दस हजार वित्तविहीन शिक्षकों को बंधी मानदेय की आस
-शासन ने मांगी वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों की सूची
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : दुर्दशा के शिकार वित्तविहीन विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों के मानदेय तय होने की संभावनाओं को और बल मिला है। शासन ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से वित्तविहीन विद्यालयों और उनमें पढ़ा रहे शिक्षकों की सूची मांगी है।
सत्ता में आने से पूर्व प्रदेश की सपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वित्तविहीन विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों का न्यूनतम मानदेय तय करने का आश्वासन दिया था। अपनी घोषणा पर अमल की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सपा सरकार ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से वित्तविहीन विद्यालयों और शिक्षकों की सूची मांगी है।
इलाहाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इलाहाबाद जनपद में कुल 10,680 शिक्षक वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं।
जिले में बालिकाओं के 150 और बालकों के 512 वित्तविहीन विद्यालय हैं। इसके अतिरिक्त बालकों के 59 विद्यालयों को इंटर में कुछ विषयों की वित्तविहीन मान्यता है।
बालिकाओं के विद्यालय में 2157 शिक्षक तैनात हैं, जबकि बालकों के विद्यालयों में 8044 अध्यापक कार्यरत हैं। बालकों के इंटरमीडिएट की वित्तविहीन मान्यता वाले 59 विद्यालयों में 479 अध्यापक अध्यापन कार्य कर रहे हैं।
-शासन ने मांगी वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों की सूची
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : दुर्दशा के शिकार वित्तविहीन विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों के मानदेय तय होने की संभावनाओं को और बल मिला है। शासन ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से वित्तविहीन विद्यालयों और उनमें पढ़ा रहे शिक्षकों की सूची मांगी है।
सत्ता में आने से पूर्व प्रदेश की सपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वित्तविहीन विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों का न्यूनतम मानदेय तय करने का आश्वासन दिया था। अपनी घोषणा पर अमल की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सपा सरकार ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से वित्तविहीन विद्यालयों और शिक्षकों की सूची मांगी है।
इलाहाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इलाहाबाद जनपद में कुल 10,680 शिक्षक वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं।
जिले में बालिकाओं के 150 और बालकों के 512 वित्तविहीन विद्यालय हैं। इसके अतिरिक्त बालकों के 59 विद्यालयों को इंटर में कुछ विषयों की वित्तविहीन मान्यता है।
बालिकाओं के विद्यालय में 2157 शिक्षक तैनात हैं, जबकि बालकों के विद्यालयों में 8044 अध्यापक कार्यरत हैं। बालकों के इंटरमीडिएट की वित्तविहीन मान्यता वाले 59 विद्यालयों में 479 अध्यापक अध्यापन कार्य कर रहे हैं।
source-dainik jagran 23/5/12