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Tuesday, May 1, 2012

टीजीटी-पीजीटी परिणाम में अनियमितता पर शासन ने कसा शिकंजा

इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.आरपी वर्मा पर शासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। टीजीटी-पीजीटी परिणाम में भारी अनियमितता सामने आने का बाद शासन ने उनके खिलाफ जांच कमेटी बना दी है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने प्रमुख सचिव (चीनी विभाग) संजीव नायर को जांच सौंपी है। जांच अधिकारी को एक महीने में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। अध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने रिश्तेदारों को शिक्षक बनाने के लिए परिणाम में गड़बड़ी की। परिणाम में अनियमितता का यह मामला ‘अमर उजाला’ ने 21 फरवरी के अंक में उठाया था। चयन बोर्ड ने टीजीटी के परिणाम जारी किए तो अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए कि उनमें से कई ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित दिखा दिया गया जो मुख्य परीक्षा में फेल थे। अभ्यर्थियों ने सुबूत के तौर पर दोनों रिजल्ट की प्रतियां भी पेश कीं। शिकायत शासन से हुई। शासन से जांच होती, इससे पहले ही चयन बोर्ड अध्यक्ष ने टीजीटी और पीजीटी के परिणाम बदलवा दिए और कहा कि बाबुओं की गलती से ऐसा हुआ। हालांकि बाद में सामने आया कि उसमें उनके रिश्तेदार, एक सदस्य का बेटा और कुछ अन्य प्रभावशाली लोगों की संतानें थीं। परिणाम में बदलाव के बाद भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे। चयन बोर्ड अध्यक्ष पर ताजा आरोप टीजीटी सामाजिक विज्ञान, कला और पीजीटी हिन्दी, इतिहास, समाजशास्त्र, कला, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र, शिक्षाशास्त्र के परिणाम में धांधली को लेकर है। इससे पहले भी चयन बोर्ड में सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान डॉ.आरपी वर्मा पर साथी सदस्यों के साथ मारपीट के भी आरोप लग चुके हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कुछ अन्य लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है। news-amar ujala 1/5/12