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Friday, May 4, 2012

जांच के घेरे में टीजीटी पीजीटी चयन प्रक्रिया

जांच के घेरे में टीजीटी पीजीटी चयन प्रक्रिया
इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों के बीच छिड़े घमासान के बीच शासन ने प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) 1/2010 व प्रवक्ता (पीजीटी) 2/2010 के सभी रिकॉर्ड तलब कर लिए हैं। इसी मामले में अध्यक्ष व एक सदस्य पर टीजीटी व पीजीटी की नियुक्तियों में गड़बड़ी का आरोप लगा था। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में प्रशिक्षित स्नातक व प्रवक्ता के पदों पर नियुक्ति के लिए आठ सितंबर 2010 को आवेदन मांगे थे। आवेदन प्रक्रिया तथा परीक्षा तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. चैनसुख भारती के कार्यकाल में आयोजित की गई थी। उनके रिटायरमेंट के बाद डॉ. आरपी वर्मा अध्यक्ष बने। टीजीटी व पीजीटी के साक्षात्कार डॉ.आरपी वर्मा के कार्यकाल में हुए। अंतिम परीक्षा परिणाम की घोषणा 17 फरवरी 2012 को की गई। परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों ने नियुक्तियों में फर्जीवाड़े की शिकायत की। जांच में पता चला कि पांच ऐसे अभ्यर्थी अंतिम रूप से चयनित हो गये जो लिखित परीक्षा में सफल ही नहीं हुए थे। इनमें एक अभ्यर्थी अध्यक्ष की बहन व एक भाई था। तत्कालीन सदस्य डॉ. दशरथ चौधरी का बेटा भी बिना लिखित परीक्षा में सफल हुए चयनित हो गया। दो और अभ्यर्थी अधिकारियों के रिश्तेदार थे। कौन-कौन सी जांच लंबित -अध्यक्ष पर हमले के मामले में शासन स्तर पर जांच चल रही है। -अध्यक्ष पर अपने रिश्तेदारों को बिना लिखित परीक्षा में सफल हुए चयनित करने के मामले में जांच। -बोर्ड के सदस्य डॉ. केशरी नंदन मिश्र व पूर्व सदस्य डॉ. सतीश दुबे के खिलाफ भी जांच चल रही है। -फर्जी शिक्षकों की नियुक्तियों के मामले में भी चयन बोर्ड अपने स्तर पर जांच करा रहा है। news-dainik jagran 4/5/12