इंजीनियरिंग की होगी सिंगल प्रवेश परीक्षा, खाका तय
इंजीनियरिंग सिंगल प्रवेश परीक्षा के संशोधित प्रारूप पर आईआईटी, एनआईटी तथा ट्रिपल आईटी काउंसिल ने सर्वसम्मति से मुहर लगा दी है। इस प्रवेश परीक्षा में छात्रों को एक ही दिन में दो प्रश्नपत्र हल करने होंगे। पहला मेन और दूसरा एडवांस।
दोनों पेपर के अंकों और 12वीं के अंकों के आधार पर आईआईटी, अन्य केंद्रीय संस्थानों तथा राज्यों के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के लिए अलग मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने इस बारे में ऐलान किया। परीक्षा का नया प्रारूप आईआईटी-जेईई और एआईईईई की जगह लेगा।
सिब्बल ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर 2013 से आयोजित इस परीक्षा का नाम ज्वाइंट इंट्रेस एक्जाम (जेईई) होगा। इसमें कुल दो पेपर होंगे। मेन और एडवांस। दोनों पेपरों में प्रश्न वैकल्पिक आधार पर पूछे जाएंगे। परीक्षा के आयोजन तथा पेपर आदि तैयार कराने की जिम्मेदारी ज्वाइंट एट्रेंस बोर्ड (जैब) की होगी। इस परीक्षा के आधार पर आईआईटी, एनआईटी और अन्य केंद्रीय संस्थान तथा राज्य अलग-अलग तरीके से अपनी मेरिट लिस्ट तैयार कर सकेंगे।
आईआईटी मेरिट लिस्ट
आईआईटी परीक्षा में शामिल छात्रों के 12वीं के (नार्मलाइज्ड पद्धति पर निर्धारित) अंकों तथा जेईई मेन पेपर के अंकों को जोड़कर एक लिस्ट तैयार की जाएगी। इसमें से कुल उपलब्ध सीटों की पांच गुना संख्या के बराबर छात्रों का नाम छांट लिया जाएगा। यही छात्र आईआईटी में प्रवेश के लिए योग्य माने जाएंगे। इन छात्रों की मेरिट लिस्ट इन्हें जेईई एडवांस पेपर में मिले प्राप्तांक के आधार पर अलग से जारी की जाएगी। आईआईटी के लिए इन्हीं छात्रों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा।
एनआईटी एवं आईआईआईटी की मेरिट लिस्ट
सिब्बल ने बताया कि अन्य केंद्रीय तकनीकी संस्थानों एनआईटी, आईआईआईटी आदि की मेरिट लिस्ट 40:30:30 के फार्मूला से तैयार होगी। 12वीं के अंक को 40 तथा जेईई मेन तथा एडवांस पेपर के अंक को 30-30 अंक का महत्व दिया जाएगा। इस मेरिट लिस्ट में परीक्षा में बैठे सभी छात्र शामिल होंगे।
राज्यों की मेरिट लिस्ट
प्रस्तावित परीक्षा में अभी तक हरियाणा, गुजरात तथा महाराष्ट्र राज्य ने शामिल होने पर सहमति जताई है। राज्यों को प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए मेरिट तय करने का स्वयं अधिकार होगा। वे चाहें तो अन्य केंद्रीय संस्थानों के पैटर्न को स्वीकार कर सकते हैं या वे इंटरमीडिएट के अंक को 40 फीसदी से ज्यादा महत्व देते हुए जेईई मेन व एडवांस के महत्व को कम करके मेरिट तय कर सकते हैं। राज्य चाहें तो जेईई एडवांस पेपर को मेरिट से बाहर भी कर सकते हैं।
छात्रों को कई परीक्षाओं से बचाने और स्कूली शिक्षा के महत्व के लिए सिंगल प्रवेश परीक्षा जरूरी थी।--कपिल सिब्बल, मानव संसाधन विकास मंत्री
दोनों पेपर के अंकों और 12वीं के अंकों के आधार पर आईआईटी, अन्य केंद्रीय संस्थानों तथा राज्यों के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के लिए अलग मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने इस बारे में ऐलान किया। परीक्षा का नया प्रारूप आईआईटी-जेईई और एआईईईई की जगह लेगा।
सिब्बल ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर 2013 से आयोजित इस परीक्षा का नाम ज्वाइंट इंट्रेस एक्जाम (जेईई) होगा। इसमें कुल दो पेपर होंगे। मेन और एडवांस। दोनों पेपरों में प्रश्न वैकल्पिक आधार पर पूछे जाएंगे। परीक्षा के आयोजन तथा पेपर आदि तैयार कराने की जिम्मेदारी ज्वाइंट एट्रेंस बोर्ड (जैब) की होगी। इस परीक्षा के आधार पर आईआईटी, एनआईटी और अन्य केंद्रीय संस्थान तथा राज्य अलग-अलग तरीके से अपनी मेरिट लिस्ट तैयार कर सकेंगे।
आईआईटी मेरिट लिस्ट
आईआईटी परीक्षा में शामिल छात्रों के 12वीं के (नार्मलाइज्ड पद्धति पर निर्धारित) अंकों तथा जेईई मेन पेपर के अंकों को जोड़कर एक लिस्ट तैयार की जाएगी। इसमें से कुल उपलब्ध सीटों की पांच गुना संख्या के बराबर छात्रों का नाम छांट लिया जाएगा। यही छात्र आईआईटी में प्रवेश के लिए योग्य माने जाएंगे। इन छात्रों की मेरिट लिस्ट इन्हें जेईई एडवांस पेपर में मिले प्राप्तांक के आधार पर अलग से जारी की जाएगी। आईआईटी के लिए इन्हीं छात्रों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा।
एनआईटी एवं आईआईआईटी की मेरिट लिस्ट
सिब्बल ने बताया कि अन्य केंद्रीय तकनीकी संस्थानों एनआईटी, आईआईआईटी आदि की मेरिट लिस्ट 40:30:30 के फार्मूला से तैयार होगी। 12वीं के अंक को 40 तथा जेईई मेन तथा एडवांस पेपर के अंक को 30-30 अंक का महत्व दिया जाएगा। इस मेरिट लिस्ट में परीक्षा में बैठे सभी छात्र शामिल होंगे।
राज्यों की मेरिट लिस्ट
प्रस्तावित परीक्षा में अभी तक हरियाणा, गुजरात तथा महाराष्ट्र राज्य ने शामिल होने पर सहमति जताई है। राज्यों को प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए मेरिट तय करने का स्वयं अधिकार होगा। वे चाहें तो अन्य केंद्रीय संस्थानों के पैटर्न को स्वीकार कर सकते हैं या वे इंटरमीडिएट के अंक को 40 फीसदी से ज्यादा महत्व देते हुए जेईई मेन व एडवांस के महत्व को कम करके मेरिट तय कर सकते हैं। राज्य चाहें तो जेईई एडवांस पेपर को मेरिट से बाहर भी कर सकते हैं।
छात्रों को कई परीक्षाओं से बचाने और स्कूली शिक्षा के महत्व के लिए सिंगल प्रवेश परीक्षा जरूरी थी।--कपिल सिब्बल, मानव संसाधन विकास मंत्री
source-amar ujala 29/5/12