Pages

Labels

Friday, May 4, 2012

प्रबंधतंत्र से शिक्षकों की नियुक्ति गैरकानूनी

प्रबंधतंत्र से शिक्षकों की नियुक्ति गैरकानूनी
लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एक अहम फैसला देते हुए कहा है कि प्रबंध तंत्र द्वारा संचालित सहायता प्राप्त इंटरमीडिएट कॉलेजों में प्रबंधतंत्र द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति किया जाना विधि विरुद्ध है। अदालत ने कहा है कि ऐसे शिक्षकों को सरकारी खजाने से वेतन पाने का अधिकार नहीं है। पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक की अनुमति के बिना प्रबंधतंत्र सीधे शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकता। यह आदेश न्यायमूर्ति अनिल कुमार की एकल पीठ ने शिक्षकों द्वारा वेतन दिलाने की मांग वाली 160 याचिकाओं को एक साथ खारिज करते हुए दिए हैं। पीठ ने कहा कि करीब दो हजार याचिकाएं पीठ के समक्ष इसी मामले की विचाराधीन है। अदालत ने कहा कि ऐसे शिक्षकों को वेतन मिल रहा है, उसकी वसूली नहीं की जा सकती, लेकिन यदि सरकार चाहे तो इस वेतन के पैसे की वसूली प्रबंधतंत्र अथवा जिम्मेदार व्यक्ति से कर सकती है। पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम एवं उत्तर प्रदेश सेकेंड्री एजूकेशन कमीशन एंड सेलेक्शन बोर्ड के तहत मैनेजमेंट द्वारा सीधी नियुक्ति गैरकानूनी है। याचिका में दायर कर अदालत से याची गणों ने मांग की थी कि उनकी नियुक्ति प्रबंधतंत्र ने कर ली है, लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा है। news-dainik jagran 4/5/12