CBSE दसवीं का रिजल्ट घोषित, लड़कियों ने बाजी मारी |
दसवीं के नतीजों में बीते साल के मुकाबले में सुधार देखने को मिला है। बोर्ड के नतीजों पर नजर डालें तो इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले में 1.58 फीसदी का सुधार हुआ है। इस वर्ष पास प्रतिशत 98.19 रहा है जो कि पिछले वर्ष 96.61 प्रतिशत था।
इस वर्ष 98.48 फीसदी छात्राओं को क्वालिफाइंग सर्टिफिकेट प्राप्त किए हैं। गत वर्ष 97.08 लड़कियों ने सफलता पाई थी। लड़कों के पास प्रतिशत में भी बीते सालों के मुकाबले में सुधार हुआ है। इस वर्ष 97.98 फीसदी लड़कों को सफल घोषित किया गया है। 2011 में यह 96.28 फीसदी था। नियमित छात्रों की बात की जाए तो 2011 में 98.59 पास प्रतिशत था जो कि वर्ष 2012 में बढ़कर 98.84 हो गया है।
प्राइवेट परीक्षार्थियों के परिणाम चिंता में डालने वाले हैं। ग्रेडिंग व्यवस्था के कारण यह उम्मीदवार कमाल नहीं दिखा सके हैं। वर्ष 2011 में इस श्रेणी में पास प्रतिशत 22.04 प्रतिशत था जो कि इस वर्ष गिरकर 16.18 फीसदी रह गया है।
बीते साल के पटना के दबदबे को खत्म करते हुए चेन्नई ने 99.45 पास प्रतिशत के साथ टॉप किया है। पटना ने 99.21 के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है। दिल्ली बीते साल की तरह ही 97.92 पास प्रतिशत के साथ सातवें स्थान पर रहा है। अजमेर ने बीते साल की तरह ही तीसरा स्थान पाया है।
भुवनेशवर ने चौथा स्थान प्राप्त किया है। इलाहाबाद ने पास प्रतिशत में सुधार करते हुए 98.56 के साथ पांचवां स्थान प्राप्त किया है जबकि बीते साल वह छठे पायदान पर था। वहीं पंचकुला ने अपने बीते साल के रुतबे को गिराते हुए पांचवें स्थान से लुढ़क कर 98.52 के साथ छठा स्थान प्राप्त किया है।
सबसे कम पास प्रतिशत पाकर गुवाहाटी क्षेत्र ने 88.29 प्रतिशत हासिल किया है। ग्रेडिंग व्यवस्था के तहत देश भर में 68,431 बच्चों को 10 सीजीपीए (ए-1) प्राप्त हुआ है। इस बार सोशल साइंस बच्चों का प्रिय विषय बनकर उभरा है। कुल 11,79,182 छात्रों में से 1,44,773 बच्चों ने सोशल साइंस में ए-वन ग्रेड प्राप्त किया है।
पास प्रतिशत टॉप सेवन
चेन्नई
पटना
अजमेर
भुवनेश्वर
इलाहाबाद
पंचकूला
दिल्ली
source-amar ujala 25/5/12