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Sunday, May 6, 2012

दारोगा रैंकर परीक्षा : दांव-पेंच में उलझीं उम्मीदें

दारोगा रैंकर परीक्षा : दांव-पेंच में उलझीं उम्मीदें
लखनऊ: दारोगा बनने की हसरत में खून-पसीना बहाने वाले पुलिसकर्मियों की उम्मीदें अब कानूनी दांव-पेंच में उलझी हैं। एक ओर उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस रैंकर परीक्षा में असफल रहे पुलिसकर्मी कोर्ट की शरण में हैं तो दूसरी ओर यह परीक्षा पास करने के बाद भी दारोगा होने से अब तक वंचित पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री व अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाने में जुटे हैं। प्रमोशन में आरक्षण को खत्म किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रदेश में लागू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद उत्तीर्ण पुलिसकर्मियों में भी खुशी की लहर है। प्रदेश पुलिस में विभागीय दारोगा की परीक्षा करीब 11 सालों बाद वर्ष 2011 में संपन्न कराई गई थी। परीक्षा में लगभग 55 हजार अभ्यर्थियों में से करीब 3891 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। इनमें अधिकांश सिपाही व हेड कांस्टेबिल की उम्र 40 वर्ष के आसपास है। बताया गया कि शारीरिक दक्षता परीक्षा व समूह परिचर्चा परीक्षा के बाद करीब 3300 जवान सफल हुए थे। अब परीक्षा के दौरान 10 किलोमीटर की दौड़ का सामना कर चुके पुलिसकर्मियों को पदोन्नति का इंतजार है। सफल अभ्यर्थियों ने अपनी ट्रेनिंग प्रारंभ कराए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई है। पुलिसकर्मियों के मुताबिक जनता दरबार में भी सीधे मुख्यमंत्री से बातचीत कर न्याय मांगा था। news-dainik jagran 6/5/12