उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेजों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने वालों पर गाज गिरनी तय है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को शिकायत मिली है शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मियों को सहायता प्राप्त हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में अवैध तरीके से नियुक्त दी गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर शिक्षा निदेशक डॉ. आईपी शर्मा ने सभी डीआईएसओ को 25 मई तक स्कूल और कॉलेजवार कार्यरत कर्मियों का ब्योरा निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही जारी निर्देशों में कहा गया है कि डीआईएसओ से कहा गया है कि सृजित पदों के तुलना में विभागीय नियमानुसार नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों का ब्योरा स्कूलवार भेजें। निदेशक ने अतिरिक्त कर्मचारियों के वेतन भुगतान कराने वाले स्कूल और कॉलेज प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उनका कहना है कि ऐसे प्रबंधन तंत्र के विरुद्ध उत्तर प्रदेश हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट कॉलेज (अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों का वेतन भुगतान) वितरण अधिनियम 1971 के तहत प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक एवं प्रबंधक के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाए।
इसके अलावा सभी डीआईएसओ से कहा गया है कि वे सुनिश्चित कर लें कि शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को वेतन भुगतान सृजित और स्वीकृत पदों के सापेक्ष किया जा रहा है। गड़बड़ियां सामने आने पर संबंधित जिले के डीआईएसओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह जानकारी मांगी गई है
- कितने स्कूल और कॉलेजों के कर्मियों का ब्योरा हार्ड और सॉफ्ट कॉपी में डीआईएसओ कार्यालय में उपलब्ध है।
- स्कूल और कॉलेजों से प्राप्त ब्योरा के आधार पर सत्यापन कराकर वेतन का भुगतान किया जा रहा है या नहीं।
- जिन संस्थाओं ने निर्धारित सूचना समय से उपलब्ध नहीं कराई। उन स्कूल और कॉलेजों का वेतन भुगतान रोका गया या नहीं।
- जिन स्कूल और कॉलेजों में वेतन भुगतान किए जा रहे हैं, क्या वह सृजित पदों के सापेक्ष विभागीय नियमानुसार नियुक्त एवं नियमित रूप से कार्यरत शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारी हैं।
- शासन द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर अंकित सूचनाओं एवं साक्ष्यों का सत्यापन कर पंजिका के रूप में संकलित कर डीआईएसओ कार्यालय में सुरक्षित कर ली गई है। यदि नहीं है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है। लापरवाही करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
- अनियमित रूप से नियुक्त ऐसे कर्मियों की सूचना भेजी गई या नहीं जिन्हें वेतन भुगतान किया जा रहा है। जिन संस्थाओं में हाईकोर्ट के आदेशों से वेतन भुगतान किया जा रहा है उनकी सूचना भी भेजी जाए।
source-amar ujala 19/5/12