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Saturday, May 5, 2012

समायोजित किए जाएंगे शिक्षामित्र

समायोजित किए जाएंगे शिक्षामित्र

लखनऊ, जागरण ब्यूरो : नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लागू होने के दो वर्ष बाद भी प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में 2.58 लाख शिक्षकों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को समायोजित करने की योजना है।
इस योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को दो वर्षों में दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी कराने का इरादा है। वहीं इंटर पास शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के जरिये बीटीसी कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति मांगने की योजना तैयार की है। सपा ने चुनावी घोषणा पत्र में एलान किया था कि प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को दो वर्षों में समायोजित कर दिया जाएगा। सत्तारूढ़ सपा सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें शिक्षकों की कमी दूर करने को यही नुस्खा सुझाया गया है। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 1.70 लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें से 1.24 लाख शिक्षामित्र स्नातक उत्तीर्ण हैं जबकि शेष 46 हजार इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हैं। एनसीटीई ने सरकार को स्नातक शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी कराने की अनुमति जनवरी 2011 में दी थी। इसी आधार पर 62 हजार शिक्षामित्रों के पहले बैच की ट्रेनिंग जुलाई 2011 से शुरू की गई थी news-dainik jagran 5/5/12