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Wednesday, May 30, 2012

प्रदेश के 62 हजार शिक्षामित्रों को अब 2013 की बजाय जुलाई 2012 से ही दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीटीसी की ट्रेनिंग करायी जाएगी।



-जल्द जारी होगा शासनादेश




-पहले 2013 से थी प्रशिक्षण शुरू करने की योजना




लखनऊ, जागरण ब्यूरो : प्रदेश के 62 हजार शिक्षामित्रों को अब 2013 की बजाय जुलाई 2012 से ही दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीटीसी की ट्रेनिंग करायी जाएगी। समाजवादी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र को अमली जामा पहनाने और बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की जबर्दस्त कमी से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने यह फैसला किया है। शासन स्तर पर इस बारे में सहमति बन गई है। इस संबंध में जल्दी शासनादेश जारी होने की संभावना है।




समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एलान किया था कि प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को अगले दो वर्षों में समायोजित कर दिया जाएगा। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 1.70 लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें से 1.24 लाख शिक्षामित्र स्नातक हैं जबकि शेष 46 हजार इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 14 जनवरी 2011 को राज्य सरकार को स्नातक शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के जरिये दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिलाये जाने की अनुमति दे दी थी। एनसीटीई से मंजूरी मिलने के बाद गत वर्ष 62 हजार स्नातक शिक्षामित्रों के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई थी। उस समय यह तय हुआ था कि बचे हुए स्नातक शिक्षामित्रों के दूसरे बैच की ट्रेनिंग जुलाई 2013 से करायी जाएगी। तब तक पहले बैच की ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी।




इस बीच प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। सूबे में सत्तारूढ़ हुई सपा सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप बेसिक शिक्षा विभाग ने अपनी प्राथमिकताएं तय कीं। विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को अपनी जो प्राथमिकताएं भेजी थीं, उनमें स्नातक शिक्षामित्रों के दूसरे बैच की ट्रेनिंग जुलाई 2012 से ही शुरू कराने की मंशा जतायी थी ताकि दो साल के अंदर सभी स्नातक शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण पूरा हो सके। इस सिलसिले में शासन को बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रस्ताव भेजा जा चुका है।

source-dainik jagran 30/5/12