फिर फूटा टीईटी अभ्यर्थियों का गुस्सा
लखनऊ : आखिरकार टीईटी अभ्यर्थियों का गुस्सा फिर फूट पड़ा। नियुक्ति की मांग को लेकर राजधानी में मंगलवार को हजारों टीईटी अभ्यर्थी सड़क पर उतर आए और विधानसभा भवन के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस बल प्रयोग से कई बार भगदड़ मची, जिसमें दर्जनों युवाओं को चोटें आईं। सायं सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। इस बीच प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों के रिक्त पदों को टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से भरे जाने के लिए आश्वस्त किया। घोषित कार्यक्रम के अनुसार सुबह ही चारबाग पर टीईटी अभ्यर्थियों का जुटना शुरू हो गया था। आगे बढ़ने से रोककर उन्हें उत्तर रेलवे के स्टेडियम ले जाया गया। इस दौरान पुलिस से झड़प भी हुई। तब तक हजारों अभ्यर्थी विधानसभा के सामने धरना स्थल पर पहुंच गए और जाम लगाने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें सड़क से उठाना शुरू कर दिया। इससे मची भगदड़ में कई लोग चोट खा गए। सीतापुर से शिवपाल सिंह, हरदोई से ट्विंकल यादव, आजमगढ़ से आजाद यादव, मधुकर वर्मा, हरदोई से पंकज यादव, कानपुर से प्रवीन सचान, रमा त्रिपाठी और उन्नाव से आए अतुल तिवारी समेत कई लोग घायल हो गए। गरमी और भगदड़ से दो-तीन युवक अचेत हो गए। भगदड़ मचने पर अभ्यर्थी दारुलशफा में घुस गए और धरने पर बैठ गए। पांच बजे पुलिस ने उन्हें वहां से जबरन उठाने की कोशिश की, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। इस पर पांच सौ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी अगुआई कर रहे राजेश प्रताप सिंह का कहना था कि सरकार उन्हें बार-बार आश्र्वासन दे रही है। सरकार ने आचार संहिता लागू होने से पहले टीजीटी-पीजीटी की नियुक्तियों पर से रोक हटा ली, लेकिन टीईटी पर आचार संहिता का बहाना बना रही है। इस बीच बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने मंगलवार को कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह द्वारा किए प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही की जा रही है।
लखनऊ : आखिरकार टीईटी अभ्यर्थियों का गुस्सा फिर फूट पड़ा। नियुक्ति की मांग को लेकर राजधानी में मंगलवार को हजारों टीईटी अभ्यर्थी सड़क पर उतर आए और विधानसभा भवन के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस बल प्रयोग से कई बार भगदड़ मची, जिसमें दर्जनों युवाओं को चोटें आईं। सायं सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। इस बीच प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों के रिक्त पदों को टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से भरे जाने के लिए आश्वस्त किया। घोषित कार्यक्रम के अनुसार सुबह ही चारबाग पर टीईटी अभ्यर्थियों का जुटना शुरू हो गया था। आगे बढ़ने से रोककर उन्हें उत्तर रेलवे के स्टेडियम ले जाया गया। इस दौरान पुलिस से झड़प भी हुई। तब तक हजारों अभ्यर्थी विधानसभा के सामने धरना स्थल पर पहुंच गए और जाम लगाने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें सड़क से उठाना शुरू कर दिया। इससे मची भगदड़ में कई लोग चोट खा गए। सीतापुर से शिवपाल सिंह, हरदोई से ट्विंकल यादव, आजमगढ़ से आजाद यादव, मधुकर वर्मा, हरदोई से पंकज यादव, कानपुर से प्रवीन सचान, रमा त्रिपाठी और उन्नाव से आए अतुल तिवारी समेत कई लोग घायल हो गए। गरमी और भगदड़ से दो-तीन युवक अचेत हो गए। भगदड़ मचने पर अभ्यर्थी दारुलशफा में घुस गए और धरने पर बैठ गए। पांच बजे पुलिस ने उन्हें वहां से जबरन उठाने की कोशिश की, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। इस पर पांच सौ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी अगुआई कर रहे राजेश प्रताप सिंह का कहना था कि सरकार उन्हें बार-बार आश्र्वासन दे रही है। सरकार ने आचार संहिता लागू होने से पहले टीजीटी-पीजीटी की नियुक्तियों पर से रोक हटा ली, लेकिन टीईटी पर आचार संहिता का बहाना बना रही है। इस बीच बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने मंगलवार को कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह द्वारा किए प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही की जा रही है।
source-dainik jagran 30/5/12