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Wednesday, May 23, 2012

बेरोजगारी भत्ता की राह आसान नहीं

बेरोजगारी भत्ता की राह आसान नहीं
बलिया: बेरोजगारी भत्ता के नाम पर प्रदेश के युवा जिस उत्साह के साथ सपा का साथ दिए उसकी आस अब टूटती नजर आ रही है। युवा बेरोजगारों को आस थी कि सरकार बनते ही उन्हें एक हजार रुपया महीना मिलने लगेगा। सरकार ने इसकी उम्र सीमा तीस से चालीस वर्ष कर पहले तो पढ़ने वाले छात्रों का दिल तोड़ा। अब जब बेरोजगारी भत्ता देने की बात आई तो सरकार ने उसे पूरी तरह शर्तो में बांध दिया। इसको लेकर लंबी कतारें लगाने वाले बेरोजगारों ने रोजगार दफ्तर से मुंह मोड़ लिया है। बेरोजगारी भत्ता लेने वालों की उम्र तीस से चालीस साल के बीच होनी चाहिए। इनकी जन्मतिथि हाई स्कूल प्रमाण पत्र के अनुसार एक अप्रैल 2012 तक जोड़ी जाएगी। इस सीमा के अंदर आने के बाद उसे फार्म भरने के बाद उसमें हाई स्कूल के प्रमाण पत्र के साथ निवास प्रमाण पत्र (तहसील से जारी), इसके साथ ही प्रमाण के रूप में जाति प्रमाण पत्र, दूरभाष का बिल, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, राशनकार्ड आदि में कोई एक आवश्यक है। उसके परिवार की आय साल में तीस हजार हो, साथ ही माता पिता या शादीशुदा स्त्री के सास व ससुर की आय 1.50 लाख हो। वहीं इसका प्रदेश के सेवा नियोजन कार्यालय में 15 मार्च से पहले का रजिस्ट्रेशन हो। इस सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद नियोजन कार्यालय में फार्म भर कर जमा किया जाएगा। यहां से बेरोजगारी भत्ता की एक रसीद दी जाएगी। बैंक के खाते में पैसा सीधे भेज दिया जाएगा। सेवा योजन कार्यालय भत्ता लेने वाले के हाई स्कूल के प्रमाण पत्र के पीछे एक मुहर लगा देगा जिससे उसे बेरोजगार माना जाएगा। इन सभी की मानिटरिेंग के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में समिति बनायी गयी है।


बीस हजार बेरोजगारों में ही होंगे हकदार

बेरोजगारी भत्ता के लिए जो उत्साह युवकों में था वह पूरी तरह से ठंडा हो गया है। जनपद में 15 मार्च तक सेवायोजन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराने वाले तीस से चालीस वर्ष के बीस हजार ही बेरोजगार है। इनमें पुरुष कुल 14970 व महिला बेरोजगार 5910 ही हैं। अगर विभागीय लोगों की मानें तो इसमें से 15 प्रतिशत तक ही बेरोजगारों को भत्ता मिल सकता है।

प्रतिदिन सवा सौ हो रहा रजिस्ट्रेशन

शासन के तीस से चालीस वर्ष के बीच के ही लोगों को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा से सेवायोजन कार्यालय पर दिन भर लगने वाली भीड़ छंट गयी है। दिन भर में मुश्किल से सौ से सवा सौ के बीच ही रजिस्ट्रेशन करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। इनमें से अधिकांश तो नियम व कागजात के चक्कर में तहसील व कचहरी दौड़ते दौड़ते थक जा रहे हैं। सेवा योजन अधिकारी रामयश मौर्य ने बताया कि सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने बेरोजगारों से कहा कि कम्प्यूटराइज्ड बैंक में ही अपना खाता खोलें। इससे पैसा भेजने में आसानी होगी।source-dainik jagran 23/5/12