अभ्यर्थियों ने फिर जताया आक्रोश
लखनऊ, 30 मई (जासं) : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करके इसकी मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों ने बुधवार को फिर विधान भवन के सामने हंगामा किया। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने सड़क पर लेटकर आक्रोश व्यक्त किया, बैरीकेडिंग भी तोड़ डाली। उन पर काबू पाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सौ से अधिक अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया। जिला प्रशासन का कहना है कि अभ्यर्थी बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे थे। गिरफ्तारी की मंशा नहीं है, सबको छोड़ दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि टीईटी मेरिट के आधार पर जल्द से जल्द नियुक्ति की मांग को लेकर मंगलवार को अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान काफी लोग घायल भी हो गए थे। बुधवार को एक बार फिर अभ्यर्थी विधान भवन के सामने एकजुट हुए। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी सड़क पर लेट गए, इससे यातायात बाधित हो गया। काफी प्रयास के बाद भी जब अभ्यर्थी नहीं माने तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर सौ से अधिक को हिरासत में ले लिया। एडीएम पूर्वी आरपी सिंह और एसपी पूर्वी राजेश कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि अभ्यर्थी बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे थे। जमीन पर लेटे अभ्यर्थियों को उठाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। लाठी चार्ज नहीं किया गया है। अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री और सचिव बेसिक शिक्षा से पहले ही वार्ता हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए कमेटी भी बना दी है। तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन जेल में हैं। ऐसे में इस मामले पर निर्णय होने में समय लग रहा है। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की मांगों पर ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखना भी जरूरी है। विधानसभा सत्र चलने तक अभ्यर्थियों को किसी तरह के आंदोलन की इजाजत नहीं दी जा सकती।
लखनऊ, 30 मई (जासं) : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करके इसकी मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों ने बुधवार को फिर विधान भवन के सामने हंगामा किया। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने सड़क पर लेटकर आक्रोश व्यक्त किया, बैरीकेडिंग भी तोड़ डाली। उन पर काबू पाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सौ से अधिक अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया। जिला प्रशासन का कहना है कि अभ्यर्थी बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे थे। गिरफ्तारी की मंशा नहीं है, सबको छोड़ दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि टीईटी मेरिट के आधार पर जल्द से जल्द नियुक्ति की मांग को लेकर मंगलवार को अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान काफी लोग घायल भी हो गए थे। बुधवार को एक बार फिर अभ्यर्थी विधान भवन के सामने एकजुट हुए। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी सड़क पर लेट गए, इससे यातायात बाधित हो गया। काफी प्रयास के बाद भी जब अभ्यर्थी नहीं माने तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर सौ से अधिक को हिरासत में ले लिया। एडीएम पूर्वी आरपी सिंह और एसपी पूर्वी राजेश कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि अभ्यर्थी बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे थे। जमीन पर लेटे अभ्यर्थियों को उठाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। लाठी चार्ज नहीं किया गया है। अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री और सचिव बेसिक शिक्षा से पहले ही वार्ता हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए कमेटी भी बना दी है। तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन जेल में हैं। ऐसे में इस मामले पर निर्णय होने में समय लग रहा है। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की मांगों पर ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखना भी जरूरी है। विधानसभा सत्र चलने तक अभ्यर्थियों को किसी तरह के आंदोलन की इजाजत नहीं दी जा सकती।
source-dainik jagran 31/5/12