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Friday, May 25, 2012

NET-नेट: वैकल्पिक से जागी उम्मीद

नेट: वैकल्पिक से जागी उम्मीद
आगरा: विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) की नेट परीक्षा से मैराथन लेखनी की छुट्टी हुई तो अभ्यर्थियों के चेहरे चमकने लगे। तृतीय प्रश्नपत्र को ऑप्शनल किया गया तो उम्मीद छोड़ चुके अभ्यर्थी भी कतार में आ गए। इसका नतीजा ये हुआ कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार दोगुने फॉर्म जमा हो चुके हैं।

यूजीसी नेट परीक्षा के तहत एक ही दिन में तीन पेपर दिए जाते हैं। पहला और दूसरा लघु उत्तरीय होता था और तीसरा दीर्घ उत्तरीय। इस मैराथन लेखनी से बड़ों-बड़ों को पसीने छूटते रहे हैं। कइयों के लेक्चरर बनने के ख्वाब यहीं आकर टूट जाते हैं। समय के अभाव में कुछ पेपर पूरा नहीं कर पाते तो कुछ लेखनी सुंदर न होने के कारण पूरे नम्बर नहीं ला पाते थे। परीक्षा परिणामों और इसकी जटिलता पर मंथन के बाद यूजीसी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए तृतीय प्रश्नपत्र को वैकल्पिक कर दिया है। इसके तहत अब पहला और दूसरा पेपर तो जस का तस रहेगा, लेकिन तीसरे में चार-चार विकल्प दिए जाएंगे। इसमें गोले भरने होंगे। इस व्यवस्था से परीक्षार्थी के सामने नम्बर कटने वाली समस्या खत्म हो जाएगी। प्रश्न सही होगा या गलत।

साल में दो बार होने वाली नेट परीक्षा के लिए इस बार प्रवेश की अंतिम तिथि 30 अप्रैल तय की गई थी। इसके प्रवेश फॉर्म इंटरनेट के माध्यम से ही विवि को भेजे जाते हैं। बाद में हार्डकॉपी भी जमा होती है, लेकिन सर्वर में आई गड़बड़ी के कारण इसकी अंतिम तिथि बढ़ाकर दो मई कर दी गई। करीब दो हजार अभ्यर्थियों को रोल नंबर नहीं मिल पाए थे, उनके फॉर्म सीधे विवि में जमा किए गए।

पिछली बार ये परीक्षा दिसंबर में हुई थी, जिसमें करीब चार हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। यूजीसी ने दरियादिली दिखाई तो इस बार आठ हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने अपने फॉर्म जमा कराए हैं।

अभ्यर्थियों की अचानक बढ़ी भारी संख्या के मद्देनजर यूजीसी भी व्यवस्थाओं को लेकर मंथन में जुट गई है। फिलहाल इसके लिए अभी कोई परीक्षा सेंटर तो घोषित नहीं किया गया है, लेकिन 26 जून परीक्षा की तारीख जरूर तय कर दी गई है। source-dainik jagran 25/5/12