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Wednesday, May 9, 2012

टीजीटी मामले में जवाब-तलब

टीजीटी मामले में जवाब-तलब
इलाहाबाद : उच्च न्यायालय ने टीजीटी चयन 2005 में अन्य पिछड़े वर्ग के मेरिट में आए अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी में मानकर पिछड़ा वर्ग कोटे को रिक्त होने वाले पदों तथा अघोषित पदों का परिणाम घोषित करने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति वी.के. शुक्ला ने ओम प्रकाश व दो अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आलोक यादव ने बहस की। याचिका के अनुसार माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कुल 342 पदों में से 197 का परिणाम घोषित किया। जिसमें सामान्य की मेरिट 448.3 अन्य पिछड़ा वर्ग की 442.6 न्यूनतम आयी। इसी मामले में दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने शेष परिणाम घोषित करने का आदेश दिया। बोर्ड ने 136 का परिणाम घोषित किया। नौ सीटों का परिणाम घोषित नहीं किया। इसमें सामान्य की मेरिट 442.8 व अन्य पिछड़ा वर्ग की 439 आयी। याचीगण का कहना है कि यदि पिछड़े वर्ग कोटे के मेरिट के अभ्यर्थियों को सामान्य अभ्यर्थी माना जाय तो ऐसे 14 अभ्यर्थियों की जगह पिछड़ा वर्ग कोटे में बन जायेगी। याचीगण की मेरिट 438.6 है। नये सिरे से परिणाम घोषित किये जाने की दशा में याची भी चयनित हो सकते है। न्यायालय ने याचिका आठ सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।
source-dainik jagran